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Showing posts from April, 2024

CHAUL KONKAN

DIVEAGAR KONKAN

NAGAON KONKAN

HARI HARESHWAR KONKAN

SOLE KADHI -A KONKANI SOUP

HOTEL SANMAN ALIBAUG

MAYUR BAKERY ALIBAUG

ALIBAUG BEACH ALIBAUG

HIRAKOT PALACE ALIBAUG

HIRAKOT LAKE ALIBAUG

  हिराकोट झील, अलीबाग (Hirakot Lake, Alibaug) हिराकोट झील महाराष्ट्र के अलीबाग शहर में स्थित एक सुंदर और शांत जलाशय है। यह झील अलीबाग के प्रसिद्ध हिराकोट किले के पास स्थित है, जिससे इसका ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व बढ़ जाता है। यह झील पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है, जहाँ लोग प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने और सुकून भरे माहौल में समय बिताने आते हैं। स्थान और महत्व हिराकोट झील अलीबाग शहर के केंद्र के पास स्थित है, जो इसे आसानी से पहुँचने योग्य बनाता है। यह झील प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है और यहाँ का शांत वातावरण इसे शहर की भीड़भाड़ से अलग एक खास स्थान बनाता है। झील के किनारे लगे पेड़ और हरियाली इसे और आकर्षक बनाते हैं। झील के आकर्षण हिराकोट झील के आसपास घूमने और प्रकृति के करीब रहने का शानदार अनुभव मिलता है। यह झील पक्षी प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है, क्योंकि यहाँ कई प्रकार के पक्षी देखे जा सकते हैं। झील के पास स्थित हिराकोट किला , जिसे मराठा शासकों ने बनवाया था, एक ऐतिहासिक धरोहर है और पर्यटकों के लिए एक दिलचस्प स्थल है। पर्यटन और सुव...

VARSOLI BEACH ALIBAUG

  वरसोली बीच, अलीबाग (Varsoli Beach, Alibaug) वरसोली बीच महाराष्ट्र के अलीबाग शहर में स्थित एक खूबसूरत और शांत समुद्र तट है। यह अलीबाग के मुख्य बीच से लगभग 3 किमी की दूरी पर स्थित है और अपनी स्वच्छता, प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यह समुद्र तट उन लोगों के लिए आदर्श स्थान है जो भीड़-भाड़ से दूर रहकर सुकून के पल बिताना चाहते हैं। विशेषताएँ और आकर्षण शांत और साफ-सुथरा तट – वरसोली बीच अलीबाग के अन्य बीच की तुलना में अधिक शांत और कम भीड़भाड़ वाला है। चांदी जैसी रेत और नारियल के पेड़ – इस तट की रेत हल्के सफेद रंग की है और इसके किनारे नारियल और काजू के पेड़ों से घिरे हुए हैं, जो इसे और भी सुंदर बनाते हैं। वाटर स्पोर्ट्स – यहाँ जेट स्कीइंग, बनाना राइड, पैरा सेलिंग और बोट राइड जैसी रोमांचक वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियाँ की जा सकती हैं। सनसेट व्यू – यह बीच सूर्योदय और सूर्यास्त के समय बेहद खूबसूरत दिखता है, जिससे यह फोटोग्राफी और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक पसंदीदा स्थान बन जाता है। रिसॉर्ट और होमस्टे – वरसोली बीच के आसपास कई खूबसूरत रिसॉर्ट और होमस्टे उपल...

UNDHERI FORT ALIBAUG

  उंदेरी किला, अलीबाग (Undheri Fort, Alibaug) उंदेरी किला महाराष्ट्र के अलीबाग तट के पास स्थित एक ऐतिहासिक समुद्री किला है। यह किला अरब सागर में एक छोटे से द्वीप पर स्थित है और अलीबाग के प्रसिद्ध कांदेरी किले के पास ही बना हुआ है। उंदेरी किला मराठाओं, अंग्रेजों और सिद्दियों के बीच कई ऐतिहासिक संघर्षों का गवाह रहा है। इतिहास और महत्व उंदेरी किले का निर्माण 1680 में सिद्दी कासिम ने करवाया था। यह किला उस समय समुद्री मार्गों पर नियंत्रण रखने और दुश्मनों पर नजर रखने के लिए बनाया गया था। इस किले पर कई बार मराठाओं और अंग्रेजों ने कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन यह लंबे समय तक सिद्दियों के नियंत्रण में ही रहा। बाद में अंग्रेजों ने इसे अपने अधिकार में ले लिया। भौगोलिक विशेषताएँ उंदेरी किला मुंबई और अलीबाग के बीच अरब सागर में स्थित है। यह किला पूरी तरह से समुद्र से घिरा हुआ है और यहाँ केवल नाव या बोट से ही पहुँचा जा सकता है। पास में ही कांदेरी किला भी स्थित है, जिससे यह क्षेत्र ऐतिहासिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बन जाता है। मुख्य आकर्षण मजबूत पत्थरों से बना किला – यह किला...

KANDERI FORT ALIBAUG

  कांदेरी किला, अलीबाग (Kanderi Fort, Alibaug) कांदेरी किला महाराष्ट्र के अलीबाग के समुद्र में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह किला अलीबाग के पास स्थित एक छोटे से द्वीप पर बना हुआ है और इसका निर्माण मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा करवाया गया था। यह किला रणनीतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि इससे समुद्री मार्गों पर निगरानी रखी जाती थी। कांदेरी किले का इतिहास कांदेरी किला 17वीं शताब्दी में बनाया गया था। इसे शिवाजी महाराज ने अंग्रेजों और पुर्तगालियों की समुद्री गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बनवाया था। इस किले के साथ ही पास में स्थित उंदेरी किला भी बनाया गया था, जो मराठाओं और अंग्रेजों के बीच संघर्ष का गवाह रहा है। कांदेरी किला एक रणनीतिक रक्षा संरचना के रूप में कार्य करता था और इसे नौसैनिक गतिविधियों की निगरानी के लिए उपयोग किया जाता था। स्थान और भौगोलिक विशेषताएँ कांदेरी किला अरब सागर में स्थित एक छोटे से द्वीप पर बना हुआ है। यह किला मुंबई और अलीबाग के बीच स्थित है और समुद्र के बीचों-बीच होने के कारण इसे नाव या बोट के माध्यम से ही पहुँचा जा सकता है। कांदेर...

CUFFE PARADE MUMBAI

KIHIM BEACH ALIBAUG

  किहीम बीच  परिचय: किहीम बीच महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में, अलीबाग से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक सुंदर और शांत समुद्र तट है। यह बीच प्राकृतिक सौंदर्य, शांत वातावरण और स्वच्छता के लिए प्रसिद्ध है। मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों के पास होने के कारण यह स्थान सप्ताहांत पर घूमने के लिए एक आदर्श स्थल बन गया है। प्राकृतिक सौंदर्य: किहीम बीच की सबसे बड़ी विशेषता इसका स्वच्छ, सुनहरा रेत वाला किनारा और नारियल व सुरम्य पेड़ों से घिरा हुआ तट है। यहाँ समुद्र की लहरें शांत होती हैं, जिससे यह स्थान परिवारों और बच्चों के लिए सुरक्षित माना जाता है। समुद्र के किनारे टहलना, सूर्यास्त देखना और समुद्री हवा का आनंद लेना यहाँ के मुख्य आकर्षणों में से हैं। पर्यटन और गतिविधियाँ: किहीम बीच पर पानी से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ जैसे कि जेट स्की, बनाना राइड और पैरासेलिंग भी उपलब्ध हैं, हालाँकि यह एक शांत स्थल माना जाता है। यहाँ आकर लोग प्रकृति के बीच शांति का अनुभव करते हैं। कई लोग यहाँ पिकनिक, कैम्पिंग या वीकेंड गेटअवे के रूप में आते हैं। पास में कुछ आकर्षण जैसे अलीबाग किला, कोर्लाई किला और कन...

AWAS SEA BEACH ALIBAUG

MANDAWA JETTY KONKAN

ALIBAUG KONKAN

BHOUCHHA DHAKKA MUMBAI

ARTIFICIAL INTELLIGENCE

 कृत्रिम बुद्धिमत्ता या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक शाखा है जो मानवीय बुद्धिमत्ता के सामान्य विशेषताओं को मूलतः मॉडल करने और उसे कंप्यूटर या मशीन में सिमुलेट करने का काम करती है। इसका उद्देश्य ऐसी तकनीकों और सिस्टमों का विकास करना है जो कार्यों को स्वचालित रूप से कर सकें और मानवों को इसमें योगदान नहीं करना पड़े। AI का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है, जैसे संगणना, विज्ञान, चिकित्सा, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, संचार, ऑटोमेटेड वाहन, संगीत, सिनेमा, गेमिंग, और अन्य सेक्टर। इसके उपयोग से कार्य प्रभावी बन रहे हैं और नए संभावनाओं का उद्भव हो रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एक महत्वपूर्ण शाखा है मशीन लर्निंग, जिसमें कंप्यूटर सिस्टम को डेटा से सिखाने की क्षमता होती है। यह सिस्टम स्वयं सीखता है और समय के साथ अपनी कार्यक्षमता में सुधार करता है। डीप लर्निंग, न्यूरल नेटवर्क्स, और गहरी शिक्षा के तकनीक भी AI के विभाग में आते हैं। इसके नागरिक परिणाम भी हैं, जैसे नौकरियों का परिवर्तन, नैतिकता की चुनौतियों, और डेटा प्राइवेसी के मुद्दे। AI के समाज में उद्भव के साथ, इसकी नीतियों और विनियमन की ...

