TYPES OF JACKFRUIT

 

कटहल (Jackfruit) की कई किस्में होती हैं, जो फल के आकार, स्वाद, गूदे की कठोरता, बीज के आकार और उपयोग (कच्चा या पका) के आधार पर विभाजित की जाती हैं। 


भारत में पाई जाने वाली प्रमुख कटहल की किस्में (Types of Jackfruit ]

  1. कपोहरी (Kapooree / Kapooree)

    • यह किस्म पकने पर बहुत मीठी और सुगंधित होती है।
    • गूदा मुलायम होता है।
    • अधिकतर फल खाने के लिए उपयोग होती है, सब्जी के लिए कम।
  2. कठारी (Kathari / Kathal Kathari)

    • इस किस्म का गूदा थोड़ा कठोर होता है।
    • कच्चे रूप में सब्ज़ी, पकौड़ी आदि बनाने के लिए उपयुक्त।
    • व्यावसायिक उत्पादन के लिए लोकप्रिय किस्म।
  3. वरिक्का (Varikka)

    • दक्षिण भारत की प्रसिद्ध किस्म (खासकर केरल में)।
    • गूदा कड़ा और मीठा होता है।
    • पकने के बाद लंबे समय तक खराब नहीं होता।
  4. कोज़ха (Koozha)

    • दक्षिण भारत में पाई जाने वाली किस्म।
    • गूदा मुलायम और रेशा युक्त होता है।
    • इसे खाने के साथ चटनी/जैम आदि में उपयोग किया जाता है।
  5. हनी जैक (Honey Jack)

    • मिठास बहुत अधिक होती है।
    • पकने के बाद शहद जैसा स्वाद आता है।
    • नरम और पीले रंग का गूदा।
  6. चम्पा कटहल (Champaka or Champa Kathal)

    • बहुत सुगंधित किस्म।
    • पकने पर चंपा के फूल जैसी खुशबू आती है।
    • गूदा थोड़ा नरम और रसदार।
  7. स्वर्णमुक्ता (Swarnamukhi / Swarnamukta)

    • वैज्ञानिक रूप से विकसित किस्म।
    • ज्यादा उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता।
    • सब्जी और फल दोनों उपयोग के लिए उपयुक्त।
  8. आई.एच.आर. (IHR) किस्में

    • भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित।
    • उच्च गुणवत्ता, अधिक उत्पादन, और कम समय में तैयार होने वाली।

उपयोग के आधार पर दो प्रमुख श्रेणियाँ:

  1. कच्चे उपयोग के लिए (सब्ज़ी/पकौड़ी आदि):

    • कठारी, वरिक्का, स्वर्णमुक्ता आदि
  2. पके फल के रूप में खाने के लिए (मीठे गूदे वाले):

    • कपोहरी, कोज़हा, हनी जैक, चम्पा आदि

अगर आप किसी राज्य विशेष (जैसे बिहार, केरल, झारखंड, या उत्तर प्रदेश) की कटहल किस्में जानना चाहते हैं, तो कृपया बताएं — मैं और विशिष्ट जानकारी दे सकता हूँ।

Comments

Popular posts from this blog

MAHUA BAGH GHAZIPUR