TROPIC OF CANCER IN INDIA

 

भारत में कर्क रेखा

कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पृथ्वी की उत्तरी गोलार्ध में स्थित एक कल्पित रेखा है, जो भूमध्य रेखा से 23.5 डिग्री उत्तर अक्षांश पर स्थित है। यह रेखा पृथ्वी पर उस स्थान को दर्शाती है जहाँ सूर्य वर्ष में एक बार (लगभग 21 जून को) सिर के ठीक ऊपर होता है। भारत में यह रेखा बहुत महत्वपूर्ण भू-आकृतिक और जलवायु प्रभावों के लिए जानी जाती है।

भारत में कर्क रेखा देश के लगभग मध्य भाग से होकर गुजरती है और यह 8 राज्यों को पार करती है:

  1. गुजरात
  2. राजस्थान
  3. मध्य प्रदेश
  4. छत्तीसगढ़
  5. झारखंड
  6. पश्चिम बंगाल
  7. त्रिपुरा
  8. मिजोरम

इन राज्यों में कर्क रेखा के पार जाने वाले स्थानों पर अक्सर स्मारक चिह्न बनाए गए हैं, जिससे लोग जान सकें कि वे इस विशेष अक्षांश पर खड़े हैं। उदाहरण के लिए, गुजरात के कालोल, मध्य प्रदेश के उज्जैन, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, और त्रिपुरा के सोनामुरा में कर्क रेखा स्मारक देखे जा सकते हैं।

कर्क रेखा का भारत पर जलवायु, कृषि और दिन-रात के समय पर प्रभाव पड़ता है। इसके उत्तर में स्थित क्षेत्रों में ठंड का असर अधिक होता है जबकि दक्षिणी क्षेत्रों में अपेक्षाकृत गर्म जलवायु पाई जाती है।

कर्क रेखा के कारण भारत में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु का संगम होता है, जो कृषि विविधता और जैव विविधता को प्रभावित करता है।

निष्कर्षतः, कर्क रेखा भारत के भौगोलिक अध्ययन में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और इसका प्रभाव देश की जलवायु, कृषि और पारिस्थितिकी पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

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