KAROL BAG DELHI

  करोल बाग (Karol Bagh)  करोल बाग, भारत की राजधानी दिल्ली का एक प्रसिद्ध और व्यस्त बाजार क्षेत्र है, जो अपने विविधतापूर्ण व्यावसायिक केंद्रों, ऐतिहासिक महत्त्व और सांस्कृतिक मिश्रण के लिए जाना जाता है। यह दिल्ली के पुराने और नए हिस्से के बीच स्थित है और वर्षों से एक प्रमुख व्यापारिक एवं आवासीय क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ है। करोल बाग न केवल दिल्लीवासियों के लिए बल्कि देशभर से आने वाले पर्यटकों और खरीदारी प्रेमियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। इतिहास और विकास करोल बाग का इतिहास विभाजन (Partition) के बाद के दौर से जुड़ा हुआ है, जब बड़ी संख्या में शरणार्थी पाकिस्तान से भारत आकर बसे। उन लोगों ने इस क्षेत्र को बसाया और धीरे-धीरे इसे एक समृद्ध बाज़ार में बदल दिया। यहाँ की गलियों और दुकानों में आज भी उस समय की सांस्कृतिक छाप देखी जा सकती है। बाजार और खरीदारी का स्वर्ग करोल बाग खास तौर पर अपने विशाल और विविध बाज़ार के लिए जाना जाता है। यहाँ आपको पारंपरिक भारतीय परिधानों से लेकर पश्चिमी फैशन, इलेक्ट्रॉनिक सामान, किताबें, जूते-चप्पल और आभूषण सब कुछ मिलेगा। अजन्ता सिनेमा के पास स्...

BALMIKI CHOWK ROORKEE

SHIVAJI CHOWK ROORKEE

RAM NAGAR CHOWK ROORKEE

MALWIYA CHOWK ROORKEE

ROORKEE RAILWAY STATION

GANGES CANAL ROORKEE

IIT ROORKEE

  आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee)  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (IIT Roorkee), भारत का एक प्रमुख तकनीकी संस्थान है, जिसे देश और विदेश में उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान के लिए जाना जाता है। यह उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार जिले में गंगा नदी के किनारे स्थित है और देश के सबसे पुराने इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक है। इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1847 में "थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग" के रूप में ब्रिटिश सरकार द्वारा की गई थी। बाद में, इसे "यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की" के नाम से जाना गया और अंततः वर्ष 2001 में इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान का दर्जा प्राप्त हुआ, जिससे यह देश का सातवां आईआईटी बना। आईआईटी रुड़की में अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और पीएच.डी. स्तर की शिक्षा विभिन्न इंजीनियरिंग, विज्ञान, प्रबंधन और मानविकी विषयों में दी जाती है। यहाँ के प्रमुख विभागों में सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस, केमिकल, बायोटेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट स्टडीज आदि शामिल हैं। इस संस्थान की एक विशेष पहचान इसकी शोध गतिविधियों के लिए भी है। यहाँ कई राष्ट्...

PANDIT DEENDAYAL BRIDGE ROORKEE

ROORKEE

SCHOOL OF MILITARY ENGINEERING ROORKEE

SOLOMON TEMPLE MIZORAM

  सोलोमन मंदिर, मिजोरम  सोलोमन मंदिर मिजोरम राज्य की राजधानी आइज़ोल में स्थित एक भव्य और आकर्षक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर ईसाई समुदाय द्वारा निर्मित एक अनोखी संरचना है, जिसे बाइबिल में वर्णित राजा सोलोमन के प्राचीन मंदिर की शैली में बनाया गया है। यह मंदिर मिजोरम ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में अपनी अनूठी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। सोलोमन मंदिर का निर्माण कार्य 1997 में शुरू हुआ और इसे पूरा होने में लगभग 20 वर्ष लगे। यह 2017 में आम जनता के लिए खोला गया। इस मंदिर का निर्माण चर्च ऑफ गॉड (सोलोमोन टेम्पल) नामक एक धार्मिक संस्था द्वारा किया गया, जिसका नेतृत्व डॉ. लालबिआकजुआला ने किया। मंदिर का उद्देश्य लोगों को पवित्र जीवन की ओर प्रेरित करना और धार्मिक एकता को बढ़ावा देना है। यह मंदिर लगभग 3,025 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसकी ऊंचाई करीब 180 फीट है। इसकी वास्तुकला अत्यंत सुंदर है, जो हिब्रू और मिजो संस्कृति का मिश्रण प्रस्तुत करती है। इसकी बाहरी दीवारें सफेद संगमरमर जैसी दिखती हैं, जो इसे दूर से ही आकर्षक बनाती हैं। मंदिर के चारों कोनों पर चार मीनारें ह...

LENGPUI AIRPORT MIZORAM

  Lengpui Airport, Mizoram, भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हवाई अड्डा है। यह अड्डा मिजोरम की राजधानी आइज़ावल से लगभग 32 किलोमीटर दूर स्थित है और क्षेत्रीय जुड़ाव का एक अहम केंद्र है। इस हवाई अड्डे ने क्षेत्र के आर्थिक, सामाजिक और पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हवाई अड्डे की स्थापना का मुख्य उद्देश्य मिजोरम के दूरदराज के इलाकों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ना था, ताकि व्यापार, उद्योग और पर्यटन में वृद्धि हो सके। Lengpui Airport को आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस किया गया है। इसमें नवीनतम नेविगेशन सिस्टम, उन्नत बैगेज हैंडलिंग सुविधा और सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। अड्डे के टर्मिनल बिल्डिंग का डिज़ाइन भी अत्यंत आकर्षक है, जिससे यात्रियों को आरामदायक अनुभव मिलता है। हालांकि अड्डे का भौगोलिक स्थान कुछ चुनौतियाँ प्रस्तुत करता है, जैसे कि पहाड़ी इलाके और अप्रत्याशित मौसम की स्थितियाँ, लेकिन प्रबंधन टीम ने इन चुनौतियों का सामना करते हुए लगातार सुधार और विकास के प्रयास किए हैं। सरकारी स्तर पर भी इस हवाई अड्डे की कार्यक्षमता बढ़ाने के...

AIZAWL MIZORAM

VANTAWNG WATERFALL MIZORAM

HMUIFANG MIZORAM

MIZORAM STATE MUSEUM MIZORAM

MURLEN NATIONAL PARK MIZORAM

  मुरलेन राष्ट्रीय उद्यान (Murlen National Park) मुरलेन राष्ट्रीय उद्यान भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मिजोरम में स्थित एक प्रमुख जैव विविधता क्षेत्र है। यह उद्यान चंफाई जिले में स्थित है और इसकी स्थापना वर्ष 1991 में की गई थी। यह उद्यान लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और म्यांमार सीमा के नजदीक स्थित है। मुरलेन राष्ट्रीय उद्यान को "भारत का अमेज़न" भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ की वनस्पति अत्यंत घनी और जैव विविधता से भरपूर है। मुरलेन उद्यान का पर्यावरण अत्यंत समृद्ध और अद्वितीय है। यहाँ के घने जंगलों में सूर्य की किरणें भी मुश्किल से जमीन तक पहुँच पाती हैं, जिससे यह क्षेत्र रहस्यमय और रोमांचकारी प्रतीत होता है। यहाँ 35 से अधिक स्तनधारी प्रजातियाँ, 150 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ, और अनेक दुर्लभ वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख जानवरों में तेंदुआ, हिमालयी काला भालू, हुलॉक गिबन, सांभर, और विभिन्न प्रकार के पक्षी शामिल हैं। इस उद्यान की एक विशेषता यह भी है कि यहाँ विश्व की कुछ सबसे पुरानी और घनी जैविक संरचनाएँ हैं। यहाँ का तापमान, वर्षा और वातावरण जैव ...

