SHANTI NIKETAN

 

शांतिनिकेतन 

शांतिनिकेतन भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के बीरभूम जिले में स्थित एक सांस्कृतिक, शैक्षणिक और ऐतिहासिक स्थल है। इसकी स्थापना रवीन्द्रनाथ टैगोर के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर ने 1863 में की थी। इसका अर्थ है – "शांति का निवास"। बाद में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसे एक आध्यात्मिक और शैक्षिक केंद्र के रूप में विकसित किया।

रवीन्द्रनाथ टैगोर ने शांतिनिकेतन में 1901 में एक विद्यालय की स्थापना की जिसे "ब्रह्मचर्य आश्रम" कहा गया। यह विद्यालय गुरुकुल परंपरा से प्रेरित था जहाँ विद्यार्थी प्रकृति के बीच, खुले वातावरण में अध्ययन करते थे। बाद में यही विद्यालय विश्व भारती विश्वविद्यालय के रूप में विकसित हुआ, जिसे 1921 में टैगोर ने एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित किया।

शांतिनिकेतन केवल शिक्षा का केंद्र नहीं है, बल्कि कला, संस्कृति, संगीत और साहित्य का संगम स्थल भी है। यहाँ की शिक्षा प्रणाली में रचनात्मकता, स्वतंत्र सोच और प्रकृति से जुड़ाव को प्राथमिकता दी जाती है। टैगोर का मानना था कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह जीवन और आत्मा को भी समृद्ध करे।

यहाँ हर वर्ष पौष मेला, बसंत उत्सव, और टैगोर की जयंती पर भव्य आयोजन होते हैं, जिनमें देश-विदेश के कलाकार, लेखक, विद्यार्थी और पर्यटक भाग लेते हैं। शांतिनिकेतन आज भी टैगोर की दृष्टि, दर्शन और रचनात्मकता का जीवंत उदाहरण है।

निष्कर्षतः, शांतिनिकेतन एक ऐसा स्थान है जहाँ ज्ञान, कला और प्रकृति का अनूठा संगम होता है। यह भारत की शिक्षा और संस्कृति की धरोहर है, और रवीन्द्रनाथ टैगोर की दूरदर्शिता का प्रतीक भी।

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