TOWER WAGON
टावर वैगन (Tower Wagon) – रेलवे विद्युत रखरखाव की रीढ़
टावर वैगन एक विशेष प्रकार का रेलवे वाहन है जिसे मुख्यतः रेलवे की विद्युत ओवरहेड लाइनों (Overhead Equipment – OHE) के निरीक्षण, मरम्मत और रखरखाव के लिए उपयोग किया जाता है। यह वाहन बिजली से संचालित ट्रेनों की ओएचई वायर, पैंटो ग्राफ, इन्सुलेटर, और अन्य विद्युत उपकरणों की निगरानी एवं कार्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
टावर वैगन एक मोटर चालित विशेष डिब्बा होता है, जो दिखने में एक सामान्य रेल कोच जैसा लगता है लेकिन इसके ऊपर एक हाइड्रोलिक या मैन्युअल प्लेटफॉर्म (टॉवर) लगा होता है, जिसे ऊपर-नीचे और चारों ओर घुमाया जा सकता है। इस प्लेटफॉर्म पर चढ़कर कर्मचारी तारों की ऊंचाई, संरेखण (alignment), संपर्क जाँच और मरम्मत का कार्य करते हैं। इसके अलावा इसमें उपकरणों की जाँच करने वाले सेंसर, पावर टूल्स, सीढ़ियाँ, और सुरक्षा उपकरण भी होते हैं।
टावर वैगन का उपयोग विशेष रूप से उस समय किया जाता है जब किसी सेक्शन में विद्युत आपूर्ति बंद कर दी जाती है और काम करना सुरक्षित होता है। यह वैगन आसान गतिशीलता और तेजी से कार्य निपटाने की सुविधा देता है, जिससे रेलवे संचालन में देरी नहीं होती।
आजकल के टावर वैगन आधुनिक तकनीकों से लैस होते हैं जैसे GPS ट्रैकिंग, CCTV कैमरे, डिजिटल ऑडिटिंग सिस्टम, और कंप्यूटर आधारित जाँच प्रणाली। कुछ टावर वैगन ड्यूल मोड में भी आते हैं – यानी वे रेल पटरियों के साथ-साथ सड़क पर भी चल सकते हैं।
निष्कर्षतः, टावर वैगन भारतीय रेलवे की सुरक्षित और सतत विद्युत आपूर्ति के लिए एक अनिवार्य संसाधन है। यह विद्युत विभाग की कार्यकुशलता और आपातकालीन मरम्मत में तेजी लाने का माध्यम है।
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