DURTLANG HILLS MIZORAM

TAMDIL LAKE MIZORAM

  तामदिल झील (Tamdil Lake) तामदिल झील, जिसे "झीलों की भूमि" कहे जाने वाले मिज़ोरम राज्य की एक प्रमुख और सुंदर झील माना जाता है। यह झील मिज़ोरम की राजधानी आइज़ोल से लगभग 85 किलोमीटर दूर स्थित है और इसका नाम मिज़ो भाषा में "तम" (सरसों) और "दिल" (झील) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है "सरसों के खेतों के पास की झील"। प्राकृतिक सौंदर्य और भौगोलिक स्थिति तामदिल झील घने जंगलों और हरी-भरी पहाड़ियों से घिरी हुई है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाती है। यह मिज़ोरम की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है, जिसे जल भंडारण और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विकसित किया गया था। झील का पानी नीला और शांत है, जो इसे एक शानदार पिकनिक स्थल बनाता है। पर्यटन और आकर्षण तामदिल झील पर्यटकों के बीच बोटिंग, ट्रेकिंग और फोटोग्राफी के लिए लोकप्रिय है। झील के आसपास के घने जंगलों में कई प्रकार के वन्यजीव और पक्षी पाए जाते हैं, जिससे यह बर्ड वॉचिंग के शौकीनों के लिए भी एक बेहतरीन स्थान है। महत्व और संरक्षण यह झील न केवल मिज़ोरम के पर्य...

TARAK MEHTA KA OOLTAH CHASHMA

 "Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah" (तारक मेहता का उल्टा चश्मा) एक प्रसिद्ध भारतीय हिंदी धारावाहिक है जो 2008 में सबसे पहले टीवी पर आया था। यह कॉमेडी और फैमिली एंटरटेनमेंट के रूप में लोगों के दिलों में बहुत पसंद किया जाता है। इस सीरियल की कहानी गुजराती लेखक तारक मेहता के नाम पर आधारित है और इसका मुख्य उद्देश्य एक ऐसे समाजिक संदेश को बताना है जो हास्य और समाज सेवा को संतुलित रूप से प्रस्तुत करता है। "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" के सिरियल के मुख्य निर्देशक और प्रोड्यूसर आसीत कुमार मोदी हैं। इसके साथ ही उनके साथ-साथ बने ज़रिया वजाहत हासन भी हैं जिन्होंने इस सीरियल का निर्माण समर्थन किया। इस सीरियल में विभिन्न पात्रों को जीवित करने वाले कलाकारों की एक बड़ी एन्सेंबल कास्ट है। जैसे कि दिलीप जोशी (जिन्होंने जेठालाल का किरदार निभाया है) और दिशा वकानी (जिन्होंने दया का किरदार निभाया है)। "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" की कहानी गोकुलधाम सोसायटी में रहने वाले विभिन्न परिवारों के जीवन के चारित्रिक कलाकारों के इंटरेक्शन के बारे में है। यहाँ की समस्याओं, आम लोगों की जीवनशैली...

BHARAT BANGLADESH MAITRI UDYAN TRIPURA

  भारत-बांग्लादेश मैत्री उद्यान भारत-बांग्लादेश मैत्री उद्यान त्रिपुरा राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है। यह उद्यान भारत और बांग्लादेश के बीच गहरी मित्रता, सहयोग और ऐतिहासिक संबंधों का प्रतीक है। इसका निर्माण 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की स्मृति में किया गया था, जिसमें भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह उद्यान खासतौर पर उन भारतीय सैनिकों और बांग्लादेशी मुक्ति योद्धाओं (मुक्तिजोद्धाओं) की याद में बनाया गया है जिन्होंने बांग्लादेश की आज़ादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। यह स्थान दोनों देशों के साझा बलिदान और एकजुटता को सम्मानित करता है। यह न केवल ऐतिहासिक महत्व का केंद्र है, बल्कि एक पर्यटन स्थल भी बन चुका है। मैत्री उद्यान का उद्घाटन 2017 में हुआ था। इसमें एक विशाल स्मारक, मूर्तियाँ, चित्रों और शिलालेखों के माध्यम से इतिहास को जीवंत रूप में दर्शाया गया है। यहाँ भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की मूर्तियाँ भी हैं, जो दोनों देशों के बीच मित्रता के प्रतीक हैं। उद्यान में विभिन...

AKHAURA INTEGRATED CHECKPOST TRIPURA

KASBA KALIBADI KAMALASAGAR TRIPURA

UJJAYANTA PALACE TRIIPURA

SEPAHIJALA WILDLIFE SANCTUARY TRIPURA

MEKHLIPARA TEA ESTATE TRIPURA

TRIPURA SUNDARI TEMPLE MATABARI TRIPURA

GUMTI WILDLIFE SANCTUARY TRIPURA

DUMBOOR LAKE TRIPURA

  डम्बूर झील (Dumboor Lake)  डम्बूर झील त्रिपुरा राज्य के दक्षिण त्रिपुरा जिले में स्थित एक सुंदर और आकर्षक जलाशय है। यह झील अमरपुर उपखंड में गोमती और रामसर नदी के संगम पर स्थित है और त्रिपुरा की प्रमुख झीलों में से एक मानी जाती है। डम्बूर झील लगभग 41 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली हुई है और इसमें लगभग 48 छोटी-बड़ी द्वीप हैं जो इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देती हैं। इस झील का नाम “डम्बूर” डमरू के आकार से प्रेरित होकर रखा गया है, जो भगवान शिव का एक पवित्र वाद्य यंत्र माना जाता है। ऊपर से देखने पर यह झील डमरू की तरह प्रतीत होती है, इसलिए इसका नाम डम्बूर झील पड़ा। यह क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। डम्बूर झील की सबसे खास बात इसका शांत वातावरण और प्रकृति से जुड़ा सौंदर्य है। यहाँ का नीला पानी, हरे-भरे जंगल, पक्षियों की चहचहाहट और द्वीपों का शांत संयोजन इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाता है। यह झील पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहाँ विभिन्न प्रकार की प्रवासी और स्थानीय पक्षियों को देखा जा सकता है। ...

PILAK TRIPURA

  पिलक, त्रिपुरा  पिलक (Pilak) त्रिपुरा राज्य के दक्षिण त्रिपुरा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और पुरातात्विक स्थल है। यह स्थान अमरपुर उपखंड के जुलजुलिया और बागमती क्षेत्रों के निकट स्थित है, जो त्रिपुरा की सांस्कृतिक विरासत और इतिहास को उजागर करता है। पिलक एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो अपनी प्राचीन मूर्तियों, स्थापत्य कला और बौद्ध-हिंदू संस्कृति के अद्भुत संगम के लिए जाना जाता है। पिलक की खोज 8वीं से 12वीं शताब्दी के बीच की गई पुरातात्विक वस्तुओं से हुई, जो इसे पाल, गुप्त और सेन वंश की कलाओं से जोड़ती है। यहाँ खुदाई के दौरान कई बुद्ध और हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ प्राप्त हुई हैं, जिनमें भगवान विष्णु, शिव, गणेश, देवी दुर्गा, तथा बुद्ध की प्रतिमाएँ प्रमुख हैं। ये मूर्तियाँ बलुआ पत्थर से बनी हुई हैं और इन पर की गई नक्काशी उस समय की उत्कृष्ट शिल्पकला का प्रमाण देती है। पिलक की एक खास विशेषता यह है कि यहाँ बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म के प्रतीकों का सामंजस्य दिखाई देता है। यह स्थान धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक मेल का प्रतीक माना जाता है। यहाँ मिले स्तूप, मंदिर और अन्य वास्तु अवश...

CHABIMURA TRIPURA

  छबिमुरा (Chabimura छबिमुरा, जिसे “देवतमुरा” (Devtamura) के नाम से भी जाना जाता है, त्रिपुरा राज्य के दक्षिण त्रिपुरा जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यह स्थान गोमती नदी के किनारे, अमरपुर उपखंड के अंतर्गत स्थित है और अपनी अद्भुत चट्टानों पर उकेरी गई विशाल मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। घने जंगलों और ऊँची पहाड़ियों के बीच स्थित यह स्थल प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर का अनोखा संगम है। छबिमुरा का सबसे प्रमुख आकर्षण यहाँ की चट्टानों पर उकेरी गई देवी-देवताओं की विशाल मूर्तियाँ हैं। ये मूर्तियाँ लगभग 15वीं से 16वीं शताब्दी की मानी जाती हैं और बलुआ पत्थरों की खड़ी दीवारों पर बनाई गई हैं। यहाँ की सबसे प्रसिद्ध मूर्ति माँ दुर्गा की है, जो "महिषासुर मर्दिनी" के रूप में उकेरी गई है। यह मूर्ति लगभग 20 फीट ऊँची और 30 फीट चौड़ी है, और यह दर्शाती है कि प्राचीन त्रिपुरा में शिल्पकला कितनी समृद्ध और विकसित थी। यह स्थल धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा छबिमुरा तक पहुँचने के लिए न...

