VISHWA BHARATI UNIVERSITY
विश्व भारती विश्वविद्यालय
विश्व भारती विश्वविद्यालय (Visva-Bharati University) भारत का एक प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना रवीन्द्रनाथ टैगोर ने की थी। यह पश्चिम बंगाल राज्य के शांतिनिकेतन (जिला – बीरभूम) में स्थित है। टैगोर का सपना था एक ऐसे शिक्षण संस्थान का निर्माण करना जो पूर्व और पश्चिम के ज्ञान, कला और संस्कृति का संगम हो। इसी भावना से उन्होंने 1921 में विश्व भारती की स्थापना की।
विश्व भारती नाम का अर्थ है – "विश्व का भारत से मिलन स्थल"। टैगोर का मानना था कि शिक्षा केवल पुस्तकों और परीक्षाओं तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह प्रकृति, कला, संगीत और स्वतंत्र चिंतन से जुड़ी होनी चाहिए। उन्होंने इस विश्वविद्यालय को "गुरुकुल और आधुनिक शिक्षा प्रणाली" का समन्वय बनाकर विकसित किया।
शुरुआत में यह एक विद्यालय के रूप में शुरू हुआ जिसे टैगोर ने शांतिनिकेतन में "आश्रमिक विद्यालय" के रूप में चलाया। 1951 में भारत सरकार ने इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया और इसे एक राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया।
विश्व भारती विश्वविद्यालय में कला, संगीत, नृत्य, शिल्प, भाषा, साहित्य, समाजशास्त्र और दर्शन जैसे विषयों में उच्च शिक्षा प्रदान की जाती है। यहाँ के प्रमुख संकायों में "कला भवन", "संगीत भवन", "विद्या भवन", "ब्रह्म विद्यालय", "चीनी भवन" आदि शामिल हैं।
रवीन्द्रनाथ टैगोर स्वयं यहाँ शिक्षण कार्य में भाग लेते थे और देश-विदेश के विद्वान, कलाकार और लेखक यहाँ ज्ञान साझा करने आते थे। टैगोर के विचारों का प्रभाव आज भी विश्वविद्यालय की शिक्षण प्रणाली में झलकता है।
विश्व भारती का वातावरण प्रकृति से घिरा हुआ, शांत और प्रेरणादायक है। यहाँ के छात्र खुले मैदानों में अध्ययन करते हैं, जो इसे अन्य विश्वविद्यालयों से अलग बनाता है।
यहाँ सालाना लगने वाला "पौष मेला" और "बसंत उत्सव" पूरे देश में प्रसिद्ध हैं, जिनमें लोक संगीत, नृत्य और हस्तकला का सुंदर प्रदर्शन होता है।
निष्कर्षतः, विश्व भारती विश्वविद्यालय केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि एक संस्कृति, रचनात्मकता और आत्मिक शिक्षा का केंद्र है। यह रवीन्द्रनाथ टैगोर की शिक्षा संबंधी दूरदर्शिता का प्रतीक है और आज भी उनके आदर्शों को जीवित रखे हुए है।
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