SINGHAPURI BANANA
सिंहपुरी केला
सिंहपुरी केला (Singhapuri Banana) भारत की एक पारंपरिक और प्रसिद्ध केला किस्म है, जो मुख्यतः उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ भागों में उगाई जाती है। यह किस्म अपने बड़े आकार, मजबूत गूदे और लंबे समय तक टिकाऊपन के लिए जानी जाती है। सिंहपुरी केला आमतौर पर ताजे फल के रूप में सेवन किया जाता है, लेकिन इसे पकाकर खाने में भी उपयोग किया जाता है।
इस किस्म का फल लंबा, मोटा और थोड़ा टेढ़ा होता है। इसका छिलका जब पकता है तो गहरे पीले रंग का हो जाता है और उस पर कभी-कभी भूरे धब्बे भी दिखते हैं। गूदा थोड़ा कड़ा लेकिन मीठा और सुगंधित होता है। यही कारण है कि यह केला परिवहन में कम नष्ट होता है और लंबे समय तक ताजा बना रहता है।
सिंहपुरी केले का पौधा मध्यम से ऊँचे आकार का होता है और यह आमतौर पर 12 से 14 महीनों में फल देता है। इसे गर्म और समशीतोष्ण जलवायु, साथ ही गहरी और उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है। यह किस्म रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी अच्छी मानी जाती है और इसकी उत्पादन क्षमता भी संतोषजनक होती है।
पोषण की दृष्टि से सिंहपुरी केला ऊर्जा, फाइबर, पोटैशियम, विटामिन C, B6 और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। यह शरीर को त्वरित ऊर्जा देता है, पाचन में सहायक होता है और हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है।
निष्कर्ष:
सिंहपुरी केला एक बहुपयोगी, स्वादिष्ट और पोषण से भरपूर किस्म है, जो विशेष रूप से भारत के उत्तरी राज्यों में लोकप्रिय है। इसकी लंबी शेल्फ लाइफ और मजबूत बनावट इसे बाजार में एक बेहतरीन विकल्प बनाती है।
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