KATHARI KATHAL

 

कथारी कटहल (Kathari Kathal) – स्वादिष्ट और मुलायम गूदे वाली किस्म

कथारी कटहल भारत में पाई जाने वाली एक प्रमुख और स्वादिष्ट किस्म है, जो विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल में उगाई जाती है। यह किस्म अपने नरम, रसीले गूदे और पकने के बाद आने वाली मीठी सुगंध के लिए प्रसिद्ध है। कटहल की विभिन्न किस्मों में यह एक "कोमल गूदे" (Soft Flesh) वाली किस्म मानी जाती है।

कथारी कटहल का फल आकार में मध्यम से बड़ा होता है। इसका बाहरी छिलका हरा और कांटेदार होता है, लेकिन पकने पर यह हल्का पीला या भूरा हो जाता है। जब फल पकता है, तो उसमें से एक मीठी, तीव्र खुशबू आती है जो इसकी विशेष पहचान बन चुकी है। इसके अंदर का गूदा पीले या सुनहरे रंग का होता है, जो नरम, मुलायम और अत्यधिक मीठा होता है।

इस कटहल का उपयोग मुख्य रूप से पका हुआ फल खाने के लिए किया जाता है। कुछ लोग इसे मिल्कशेक, मिठाइयों और अचार बनाने में भी प्रयोग करते हैं। इसके बीज भी उबालकर या भूनकर खाए जाते हैं, जो स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं।

कथारी कटहल में प्रचुर मात्रा में विटामिन A, C, पोटैशियम, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। यह पाचन में सहायक होता है, शरीर को ऊर्जा देता है, और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। गर्मी के मौसम में यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है।

इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत इसका मुलायम गूदा और मीठा स्वाद है, जो बच्चों और बुज़ुर्गों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है।

कथारी कटहल स्वाद, पोषण और परंपरा का अद्भुत संगम है, जो भारत की स्थानीय कृषि विरासत को दर्शाता है।

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