CHINIA LITCHI
चाइना लीची (China Litchi) – स्वाद और सुंदरता का मेल
चाइना लीची भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख और लोकप्रिय लीची की किस्मों में से एक है। इसका नाम "चाइना" इस वजह से पड़ा क्योंकि यह किस्म आकार, बनावट और रंग में चीन में पाई जाने वाली लीचियों से मेल खाती है, हालांकि इसका उत्पादन भारत में ही होता है। यह किस्म विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्रों में उगाई जाती है।
चाइना लीची का आकार मध्यम से बड़ा होता है और इसका छिलका हल्का गुलाबी-लाल रंग का तथा थोड़ा मोटा होता है, जिससे यह परिवहन के दौरान जल्दी खराब नहीं होती। इस लीची का गूदा सफेद, रसीला और अत्यंत मीठा होता है। इसके बीज आमतौर पर छोटे होते हैं, जिससे खाने योग्य भाग अधिक होता है।
इस किस्म की लीची आमतौर पर मई के अंत से जून के मध्य तक पक कर तैयार हो जाती है। चाइना लीची अपने सौंदर्य, स्वाद और सुगंध के कारण बाजार में बहुत मांग में रहती है। यह ताजे फल के रूप में खाने के अलावा जूस, जैम और मिठाइयों में भी उपयोग की जाती है।
चाइना लीची में विटामिन C, पोटैशियम, मैग्नीशियम, फाइबर और प्राकृतिक शर्करा प्रचुर मात्रा में पाई जाती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होती है। गर्मी के मौसम में यह शरीर को ठंडक देती है और ऊर्जा का अच्छा स्रोत मानी जाती है।
चाइना लीची स्वाद, रूप और पोषण का बेहतरीन संयोजन है। इसकी व्यावसायिक मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिलता है और उपभोक्ताओं को स्वादिष्ट व स्वास्थ्यवर्धक फल। यह भारत में लीची की श्रेष्ठ किस्मों में से एक मानी जाती है।
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