BLACK BOX

 

ब्लैक बॉक्स (Black Box) 

ब्लैक बॉक्स एक ऐसा उपकरण है जो हवाई जहाज, जहाज, या किसी भी महत्वपूर्ण वाहन में लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य दुर्घटना के समय वाहन की गतिविधियों और सूचनाओं को रिकॉर्ड करना होता है ताकि दुर्घटना के कारणों की जाँच की जा सके। इसे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) भी कहा जाता है।

ब्लैक बॉक्स का रंग वास्तव में काला नहीं होता, बल्कि यह नारंगी रंग का होता है जिससे कि दुर्घटना के बाद इसे आसानी से खोजा जा सके। यह एक बहुत ही मजबूत और टिकाऊ उपकरण होता है जो अत्यधिक गर्मी, पानी, और दबाव को सहन करने में सक्षम होता है। इसमें दो मुख्य प्रकार की जानकारी रिकॉर्ड होती है: एक तो विमान के उड़ान संबंधी डेटा जैसे ऊंचाई, गति, दिशा आदि, और दूसरा पायलट तथा सह-पायलट की बातचीत की रिकॉर्डिंग।

जब कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो सबसे पहले बचाव दल ब्लैक बॉक्स को ढूंढने की कोशिश करते हैं। इसके अंदर एक लोकेटर बीकन होता है जो दुर्घटना के बाद कुछ दिनों तक सिग्नल भेजता रहता है, जिससे इसे समुद्र या मलबे में ढूंढा जा सकता है।

ब्लैक बॉक्स की जानकारी से यह पता लगाया जा सकता है कि दुर्घटना किन कारणों से हुई – जैसे तकनीकी खराबी, मौसम की स्थिति, मानवीय गलती या आतंकवादी हमला आदि। इससे भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के उपाय किए जा सकते हैं।

आज के आधुनिक विमानों में ब्लैक बॉक्स अनिवार्य रूप से लगाया जाता है। यह न केवल हवाई दुर्घटनाओं की जाँच में मदद करता है, बल्कि विमानन सुरक्षा को भी बढ़ाता है। कई बार ब्लैक बॉक्स से मिली जानकारी ने बड़ी जानकारियाँ सामने लाकर सुरक्षा मानकों में सुधार किया है।

अंततः, ब्लैक बॉक्स एक मौन गवाह की तरह होता है जो दुर्घटना के समय की सच्चाई को उजागर करता है। यह तकनीकी प्रगति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है जो मानव जीवन की रक्षा में सहायक बनता है। इसलिए इसका महत्व आज के युग में बहुत अधिक है।

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