UNCLOS



UNCLOS: समुद्र संबंधी अंतरराष्ट्रीय कानून की रूपरेखा

UNCLOS का पूरा नाम है – "United Nations Convention on the Law of the Sea", जिसे हिंदी में "समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन" कहा जाता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जो समुद्री क्षेत्रों के प्रयोग, संसाधनों के दोहन, पर्यावरण संरक्षण, समुद्री विवादों के समाधान, और विभिन्न देशों के समुद्री अधिकारों को नियमित करती है।


इतिहास और पृष्ठभूमि

20वीं सदी के मध्य तक समुद्री क्षेत्रों के नियंत्रण को लेकर कोई स्पष्ट अंतरराष्ट्रीय कानून नहीं था। हर देश अपनी सीमाओं को मनमाने ढंग से तय कर रहा था, जिससे विवाद बढ़ते जा रहे थे। इसे समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रयास शुरू किया।

  • UNCLOS-I सम्मेलन 1958 में हुआ लेकिन यह सीमित सफलता प्राप्त कर सका।
  • UNCLOS-III (1973–1982) सबसे महत्त्वपूर्ण सम्मेलन था, जिसने वर्तमान UNCLOS दस्तावेज तैयार किया।
  • 10 दिसंबर 1982 को यह संधि आधिकारिक रूप से अपनाई गई और 16 नवंबर 1994 को यह लागू हुई।

आज दुनिया के 160+ देश इस संधि के पक्ष में हैं, हालांकि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अभी तक इसे आधिकारिक रूप से अनुमोदित नहीं किया है।


मुख्य प्रावधान

UNCLOS के अंतर्गत समुद्र को अलग-अलग क्षेत्रों में बाँटा गया है:

  1. आंतरिक जल (Internal Waters):
    जो पूरी तरह देश के भीतर होते हैं, जैसे बंदरगाह, खाड़ी आदि।

  2. आंचलिक समुद्र (Territorial Sea):
    समुद्र की वह सीमा जो तट से 12 नॉटिकल मील तक फैली होती है। इस पर पूरी संप्रभुता तटीय देश की होती है।

  3. सम्पर्क क्षेत्र (Contiguous Zone):
    यह तटीय समुद्र से आगे 12 नॉटिकल मील तक फैला होता है। यहाँ देश कानून, सीमा सुरक्षा और कर नियंत्रण के अधिकार रखता है।

  4. विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ - Exclusive Economic Zone):
    तट से 200 नॉटिकल मील तक का क्षेत्र, जिसमें तटीय देश मछली पकड़ने, तेल और खनिज संसाधनों के उपयोग का विशेष अधिकार रखता है।

  5. महासागर की गहराई (The Continental Shelf):
    समुद्र की सतह के नीचे की ज़मीन पर भी देश अपने संसाधनों का दावा कर सकता है, सामान्यतः EEZ के भीतर और कुछ मामलों में उससे आगे तक।

  6. अंतरराष्ट्रीय जल (High Seas):
    जो किसी देश के अधिकार क्षेत्र से बाहर होते हैं। इन पर सभी देशों को समान स्वतंत्रता होती है, जैसे नौवहन, मत्स्यन, और वैज्ञानिक शोध।


विवाद समाधान प्रणाली

UNCLOS में विवादों को सुलझाने के लिए कानूनी उपाय भी दिए गए हैं:

  • ITLOS (International Tribunal for the Law of the Sea)
  • Permanent Court of Arbitration
  • अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ)

उदाहरण: 2016 में फिलीपींस ने चीन के विरुद्ध दक्षिण चीन सागर में दावा किया था, जिसमें अदालत ने चीन के नाइन डैश लाइन को अवैध ठहराया।


निष्कर्ष

UNCLOS वैश्विक समुद्री शांति, संसाधनों के न्यायपूर्ण उपयोग और पर्यावरण सुरक्षा का सबसे महत्वपूर्ण ढाँचा है। यह देशों को अधिकार और ज़िम्मेदारियाँ दोनों प्रदान करता है। आज के समय में जब समुद्री क्षेत्र भू-राजनीतिक संघर्ष का केंद्र बनते जा रहे हैं, UNCLOS का पालन और सम्मान विश्व शांति के लिए अत्यावश्यक है।


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