MONTANG VALLEY TRIPURA

  मोंटांग घाटी (Montang Valley)  मोंटांग घाटी, त्रिपुरा राज्य की एक उभरती हुई पर्यटन स्थल है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांति और जैविक विविधता के लिए जानी जाती है। यह घाटी उत्तर त्रिपुरा जिले के दलाई जिले के आसपास स्थित है और हाल के वर्षों में पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हो रही है। मोंटांग का अर्थ लोकल कोकबोरोक भाषा में “पहाड़ियों के बीच का मैदान” है, जो इस स्थान की भौगोलिक स्थिति को भी दर्शाता है। यह घाटी हरियाली से भरपूर पहाड़ियों, घने जंगलों और शांत वातावरण का अद्भुत मेल है। यहाँ की जलवायु वर्षभर सुहावनी रहती है, जो इसे गर्मियों की छुट्टियों के लिए एक आदर्श स्थान बनाती है। मोंटांग घाटी खासतौर पर उन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है जो भीड़-भाड़ से दूर, प्रकृति की गोद में समय बिताना चाहते हैं। मोंटांग घाटी का एक प्रमुख आकर्षण यहाँ की जैव विविधता है। यहाँ विभिन्न प्रकार की वनस्पतियाँ, पक्षी, तितलियाँ और जंगली जीव पाए जाते हैं। यह क्षेत्र प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग के समान है। इसके अलावा, घाटी के चारों ओर फैली छोटी-छोटी जनजातीय ...

TRISHNA WILDLIFE SANCTUARY TRIPURA

  त्रिशा वन्यजीव अभयारण्य (Trishna Wildlife Sanctuary)  त्रिशा वन्यजीव अभयारण्य (Trishna Wildlife Sanctuary) त्रिपुरा राज्य के दक्षिण त्रिपुरा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध और समृद्ध जैव विविधता वाला वन क्षेत्र है। यह अभयारण्य राज्य की राजधानी अगरतला से लगभग 100 किलोमीटर दूर बेलोनिया उपखंड के पास स्थित है। वर्ष 1987 में इसे आधिकारिक रूप से वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था, और तब से यह प्रकृति प्रेमियों, जीवविज्ञानियों तथा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह अभयारण्य लगभग 195 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और अपनी हरियाली, जल स्त्रोतों और विविध वन्यजीव प्रजातियों के लिए जाना जाता है। यहाँ के जंगलों में साल, सागौन, बांस, कंचन, जामुन, अर्जुन जैसे पेड़ बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा यहाँ कई प्राकृतिक जल स्रोत और झीलें भी हैं जो पूरे वन क्षेत्र की पारिस्थितिकी को संतुलित बनाए रखते हैं। त्रिशा अभयारण्य की सबसे प्रमुख विशेषता यहाँ पाई जाने वाली भारतीय गौर (Indian Bison) की बड़ी आबादी है। इसे "बाइसन अभयारण्य" भी कहा जाता है। इसके अलावा यहाँ चीतल, सांभर...

BARAMURA WATERFALL

JAMPUI HILLS TRIPURA

UNAKOTI ROCK CARVING TRIPURA

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NEER MAHAL TRIPURA

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 नीरमहल, जिसे रुद्रासागर झील के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐतिहासिक महल है जो 1930 में राजा बीर बिक्रम किशोर मानिक्य बहादुर ने निर्माण किया था। नीरमहल को त्विजिलिकमा नुयुंग भी कहा जाता है। नीरमहल देश का सबसे बड़ा 'जल महल' है। इस भवन का वास्तुकला, बड़े जल कई सुंदर दृश्यों के बीच घिरा होना, इसे त्रिपुरा में घूमने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक बनाता है। महल में कुल 24 कमरे हैं, जो दो भागों में बांटे गए हैं। हर साल अगस्त महीने में 3 दिनों तक एक जल महोत्सव आयोजित किया जाता है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल हैं। रुद्रासागर झील में जल महोत्सव के मुख्य आकर्षण में बोट रेसिंग और तैराकी प्रतियोगिताएं शामिल हैं। महाराजाओं को नीरमहल में राजघाट से हाथों से संचालित नौका के माध्यम से दो सीढ़ियों के माध्यम से आया जाता था। यह महल भारत में सर्वश्रेष्ठ टेरेस गार्डन में से एक में शामिल है।

CHITRAKOOT WATERFALL

 चित्रकोट जलप्रपात, जिसे भारत का मिनी नियाग्रा फॉल भी कहा जाता है, भारत में सबसे चौड़ा जलप्रपात होने के गर्व की स्थिति धारण करता है। महान खूबसूरति बस्तर के नगर जगदलपुर से 38 किमी दूर इंद्रावती नदी पर स्थित है। नदी का पानी घने वनस्पति से होकर बहता है और लगभग 95 फीट की ऊँचाई से नीचे गिरता है। यह एक होर्स-शू आकार का जलप्रपात है, जिसे बेहतरीन तरीके से जुलाई से अक्टूबर के बीच मॉनसून के दौरान और उसके बाद देखा जा सकता है। यह एक बहुत ही सुंदर दृश्य उपस्थित करता है।

KOHIMA

 कोहिमा नागालैंड का एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है, जो पूरी राज्य की राजधानी है। यहाँ का आबादी छोटी है, लेकिन यहाँ की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व इसे अद्वितीय बनाते हैं। कोहिमा का प्रमुख आधार नागा जनजाति के लोग हैं, जिनका विशेष रूप से खास पहचानी जाता है। यहाँ की रियासत इतिहास में भारी मायने रखती है, और कोहिमा इसे अपने विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है। कोहिमा का मौसम सुखद और शानदार होता है, खासतौर पर शीत ऋतु में यहाँ की ठंडक सर्दी की जमीनी चाह को छूती है। यहाँ के पहाड़ों की सुंदरता और आसपास की हरियाली दिल को छू लेती है। कोहिमा शहर में रहने वाले लोग अपनी सामाजिक और सांस्कृतिक जीवनशैली को बहुत महत्व देते हैं। यहाँ के लोग अपने रियायती नृत्य और गीतों के माध्यम से अपनी परंपराएं और विरासत को संजीवनी देते हैं। कोहिमा के इतिहास में अंग्रेजों के साथ लड़ाईयां, धर्मीय और सामाजिक आंदोलन, और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के रंग दिखाई देते हैं। यहाँ के स्थानीय बाजार, खासतौर पर नागा शैली के कपड़े और आदिवासी आर्टवर्क्स भी यात्रियों को आकर्षित करते हैं। कोहिमा का प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक व...

HOLY WATER FALLS TAWANG

MAWLYNNONG VILLAGE, MEGHALAYA

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RAINBOW WATERFALL MEGHALAYA

 मेघालया में रेनबो वॉटरफॉल एक अद्वितीय प्राकृतिक स्थल है जो प्रकृति की अनगिनत कलाओं में से एक है। इसका अस्तित्व खुद अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता और अनूठापन से प्रेरित है। रेनबो वॉटरफॉल मेघालया के उत्तरी भाग में स्थित है, और इसका नाम इसलिए है क्योंकि जब सूर्य की किरणें पानी के प्रवाहों को प्रकाशित करती हैं, तो यहां पर रेनबो के रंगों का आभास होता है। यहां पहुंचने के लिए आपको एक प्राकृतिक साहसिक यात्रा का अनुभव करना पड़ता है। आपको एक गहरी और कठिन पहाड़ी सफर का सामना करना पड़ता है, लेकिन जब आप वहां पहुंचते हैं तो यह सभी मेहनत और यात्रा के लिए वापस चुकाई जाती है। रेनबो वॉटरफॉल का दृश्य अद्वितीय है। पानी की बूंदें एक ऊँची परत पर गिरती हैं और रंगीन बोवा (बोझ) के रूप में प्रकाशित होती हैं। यहां आपको प्राकृतिक शांति का अनुभव होता है, और इस अनुभव को भूला नहीं सकते। रेनबो वॉटरफॉल में जाने के बाद, आपके मन में एक अद्वितीय और शांतिपूर्ण अनुभव की यादें बनती हैं, जो स्थायी रूप से आपके जीवन में एक साहसिक चिह्न बनते हैं।

DOUBLE DECKER LIVING ROOTS BRIDGE MEGHALAYA

 डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज मेघालय के छेरापूँजी जिले में स्थित है और यह एक अद्वितीय प्राकृतिक रहस्य है। यह रूट ब्रिज एकमात्र अपनी प्राकृतिक संरचना के लिए ही नहीं, बल्कि इसकी ऊंचाई, ऊर्जा और साहसिक इतिहास के लिए भी प्रसिद्ध है। डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज का नाम इसकी स्ट्रक्चर से ही लिया गया है, जिसमें दो लेयरों के रूट ब्रिज को देखा जा सकता है। यह ब्रिज बासा नामक गाँव में स्थित है और यहाँ पर पहुंचने के लिए अद्वितीय और रोमांचक ट्रैल पार करना पड़ता है। यह रूट ब्रिज अत्यधिक मजबूत है, क्योंकि इसे स्थाई और बांधकर काम किया गया है। इसे बनाने के लिए महालयाई लोगों ने पेड़ों के रूट को संगठित तरीके से उपयोग किया है जिससे इसकी अद्वितीयता और साहसिकता बढ़ी है। डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज की एक विशेषता यह है कि इसे पेड़ों के रूटों को पर्याप्त समय तक बढ़ावा देने के लिए लोग समय-समय पर देखभाल करते हैं। इस ब्रिज का अद्वितीयता इसमें है कि इसने वर्षों से संभाले गए पेड़ों के सहारे खुद को बनाया है। डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज एक अद्वितीय प्राकृतिक और विरासत स्थल है जो पर्यटकों के लिए एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता...

