DHAKA
ढाका
ढाका बांग्लादेश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह देश का राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक केंद्र है। ढाका बांग्लादेश के मध्य में स्थित है और बुरीगंगा नदी के किनारे बसा हुआ है। यह एक प्राचीन नगर है जिसका इतिहास सदियों पुराना है।
ढाका का इतिहास मुग़ल काल से जुड़ा हुआ है। 17वीं शताब्दी में मुग़ल शासक इस्लाम खान ने इसे बंगाल सूबे की राजधानी बनाया और इसका नाम "जहाँनाबाद" रखा। उस समय ढाका मुसलिन कपड़े के व्यापार के लिए विश्व प्रसिद्ध था। यहाँ बने बारीक सूती कपड़े, विशेष रूप से "ढाका मलमल", की मांग विश्वभर में थी।
आधुनिक काल में ढाका ने कई ऐतिहासिक घटनाओं को देखा है, जैसे कि ब्रिटिश शासन, पाकिस्तान के साथ विभाजन, और अंततः 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता। मुक्ति संग्राम (स्वतंत्रता युद्ध) के दौरान ढाका संघर्ष और बलिदान का केंद्र रहा।
ढाका आज बांग्लादेश की सबसे तेजी से बढ़ती हुई महानगरी है। यहाँ की आबादी लगभग 2 करोड़ के करीब है, जिससे यह विश्व के सर्वाधिक घनी आबादी वाले शहरों में से एक बन गया है। यहाँ पर विविध भाषाएँ, संस्कृतियाँ और धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं, जिनमें बहुसंख्या में बंगाली मुस्लिम समुदाय है।
शहर में अनेक ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थल हैं, जैसे –
- लालबाग किला – मुग़ल कालीन अद्भुत निर्माण।
- आसन मंजिल – गुलाबी महल, जो नवाबों की शाही विरासत को दर्शाता है।
- राष्ट्रीय स्मारक (Jatiyo Sriti Shoudho) – स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की याद में बना।
- शेख मुजीबुर रहमान संग्रहालय – बांग्लादेश के राष्ट्रपिता की स्मृति में।
- बैतुल मुकर्रम मस्जिद – राष्ट्रीय मस्जिद, इस्लामी वास्तुकला का सुंदर नमूना।
ढाका को "मस्जिदों का शहर" भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ हजारों मस्जिदें स्थित हैं। यह शहर कला, संगीत, साहित्य और फिल्म का भी केंद्र है। ढाका विश्वविद्यालय, बांग्लादेश इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय (BUET) और अन्य कई संस्थान यहाँ स्थित हैं।
ढाका बांग्लादेश की औद्योगिक और वाणिज्यिक राजधानी भी है। यहाँ रेडीमेड गारमेंट्स (RMG) उद्योग बहुत बड़ा है, जो देश के निर्यात का प्रमुख स्रोत है। इसके अलावा जूट, चमड़ा, औषधि और कृषि उत्पाद भी यहाँ से निर्यात होते हैं।
हालाँकि ढाका ने बहुत प्रगति की है, लेकिन यह भीड़, ट्रैफिक, प्रदूषण और अव्यवस्था जैसी समस्याओं से भी जूझ रहा है। फिर भी यह शहर ऊर्जा, जीवन और उम्मीदों से भरपूर है।
निष्कर्षतः, ढाका एक ऐसा शहर है जो इतिहास और आधुनिकता, संस्कृति और विकास, और संघर्ष और सफलता का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करता है। यह बांग्लादेश की आत्मा और पहचान का जीवंत प्रतीक है।
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