DGS MACHINE
DGS मशीन (DGS Machine) – डिजिटल ट्रैक निरीक्षण की आधुनिक तकनीक
DGS का पूर्ण रूप है Digital Gauge Cum Twisting cum Tilting cum Shifting Measurement System। इसे आमतौर पर DGS मशीन कहा जाता है। यह मशीन भारतीय रेलवे की एक उन्नत डिजिटल तकनीक है, जिसका उपयोग रेलवे ट्रैक के माप, मोड़, झुकाव (tilt), शिफ्ट और गेज की जांच के लिए किया जाता है। यह पारंपरिक मैन्युअल निरीक्षण की तुलना में तेज, अधिक सटीक और डिजिटल रूप से रिकॉर्ड योग्य प्रणाली है।
DGS मशीन का कार्य:
DGS मशीन का मुख्य उद्देश्य ट्रैक की स्वस्थता (Track Health) की जांच करना है। यह मशीन रेलवे पटरियों पर चलती हुई ट्रैक की स्थिति की वास्तविक समय (real-time) में जानकारी देती है। यह गेज (दो पटरियों के बीच की दूरी), ट्विस्ट (ऊंचाई में असमानता), टिल्ट (झुकाव), और ट्रैक शिफ्ट (दिशा परिवर्तन) जैसी महत्वपूर्ण मापों को रिकॉर्ड करती है।
मुख्य विशेषताएँ:
- डिजिटल सेंसर आधारित प्रणाली: उच्च संवेदनशीलता वाले सेंसर से लैस।
- रीयल-टाइम डेटा संग्रहण: तत्काल माप और रिपोर्ट जनरेट करना।
- GPS आधारित ट्रैकिंग: लोकेशन के अनुसार डेटा रिकॉर्ड करना।
- कम समय में ज्यादा क्षेत्र का निरीक्षण: मशीन मैन्युअल प्रक्रिया की तुलना में कई गुना तेज।
- डेटा का विश्लेषण और स्टोरेज: सॉफ्टवेयर से जुड़ा हुआ होता है, जिससे भविष्य में डेटा की तुलना और विश्लेषण संभव हो पाता है।
उपयोगिता:
- रेल दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक
- समय पर ट्रैक मरम्मत सुनिश्चित करना
- ट्रैक मानकों के अनुरूप है या नहीं, यह जांचना
- मानव त्रुटियों को न्यूनतम करना
निष्कर्षतः, DGS मशीन रेलवे ट्रैक की डिजिटल जांच प्रणाली है, जो भारतीय रेलवे को सुरक्षित, स्मार्ट और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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