ARVA CAVES MEGHALAYA

  अरवा गुफाएँ (Arva Caves)  अरवा गुफाएँ (Arva Caves) त्रिपुरा राज्य के एक सुंदर और रहस्यमय प्राकृतिक स्थल के रूप में जानी जाती हैं। ये गुफाएँ उत्तर त्रिपुरा जिले में स्थित हैं और हाल के वर्षों में यह स्थान प्रकृति प्रेमियों और रोमांच के शौकीनों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। पहाड़ियों के बीच बसी ये गुफाएँ अपने प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिकता और शांत वातावरण के कारण पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। अरवा गुफाएँ घने जंगलों और ऊँची-नीची चट्टानों के बीच स्थित हैं। यहाँ की गुफाएँ प्राकृतिक रूप से चूना पत्थर की चट्टानों के कटाव से बनी हैं। इन गुफाओं के भीतर जाने पर एक ठंडा और रहस्यमयी वातावरण मिलता है। गुफाओं के अंदर की संरचना बेहद अनोखी है — कहीं पत्थरों की लटकती झालरें हैं तो कहीं संकरे रास्ते, जो किसी रोमांचकारी फिल्म जैसा अनुभव कराते हैं। इन गुफाओं का उपयोग प्राचीन काल में शायद साधना स्थलों या आश्रय स्थल के रूप में किया जाता था, हालांकि इसके ऐतिहासिक प्रमाण बहुत सीमित हैं। फिर भी स्थानीय जनजातियों के बीच इन गुफाओं से जुड़े कई लोककथाएँ और मान्यताएँ प्रचलित हैं, जो इस स्थान को और भी रहस्...

MAWSMEI CAVES MEGHALAYA

NOHKALIKAI WATER FALLS MEGHALAYA

 नोहकालिकाई जलप्रपात मेघालय, भारत में स्थित है और यह एक अत्यधिक सुंदर और प्राकृतिक दृश्य है। यह जलप्रपात क्षेत्र मेघालय के चेरापूँजी जिले में स्थित है और अपनी ऊँचाई और शानदारता के लिए प्रसिद्ध है। नोहकालिकाई जलप्रपात की विशेषता यह है कि यह भारत में सबसे ऊँचा जलप्रपात है और इसकी ऊँचाई लगभग 1115 फीट (340 मीटर) है। इसके इलावा, यह भी अपने कठोर वातावरण और सुंदर प्राकृतिक सुरम्य में प्रसिद्ध है। नोहकालिकाई जलप्रपात का नाम एक पौराणिक कथा से आया है, जिसमें बताया गया है कि एक मां ने अपनी बेटी को मार डाला था और फिर खुद को प्रपात में गिरा दिया था। इसलिए, जलप्रपात का नाम "नोहकालिकाई" रखा गया, जो नामकरण का अर्थ है "मां का जल"। इस जलप्रपात का दृश्य वाकई बेहद भव्य और आकर्षक है। विशेष रूप से मानसून के मौसम में, जलप्रपात की ऊँचाई बढ़ जाती है और उसकी झील में गहरा नीला पानी भी अत्यंत खूबसूरत लगता है। इसके अतिरिक्त, नोहकालिकाई जलप्रपात का आसपास का परिसर भी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां पर घने वन, हरित पहाड़ियाँ, और वन्यजीवन का समृद्ध संग्रहण है, जो इस स्थान को एक पर्यटकों का स्वर...

DAINTHLEN WATER FALLS MEGHALAYA

 डेंथलेन वॉटरफॉल्स मेघालय के खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों में से एक हैं। ये जलप्रपात जून्क्शन शहर के पास स्थित हैं और इसका आकर्षण उसके प्राकृतिक सौंदर्य में है। डेंथलेन वॉटरफॉल्स का नाम बहुतायत जलप्रपातों की तरह है, जो मेघालय में विख्यात हैं। यहाँ के जलप्रपात विशेष रूप से बारिश के मौसम में बेहद खूबसूरत होते हैं। यह जलप्रपात अपने ऊँचाई, जल की धाराओं के शोर, और परिसर की हरियाली के लिए प्रसिद्ध है। इसके चारों ओर के जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों का दृश्य बहुत ही मनमोहक है। डेंथलेन वॉटरफॉल्स यात्रियों के लिए एक पसंदीदा स्थल हैं, खासकर वो लोग जो प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के शौकीन हैं। इसका दौरा वास्तव में आत्मा को शांति और सुकून मिलता है। डेंथलेन वॉटरफॉल्स की खूबसूरती को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है, इसलिए वो खुद जाकर उसकी अद्वितीयता का आनंद लेना बेहतर है।

WAH KABA FALLS SOHRA MEGHALAYA

 वाह काबा जलप्रपात भारत के मेघालय राज्य में स्थित है और यह एक अत्यधिक सुंदर प्राकृतिक दृश्य है। यह जलप्रपात मेघालय के जयंतिया पहाड़ियों के नीचे स्थित है और इसकी शानदारता और ऊँचाई इसे विशेष बनाती है। वाह काबा जलप्रपात का नाम वाह शाह सरकार के पति काबा जन से प्रेरित है। इस जलप्रपात की ऊँचाई लगभग 170 फीट (52 मीटर) है और यहाँ की खूबसूरती को देखकर आपको वाह कहने को मन करेगा। वाह काबा जलप्रपात के आसपास का परिसर भी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहाँ पर घने जंगल, उच्च पहाड़ियाँ, और शांतिपूर्ण वातावरण है, जो यहाँ के दौरे को और भी रोमांचक बनाते हैं। यहाँ पर जाने के लिए सबसे अच्छा समय जल-पूर्वक के मौसम के दौरान है, जब जलप्रपात अधिक खूबसूरत लगता है। इस जलप्रपात का दृश्य वाकई दिल को छू लेने वाला है और इसे देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ यहाँ आती है। सम्पूर्ण रूप से, वाह काबा जलप्रपात एक अत्यधिक सुंदर पर्यटन स्थल है जो प्राकृतिक सौंदर्य, शांति, और रोमांच का अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। यहाँ आकर आपको एक नया और मनोहारी दुनिया का अनुभव होगा।

MAWKDOK VALLEY MEGHALAYA

SOHRA MEGHALAYA

 सोहरा, जिसे पहले चेरापुंजी के नाम से भी जाना जाता है, मेघालय का एक खूबसूरत और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां के मौसम का नाम गरो नामक समुद्री हवाओं के आने के बाद जाता है, जिससे यहां अधिक वर्षा होती है। सोहरा एक अद्वितीय स्थल है जहां आपको प्राकृतिक सौंदर्य और वातावरण का आनंद मिलता है। सोहरा के प्रमुख आकर्षणों में से एक है "दखूम दरार", जो एक प्राकृतिक गुफा है जिसमें एक खुली दरार है जो शानदार प्राकृतिक दृश्य प्रदान करती है। यहां के प्राकृतिक गुफाएं, झीलें, और पहाड़ियों का नजारा बेहद खूबसूरत है। यहां का दूसरा प्रमुख आकर्षण "सोहरा डी वाल डी लॉव" है, जो भीगा रहने के लिए एक प्राकृतिक जलस्रोत है जो वर्षा के मौसम में विशेष रूप से खूबसूरत लगता है। सोहरा का मौसम भी यहां के पर्यटन को और भी रोमांचक बनाता है। यहां पर जुलाई से सितंबर के बीच वर्षा का मौसम होता है, जिससे यहां के प्राकृतिक दृश्य और वातावरण और भी आकर्षक बन जाते हैं। सोहरा मेघालय का एक खास पर्यटन स्थल है जो प्राकृतिक सौंदर्य, शांति, और रोमांच का अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। यहां के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य और शांतिपूर्...

