NAADAM

 

नादाम (Naadam) 

नादाम मंगोलिया का एक प्रमुख पारंपरिक त्यौहार है, जो वहां की संस्कृति, इतिहास और खेलों का प्रतीक है। यह उत्सव प्रतिवर्ष जुलाई महीने में आयोजित किया जाता है और इसे 'तीन पुरुषोचित खेलों' का उत्सव भी कहा जाता है — कुश्ती, घुड़दौड़ और तीरंदाजी। यह त्यौहार न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि मंगोलियाई लोगों की वीरता, परंपरा और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है।

नादाम का आयोजन मुख्यतः मंगोलिया की राजधानी उलान बातोर में होता है, लेकिन इसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इस उत्सव की शुरुआत रंगारंग परेड और पारंपरिक पोशाकों में सजधज कर निकाली गई झांकियों से होती है। इसके बाद विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं होती हैं, जिनमें लोग बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।

तीन प्रमुख खेलों में से कुश्ती सबसे प्रमुख है। इसमें प्रतियोगी पारंपरिक वेशभूषा पहनकर एक-दूसरे से मुकाबला करते हैं। कुश्ती का उद्देश्य सामने वाले को जमीन पर गिराना होता है। दूसरा खेल घुड़दौड़ है, जिसमें बच्चे घुड़सवार होते हैं और ये दौड़ कई किलोमीटर लंबी होती है। इससे बच्चों की बहादुरी और घोड़ों की ताकत का अंदाजा लगाया जाता है। तीसरा खेल तीरंदाजी है, जो शारीरिक सटीकता और मानसिक एकाग्रता का परिचायक है।

नादाम का ऐतिहासिक महत्व भी बहुत है। यह पर्व चंगेज़ ख़ान के समय से मनाया जाता रहा है। आज भी यह स्वतंत्रता, एकता और मंगोलियाई राष्ट्र की गरिमा को दर्शाता है। वर्ष 2010 में यूनेस्को ने नादाम को "Intangible Cultural Heritage of Humanity" की सूची में शामिल किया, जिससे इसकी वैश्विक पहचान और भी बढ़ गई।

इस उत्सव के दौरान पारंपरिक संगीत, नृत्य, व्यंजन और हस्तशिल्प भी देखने को मिलते हैं। लोग पारंपरिक पोशाकें पहनते हैं, और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत वातावरण बनता है।


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