CONTIGUOUS ZONE OF SEA



संपर्क क्षेत्र (Contiguous Zone): समुद्री नियंत्रण का विस्तार

संपर्क क्षेत्र (Contiguous Zone) समुद्र का वह भाग है जो किसी देश की आंचलिक समुद्री सीमा (Territorial Sea) के बाद शुरू होता है और अधिकतम 24 नॉटिकल मील (लगभग 44.4 किलोमीटर) तक फैला होता है। इसका अर्थ है कि तट से 12 से 24 नॉटिकल मील के बीच का समुद्री क्षेत्र “संपर्क क्षेत्र” कहलाता है।

यह सीमा संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS) के अंतर्गत स्थापित की गई है।


इस क्षेत्र में देश के अधिकार

संपर्क क्षेत्र में किसी देश को पूर्ण संप्रभुता तो प्राप्त नहीं होती, लेकिन उसे कुछ विशेष अधिकार दिए जाते हैं, विशेष रूप से नियंत्रण संबंधी अधिकार:

  1. सीमा सुरक्षा:
    देश अपनी सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है, ताकि कोई अनधिकृत व्यक्ति या वस्तु उसके क्षेत्र में प्रवेश न करे।

  2. कर व्यवस्था का पालन:
    यह सुनिश्चित करना कि कोई जहाज सीमा शुल्क या अन्य आर्थिक कानूनों का उल्लंघन न करे।

  3. आव्रजन और स्वास्थ्य नियंत्रण:
    अनाधिकृत आव्रजन, तस्करी, बीमारी या महामारी से संबंधित खतरे को रोका जा सकता है।

  4. नियमों की प्रवर्तन शक्ति:
    यदि कोई अपराध या उल्लंघन आंचलिक समुद्र में हुआ है, तो उसका पीछा कर इस क्षेत्र में कार्रवाई की जा सकती है।


निष्कर्ष

संपर्क क्षेत्र तटीय देशों को अपने आस-पास के समुद्र पर सीमित लेकिन आवश्यक नियंत्रण प्रदान करता है, जिससे वे सुरक्षा, आर्थिक कानूनों और व्यवस्था को बनाए रख सकें। यह क्षेत्र राष्ट्रीय संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के बीच संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है।

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