MAWPHLANG SACRED FOREST MEGHALAYA

DELHI MISTHAN BHANDAR SHILLONG

DON BOSCO MUSEUM SHILLONG

 दॉन बॉस्को संग्रहालय शिलॉंग में एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो मेघालय के इस शहर के प्राचीन और संस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है। यह संग्रहालय ब्रेहोंग्केंग थाना क्षेत्र में स्थित है और इसे देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ यहाँ आती है। दॉन बॉस्को संग्रहालय में आपको मेघालय के संस्कृति, ऐतिहासिक स्थल, और प्राकृतिक विविधताओं का अद्भुत संग्रह मिलता है। यहाँ पर गुहाएं, पारंपरिक वस्तुएं, प्राचीन शिल्पकला की खासियतें, और स्थानीय जनजातियों की संस्कृति से जुड़ी वस्तुएं हैं। संग्रहालय में एक बड़ा क्षेत्र भी है जहाँ आपको मेघालय के विभिन्न समुदायों की जीवनी, संस्कृति, और उनकी विविधता को समझने का अवसर मिलता है। यहाँ पर भारतीय जनजातियों के विभिन्न उपनिवेशों की मॉडल गाँवों की भी शॉर्ट टूर आयोजित की जाती हैं। इसके अतिरिक्त, संग्रहालय में आपको विभिन्न कला रूपों, वस्तुओं, और सामग्रियों का अद्वितीय संग्रह भी देखने को मिलता है। यहाँ पर आप अपनी संस्कृतिक ज्ञान को बढ़ाने का सुनहरा मौका पा सकते हैं। सम्पूर्ण रूप से, दॉन बॉस्को संग्रहालय एक अत्यधिक जानकारीप्रद, मनोरंजनात्मक, और संस्कृतिक स्थल है जो पर्यटकों को मेघा...

WARD'S LAKE SHILLONG

 वार्ड के झील, जिसे शिलॉंग के दिल के रूप में जाना जाता है, मेघालय के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह एक प्राकृतिक झील है जो शिलॉंग शहर के केंद्र में स्थित है और यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा देता है। वार्ड के झील को स्थानीय लोग आमतौर पर पोलक झील के नाम से भी जानते हैं, जो इसे बनाने वाले इंजीनियर के नाम पर है। यहाँ का वातावरण बहुत ही शांतिपूर्ण और प्राकृतिक है, जो पर्यटकों को अपनी चरम शांति और साफ-सुथरी परिसर में बिताएं वक्त का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है। वार्ड के झील का परिसर सुंदर पार्क और आधुनिक सड़कों से घिरा है, जो पर्यटकों को वहाँ की निर्मलता और शांति का अनुभव करने का मौका देते हैं। यहाँ पर वाणिज्यिक क्षेत्रों से दूर, एक बहुत ही सुंदर प्राकृतिक मनोरम झील है जो शहर की गलियों के भीतर छिपी शांति का सच्चा रूप है। वार्ड के झील में तैरते और हंसते हुए जलचर पक्षियों की भी सौंदर्यता अप्रतिम होती है। यहाँ पर वन्यजीवन की ध्वनि, हरियाली, और फूलों की खुशबू से भरपूर माहौल मन को शांति प्रदान करता है। सम्पूर्ण रूप से, वार्ड के झील शिलॉंग का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो प्राकृतिक स...

DAWKI SHILLONG

 दॉकी, मेघालय के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जो मेघालय के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है। यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्यता और नीले पानी की क्रिस्टल क्लीयरता से पर्याप्त है कि यह एक चमत्कारिक स्थल माना जाता है। दॉकी का सबसे प्रसिद्ध आकर्षण है उसका नज़ारा जो नीले पानी के साथ पहाड़ों के सुंदरता को छू रहा है। यहाँ पर पानी इतना साफ है कि आप जमीन के नीचे तक देख सकते हैं। यहाँ के जल से नीले रंग की छाया वायरस के कारण होती है, जो इसे एक अद्वितीय दृश्य बनाता है। दॉकी का प्रसिद्धतम स्थल उसका बाजार है, जहाँ पर्यटक खरीदारी कर सकते हैं और स्थानीय खाद्य स्वादिष्ट विकल्पों का आनंद ले सकते हैं। यहाँ पर दार्जिलिंगी चाय, स्थानीय फल, और स्ट्रीट फूड का आनंद लिया जा सकता है। दॉकी का नाम भारत-बांग्लादेश सीमा के नज़दीकी खेला जाता है। यहाँ पर बांग्लादेश के दाक घेरे के कारण यह नाम प्रसिद्ध हो गया है। यहाँ पर गर्मियों में पानी की साफ सुंदरता का अद्भुत मौसम होता है, जो पर्यटकों को यहाँ आने के लिए प्रेरित करता है। दॉकी का दौरा एक अद्वितीय प्राकृतिक अनुभव होता है, जो पर्यटकों को साफ स्थलीय प्राकृतिक सौंदर्य, स्थ...

ELEPHANT FALLS SHILLONG

 हाथी जलप्रपात एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो मेघालय के शिलॉंग शहर के बड़ी आकर्षणों में से एक है। इसे देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ यहाँ पर आती है। यह जलप्रपात हाथी के बड़े आकार की तरह लगता है, जिससे इसे हाथी जलप्रपात कहा जाता है। हाथी जलप्रपात में एक मुख्य और चार छोटे जलप्रपात हैं, जो वास्तव में बहुत ही खूबसूरत होते हैं। यहाँ पर वन्यजीवन, प्राकृतिक सौंदर्य, और शांति का अद्वितीय अनुभव मिलता है। हाथी जलप्रपात का नाम एक पुरानी कहानी से आया है, जिसमें कहा जाता है कि यहाँ पर पहले बहुत बड़े हाथी रहते थे, जो इस जलप्रपात को खोजने के लिए लोगों के साथ रहते थे। हाथी जलप्रपात के आसपास का परिसर भी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहाँ पर घने जंगल, उच्च पहाड़ियाँ, और खूबसूरत पर्यावरण है। सम्पूर्ण रूप से, हाथी जलप्रपात एक अत्यधिक खूबसूरत, रोमांचक, और शांतिपूर्ण स्थल है जो पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य और शांति का अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। यहाँ आने पर आपको प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने का मन करेगा और आपके मन में शांति की भावना आएगी।

POLICE BAZAR SHILLONG

 पुलिस बाजार, मेघालय के शिलांग शहर में स्थित एक प्रमुख वाणिज्यिक क्षेत्र है। यहाँ विभिन्न प्रकार के वस्त्र, गहने, खाद्य और सामान उपलब्ध हैं। इस बाजार का नाम उस समय में पुलिस परिक्रमा के कारण रखा गया था, जब यहाँ बड़ी संख्या में पुलिस अफसरों का आना जाना होता था।  पुलिस बाजार एक रोचक और व्यापारिक स्थल है। यहाँ आपको विभिन्न रेंज के वस्त्र, प्राचीन गहने, लोकल क्राफ्ट्स, चाय, तंबाकू, लेटर आइटम्स, बिजली के सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य वस्तुएं मिलती हैं। यहाँ आने वाले लोग अपनी खरीदारी करने के लिए बहुत उत्सुक होते हैं।  इस बाजार में आपको बड़ी संख्या में लोकल विक्रेताओं के साथ-साथ बड़े ब्रांड्स की दुकानें भी मिलती हैं। यहाँ के भोजन का अनुभव भी खास है, क्योंकि यहाँ पर लोकल खाद्य स्वादिष्टता में अपने आप में विशेष है।  पुलिस बाजार की विशेषता यह है कि यहाँ आपको वस्त्रों के अलावा शिल्प एवं कला के उत्कृष्ट नमूने भी देखने को मिलते हैं। यहाँ की लोकल क्राफ्ट्स और गहने विश्वसनीयता और शैली में अपनी विशेषता के लिए प्रसिद्ध हैं।  यहाँ आने वाले पर्यटक और लोग खरीदारी के साथ-साथ स्थानीय...

JIBHI HIMACHAL PRADESH

 जिभी एक खूबसूरत और शांतिपूर्ण स्थान है जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है। यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता और ठंडी हवाएं हर किसी को आकर्षित करती हैं। जिभी नामक गांव, जो बन्जारा ट्राइब्स का गांव है, इस क्षेत्र का मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां के पहाड़ों की ऊँचाई, झीलों की सुंदरता, और महान वन्यजीवों का निवास स्थल पर्यटकों को खींचते हैं। जिभी के आसपास के पहाड़ों पर घुमने का अद्भुत अनुभव होता है। यहां के वन्यजीव जैसे की बारहसिंघा, लैंगुर, हिरण, रैडान, ब्लैक बीयर, और छोटे जानवरों का दर्शन करने के लिए पर्यटक यहां आते हैं। जिभी के निकट ही जाने के लिए लोग कई गतिविधियों को भी अनुभव कर सकते हैं। जैसे की ट्रेकिंग, कैंपिंग, जलयात्रा, और बर्फीले पर्वतों पर घूमना। जिभी में पर्यटकों के लिए कई अच्छे होटल और आरामदायक छावनियां हैं जो इस स्थान को एक आरामदायक और सुरक्षित स्थान बनाती हैं। यहां की स्थानीय खाद्य स्वादिष्टता और महज़बीनी में भी पर्यटकों को खिलजाती है। समुदाय में गुरुद्वारा और मंदिर के साथ-साथ जिभी की स्थानीय संस्कृति और परंपराओं का भी खूबसूरत अंग है। जिभी एक ऐसा स्थान है जहां प्राकृतिक सौंदर्य, स्थान...

