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गंदान मठ (Gandan Monastery)
गंदान मठ, जिसे गंदान तेगचिनलिंग मठ (Gandantegchinlen Monastery) के नाम से भी जाना जाता है, मंगोलिया की राजधानी उलान बातोर में स्थित एक प्रसिद्ध बौद्ध मठ है। यह मठ मंगोलिया के सबसे बड़े और प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और मंगोलियाई बौद्ध धर्म का केंद्र माना जाता है।
गंदान मठ की स्थापना 1835 ईस्वी में की गई थी। यह मठ तिब्बती बौद्ध परंपरा से जुड़ा है, विशेष रूप से गेलुग संप्रदाय से। "गंदान" शब्द तिब्बती भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "पूर्ण आनंद का स्थान"। यह मठ मंगोलियाई लोगों की आध्यात्मिक आस्था और धार्मिक जीवन का महत्वपूर्ण अंग है।
सोवियत शासन के दौरान 20वीं शताब्दी में मंगोलिया में अनेक बौद्ध मठों को नष्ट कर दिया गया था, लेकिन गंदान मठ को सीमित रूप से धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी गई, जिससे यह मठ उस दौर में भी अस्तित्व में बना रहा। 1990 के बाद, मंगोलिया में धार्मिक स्वतंत्रता पुनः स्थापित होने पर गंदान मठ को पुनर्जीवित किया गया और आज यह बौद्ध धर्म का जीवंत प्रतीक बन चुका है।
इस मठ का मुख्य आकर्षण मेगजिद जनरायस (Megjid Janraisig) की विशाल मूर्ति है, जो बौद्ध धर्म में करुणा के देवता अवलोकितेश्वर का रूप है। यह मूर्ति 26 मीटर ऊँची है और सोने, तांबे तथा कीमती पत्थरों से बनी हुई है।
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