OVERHEAD EQUIPMENT
ओएचई (OHE) – ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन की महत्वपूर्ण व्यवस्था
ओएचई का पूरा नाम ओवरहेड इक्विपमेंट (Overhead Equipment) है। यह रेलवे की एक अत्यंत आवश्यक विद्युत प्रणाली है, जिसका उपयोग विद्युत इंजन और इलेक्ट्रिक ट्रेनों को बिजली की आपूर्ति के लिए किया जाता है। यह प्रणाली रेलवे पटरियों के ऊपर तारों के रूप में लगी होती है और इन्हीं तारों से बिजली इंजन के पैंटोग्राफ के माध्यम से इंजन को प्राप्त होती है।
ओएचई सिस्टम मुख्य रूप से निम्नलिखित घटकों से बना होता है:
- कॉन्टैक्ट वायर (Contact Wire): यह तार ट्रेन के पैंटोग्राफ से सीधे संपर्क में रहता है।
- कैड वायर (Catenary Wire): यह संपर्क तार को सहारा देता है और ऊपरी संरचना का हिस्सा होता है।
- ड्रॉपर्स: ये तारों को संतुलित रखने के लिए संपर्क और कैड वायर के बीच जुड़े रहते हैं।
- इंसुलेटर्स: ये उपकरण विद्युत प्रवाह को खंभों और संरचनाओं में जाने से रोकते हैं।
- मास्ट्स (Poles): स्टील के खंभे जिन पर पूरी ओएचई संरचना टिकी होती है।
ओएचई में प्रायः 25 किलोवोल्ट एसी (AC) विद्युत आपूर्ति होती है, जो विद्युत इंजनों को चलाने के लिए पर्याप्त होती है। इस प्रणाली को बनाए रखने और समय-समय पर निरीक्षण करने के लिए टावर वैगन, ऑटो ट्रॉली, और अन्य यांत्रिक उपकरणों का उपयोग किया जाता है।
ओएचई प्रणाली भारतीय रेलवे की विद्युत चालित ट्रेनों की रीढ़ मानी जाती है। इसकी मदद से डीज़ल इंजनों पर निर्भरता कम हुई है, जिससे रेलवे की संचालन लागत में कमी और पर्यावरण प्रदूषण में नियंत्रण हुआ है।
निष्कर्षतः, ओएचई एक तकनीकी रूप से उन्नत, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल व्यवस्था है, जो भारतीय रेलवे की गति और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
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