PUSHPA BHADRA RIVER HIMACHAL PRADESH

KULHI KATANDI HIMACHAL PRADESH

SEROLSAR LAKE HIMACHAL PRADESH

RAGHUPUR FORT HIMACHAL PRADESH

JALORI PASS HIMACHAL PRADESH

  जालोरी दर्रा (Jalori Pass): हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित जालोरी दर्रा (Jalori Pass) एक प्रसिद्ध पर्वतीय दर्रा है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, रोमांचक मार्ग और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 10,800 फीट (करीब 3,120 मीटर) की ऊँचाई पर स्थित है और बंजार घाटी को सिराज घाटी से जोड़ता है। यह जगह ट्रेकिंग, कैंपिंग, और एडवेंचर के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। जालोरी दर्रे की विशेषता इसकी हरियाली, शांत वातावरण और हिमाच्छादित पहाड़ हैं। यहाँ पहुँचने का रास्ता घुमावदार और चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन मार्ग के दोनों ओर की प्राकृतिक छटा मन मोह लेती है। सड़कें पतली और कभी-कभी खतरनाक होती हैं, इसलिए अनुभवहीन ड्राइवरों के लिए यह रास्ता थोड़ा कठिन हो सकता है। हालाँकि, यात्रा के दौरान दिखाई देने वाले देवदार और बाँज के जंगल, पहाड़ी फूल, और पक्षियों की चहचहाहट हर थकान को दूर कर देती है। जालोरी दर्रा गर्मियों में खुला रहता है और सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण बंद हो जाता है। अप्रैल से नवंबर के बीच यहाँ आना सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस क्षेत्र में ...

JIWANALA VALLEY HIMACHAL PRADESH

GREAT HIMALAYAN NATIONAL PARK HIMACHAL PRADESH

TIRTHAN RIVER HIMACHAL PRADESH

TIRTHAN VALLEY HIMACHAL PRADESH

RAYBEAM VENTURES PVT LTD PATNA

\\सहजन का साथी //  RAYBEAM VENTURES PVT LTD PATNA ==========================\======== यह पटना के एक युवा उद्यमी श्री अंकुर  कुमार द्वारा स्थापित एक रजिस्टर्ड कम्पनी है।इस कम्पनी का उद्देश्य पूरे भारत में सहजन [DRUMSTICKS] की खेती को बढ़ावा देना है जिससे उत्पादकों के आय में बढ़ोतरी के साथ साथ पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।। कम्पनी उत्पादकों को सहजन के विभिन्न उत्पादों के लिए संगठित मार्केट उपलब्ध कराने के साथ साथ इसके खेती पर बहुत अच्छा प्रोत्साहन अनुदान राशि देती है जो सहजता के किसान के लिए बहुत फायदेमंद है। इस कम्पनी का रजिस्टर्ड आफिस बिहार की राजधानी पटना में है।

MURUD KONKAN

 मुरुड कोंकण महाराष्ट्र के पश्चिम घाट क्षेत्र में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां की सुंदर समुद्र तट, ऐतिहासिक स्थल, और प्राकृतिक सौंदर्य अपने आप में एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं। मुरुड बीच कोंकण की खासियत उसके सफेद समुद्री खजिने हैं जो इसे बहुत ही खास बनाते हैं। यहां की लहरों की ध्वनि, समुद्र तटीय चिरपिंग बर्ड्स, और समुद्री जीवन का दर्शन पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। मुरुड का प्राचीन इतिहास भी इसे महत्वपूर्ण बनाता है। यहां पर आने वाले पर्यटक जन्माष्टमी पर मुरुड के गणपति मंदिर जाते हैं जो काफी प्राचीन है। इसके अलावा, मुरुड का किला भी एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है जो इसे रोमांचक बनाता है। मुरुड बीच कोंकण का स्थानीय संस्कृति, लोक खाना, और संगीत पर्यटकों को अपनी खासियतों का अनुभव करने का अवसर देते हैं। यहां के स्थानीय बाजारों में स्थानीय वस्त्र, आभूषण, और विशेष खाद्य प्राप्त किया जा सकता है। मुरुड कोंकण की विशेषता इसकी स्थिति में भी है। यह भरपूर प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित है जो पर्यटकों के लिए एक परिपूर्ण रिट्रीट है। इसे एक शांति और आनंद की स्थल के रूप में भी जा...

KASHID BEACH KONKAN

 काशीद बीच कोंकण के महाराष्ट्र स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो अपनी सुंदरता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह बीच आगरी नगर से लगभग ३० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां पर्यटक समुद्री संगम, सैर, और समुद्र तटीय आनंद का आनंद लेते हैं। काशीद बीच कोंकण का बहुत ही लोकप्रिय समुद्र तट है जो श्वेत सांद्राच्या गायबी खजिने, सांद्राची नाव, और खजिन्याची बघीची दृश्ये प्रस्तुत करता है। यहां की सफेद रेत, चेहऱे के पेट्टी समाधान के लिए प्रसिद्ध हैं। काशीद बीच की सुंदरता और शांति की वातावरण यहां के पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहां बीच की संतुलन और गहराई की जांच करने के लिए कई जलजीवन स्थल भी हैं। काशीद बीच के पास स्थित गाँवों में स्थानीय भाषा कन्नड़ और मराठी होती है। यहां के स्थानीय खाने का स्वाद, संगीत, और लोक नृत्य पर्यटकों को अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं। काशीद बीच कोंकण की खासियत यहां के साफ-सुथरे पानी, जल शीतलता, और शांत माहौल में है। यहां पर आने वाले पर्यटक समुद्र तटीय खेल, सैर, और रोमांच का आनंद लेते हैं और इसे अपने यादगार अनुभवों का एक अद्वितीय स्थल मानते हैं।

KUNDALIKA RIVER KONKAN

 कुंडलिका नदी महाराष्ट्र राज्य में स्थित एक अत्यंत महत्वपूर्ण नदी है। यह नदी सह्याद्री पर्वतों से निकलती है और सह्याद्री की कई छोटी-बड़ी नदियों का संग्रह करती है। कुंडलिका नदी का उद्गम स्थान आज्ञारी गुहा नामक स्थान है, जो रायगढ़ जिले में स्थित है। इसकी लम्बाई लगभग ८५ किलोमीटर है और इसका मुख्य स्रोत भिरवगढ़ झरने से निकलता है। कुंडलिका नदी के किनारे स्थित कोलाडा और रायगढ़ जिलों में यह नदी एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में मानी जाती है। यहां पर पारा-सेलिंग, राफ्टिंग, और अन्य जलीय खेलों का आनंद लिया जा सकता है। कुंडलिका नदी के जल संग्रहण का काम भी किया जाता है और यह नदी स्थानीय जल संसाधन की एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में जानी जाती है। कुंडलिका नदी के तटीय क्षेत्र में अनेक प्राचीन मंदिरों और आध्यात्मिक स्थलों का समृद्ध विवरण है। यहां पर कुंडलिका नदी के किनारे बसे गाँवों में भी एक अद्वितीय और प्राचीन संस्कृति का अनुभव किया जा सकता है। कुंडलिका नदी के जल का उपयोग जल संसाधनों, प्राकृतिक जल संरक्षण, और अन्य गतिविधियों में किया जाता है। इसका महत्व वर्षा के मौसम में बढ़ जाता है, जब यह नदी क्षे...

KORLAI FORT KONKAN

 कोरलाई किला, कोंकण की एक प्रमुख दुर्ग है जो महाराष्ट्र के रायगड जिले में स्थित है। यह दुर्ग मुघल साम्राज्य के काल में बनाया गया था और इसे रोहिद खिलजी नामक नायक ने निर्मित किया था। कोरलाई किला वास्तव में एक स्थलीय समुदाय के आवास के रूप में भी प्रयोग होता था। यह किला उच्च स्थान पर स्थित है जिससे वह चारों ओर से सुरक्षित है। इसका अधिकांश भाग खंडहरों में बदल गया है, लेकिन कुछ हिस्से अभी भी संरक्षित हैं और इसे पर्यटन के लिए खोला गया है। कोरलाई किले की दीवारें भव्यता की बात करती हैं और यहां से आपको समुद्र का सुंदर नजारा भी मिलता है। इस किले की अद्वितीयता में उसका निर्माण शैली का महत्वपूर्ण योगदान है। इसमें पोर्तुगीज, मुघल और मराठा कला के अवशेष दिखाई देते हैं। इसकी दीवारों पर बने स्तंभ और पत्थरों की रचना बहुत ही सुंदर हैं। कोरलाई किला के आसपास कई पर्यटक स्थल हैं जैसे की विटालादेव मंदिर, कुधालेश्वर मंदिर और बाजार पेटलूली गांव। इन स्थलों पर भ्रमण करने से पर्यटकों को किले की संवादित इतिहास और स्थानीय संस्कृति का अनुभव होता है। कोरलाई किला एक ऐतिहासिक स्थल होने के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य के...

