DEHRADOONI LITCHI
देहरादूनी लीची (Dehradooni Litchi) – उत्तराखंड की मीठी विरासत
देहरादूनी लीची उत्तराखंड राज्य के देहरादून क्षेत्र में पाई जाने वाली एक प्रसिद्ध और पारंपरिक किस्म है। यह लीची अपनी खास मिठास, पतले छिलके और रसीले गूदे के लिए देशभर में जानी जाती है। देहरादून की विशेष जलवायु और उपजाऊ दोमट मिट्टी इस किस्म की गुणवत्ता को विशेष बनाती है।
देहरादूनी लीची का आकार मध्यम होता है और इसका छिलका पतला तथा गुलाबी-लाल रंग का होता है। पकने पर यह चमकदार हो जाती है और इसमें एक प्राकृतिक मीठी सुगंध आती है। इसका गूदा सफेद, बहुत ही कोमल और अत्यंत रसीला होता है। बीज छोटा होता है, जिससे खाने योग्य भाग अधिक होता है, जो इसे और भी स्वादिष्ट बनाता है।
यह किस्म मुख्यतः जून महीने की शुरुआत से मध्य तक तैयार होती है और देहरादून के बाजारों के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी भेजी जाती है। देहरादूनी लीची का स्वाद संतुलित होता है – न बहुत तीखा, न बहुत फीका – और यह विशेष रूप से बच्चों और बुज़ुर्गों के बीच लोकप्रिय है।
देहरादूनी लीची में विटामिन C, पोटैशियम, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, त्वचा को स्वस्थ बनाती है और गर्मियों में शरीर को शीतलता प्रदान करती है।
यह लीची उत्तराखंड की कृषि पहचान का हिस्सा मानी जाती है। राज्य सरकार इसके संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, ताकि यह पारंपरिक किस्म आगे की पीढ़ियों तक बनी रहे।
देहरादूनी लीची, स्वाद, पोषण और क्षेत्रीय गर्व का प्रतीक है। यह न केवल फल के रूप में, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के रूप में भी पहचानी जाती है।
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