JANJIRA FORT KONKAN

 जंजीरा किला महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित है और यह एक प्रसिद्ध और प्राचीन किला है जो अपनी विशेषता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह किला भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसका निर्माण पुर्तगालियों द्वारा किया गया था। जंजीरा किला बागी बीच के एक छोटे जलों पर स्थित है जो इसे समुद्री किला बनाते हैं। इसका नाम 'जंजीरा' संस्कृत शब्द 'जलदुर्ग' से लिया गया है जो समुद्री किला का अर्थ होता है। जंजीरा किला का निर्माण १७वीं सदी में हुआ था और यह एक प्राचीन और सुरक्षित समुद्री आधार के रूप में उद्यमी साम्राज्य की अद्वितीय शैली का प्रतीक है। इसकी विशेषता इसके खजाने खजानों के लिए गड़बड़ और घुमावदार गैलरियों में है। जंजीरा किले का निर्माण अद्वितीय रणनीतिक निर्माण और खूबसूरत स्थल के लिए जाना जाता है। इसकी अद्वितीय संरचना, खुदाई की दीवारें, और समुद्र तटीय भूमि का उपयोग इसे एक सुरक्षित बनाते हैं। जंजीरा किला आज भी अपनी महत्वपूर्ण स्थिति और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। यहां के पर्यटक इसके विशाल संरचनाओं, समुद्र तटीय नजारों, और ऐतिहासिक कथाओं का आनंद लेते हैं। जंज...

REVDANDA FORT KONKAN

 रेवडंडा किला महाराष्ट्र के रेवडंडा गाँव में स्थित है और यह एक प्राचीन और महत्वपूर्ण किला है जो इतिहास और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इस किले का निर्माण १७वीं सदी में पुर्तगालियों द्वारा किया गया था और यह समुद्री तट पर स्थित है। रेवडंडा किले की विशेषता उसके रणनीतिक निर्माण और गहरे भूमिगत खजानों में है। यह किला आर्थिक और रक्षा संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण रहा है। रेवडंडा किला अपने विशाल आकार, समुद्री नजारे, और रणनीतिक निर्माण के लिए प्रसिद्ध है। इसकी संरचना में गहरे खाईयों और चिरपिंग निकाशों का उपयोग किया गया है जो इसे सुरक्षित बनाते हैं। रेवडंडा किला भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में जाना जाता है। इसे पर्यटकों के बीच एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी जाना जाता है जहां वे इसकी ऐतिहासिकता, समुद्र तटीय नजारे, और रोमांच का आनंद लेते हैं। रेवडंडा किले के पास स्थित गाँवों में स्थानीय भाषा कोंकणी और मराठी होती है। यहां के स्थानीय खाने का स्वाद, संगीत, और लोक नृत्य पर्यटकों को अपनी खासियतों का अनुभव करने का अवसर देते हैं। रेवडंडा किला भारतीय संस्कृति और इतिहास का मह...

CHAUL KONKAN

HAMAMKHANA CHAUL

SINTHAN TOP KASHMIR

 सिन्थान टॉप कश्मीर के राम्पुर सेक्टर में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, शिवालिक पहाड़ों की खूबसूरती, और शिवालिक रेंज के बर्फीले पर्वतों की शानदार नजारे पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। सिन्थान टॉप कोई १ॢ००० फीट की ऊँचाई पर स्थित है और यहां से पर्यटकों को खूबसूरत हिमालयी पर्वतों का शानदार दृश्य प्राप्त होता है। यहां की शांत माहौल, शीतल वातावरण, और सुकून वाले मौसम में पर्यटक आनंद लेते हैं। सिन्थान टॉप की शीतलता और समुद्रीत वायु में जीवन धरने वाले विविध प्रजातियों को यहां आवास प्राप्त होती हैं। यहां के पार्क और जंगलों में प्राकृतिक जीवन का अद्वितीय संरक्षण किया गया है। सिन्थान टॉप की शिवालिक पहाड़ियों में एक्स्ट्रिम पर्वतारोहण, हाइकिंग, और पर्वतीय खेलों का आनंद लिया जा सकता है। यहां के पार्क्स में एक्स्पेडिशन, जंगल सफारी, और वन्यजीवन संरक्षण की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। सिन्थान टॉप कोई स्थानीय जाति, संस्कृति, और गायन का संस्थान है। यहां के लोग अपनी रिच फोल्क ट्रेडिशन्स, भोजन, और गीतों के माध्यम से अपनी अनूठी पहचान बनाए रखते हैं। सिन्थान टॉप कश्मीर के प्र...

DAKSUN KASHMIR

KOKERNAG KASHMIR

 कोकरनाग, कश्मीर, एक शानदार प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर स्थल है। यहाँ का वातावरण बहुत ही शांतिपूर्ण और आत्मर्पण का है। कोकरनाग उन्हें आकर्षित करता है जो अपने घने वनों, उद्यानों, नदियों, और अल्पस्थलीय झीलों की सुंदरता में एक आत्मा का आनंद लेना चाहते हैं। यहाँ का मौसम सुहावना होता है और विशेष रूप से गर्मियों में यहाँ का मौसम शीतकालीन में मुकाबले में काफी ठंडा होता है। कोकरनाग कई आकर्षक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, जैसे कि फूलों से भरे बाग, वन्य जीवन, और एक विशाल झील जिसे लोकल लोग अर्पित मानते हैं। यहाँ की ताजगी और शांति का वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है। कोकरनाग कई धार्मिक स्थलों का भी निकट स्थान है। यहाँ के मंदिर, गुरुद्वारे और मस्जिदें भी शांति और ध्यान की जगहें हैं। यहाँ के खाद्य पदार्थ भी अपने स्वाद और सादगी के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ की स्थानीय स्पेशलिटी और स्वादिष्ट भोजन पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। कोकरनाग कश्मीर का एक अनोखा अनुभव है जो प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिकता, और स्थानीय संस्कृति को एक साथ मिलाकर प्रदान करता है। यहाँ की सुंदरता और प्राकृतिक विविधता दर्शनीय है औ...

VERINAG KASHMIR

 वेरिनाग, कश्मीर में स्थित एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल है जो प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का नाम "वेरिनाग" संस्कृत शब्द "विष्णु नाग" से लिया गया है जिसका अर्थ होता है "भगवान विष्णु का सर्प"। वेरिनाग का प्रमुख आकर्षण वेरिनाग सरोवर है, जो एक प्राकृतिक झील है और यहाँ का पानी निकट स्थित पहाड़ों से आता है। यह स्थल ध्यान और आत्मर्पण के लिए एक आदर्श स्थल है। वेरिनाग का इतिहास भी काफी रोचक है। यहाँ पर एक प्राचीन मंदिर है जो मुघल साम्राज्य के समय से मौजूद है। इस मंदिर में संस्कृत लेखन की अनेक मूर्तियाँ हैं जो इस स्थल का महत्व और ऐतिहासिक महत्व दर्शाती हैं। यहाँ का मौसम भी खास है, जैसे कि यहाँ की ठंडी हवाएं और प्राकृतिक सौंदर्य ने पर्यटकों को आकर्षित किया है। विभिन्न वन्य जीवन और वन्यप्राणियों की विविधता भी इस स्थल को और भी रोचक बनाती है। वेरिनाग कश्मीर का एक अनूठा स्थान है जो प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर, और ऐतिहासिक महत्व को एक साथ मिलाकर पर्यटकों को एक यादगार अनुभव प्रदान करता है। यहाँ के शांतिपूर्ण और प्राकृतिक मौसम ने इस...

VESHAW RIVER KASHMIR

SHOPIAN KASHMIR

AHARBAL WATERFALL KASHMIR

KHEER BHAWANI TEMPLE KASHMIR

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NEELAM RIVER POK

MANASBAL LAKE KASHMIR

  मानसबाल झील  मानसबाल झील जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के गंदरबल जिले में स्थित एक सुंदर और शांत झील है। यह श्रीनगर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और इसे कश्मीर की सबसे गहरी मीठे पानी की झील माना जाता है। इसकी अधिकतम गहराई लगभग 13 मीटर है। यह झील चारों ओर से हरियाली, पहाड़ों और प्राकृतिक सुंदरता से घिरी हुई है। मानसबाल झील का नाम ‘मानस सरोवर’ से प्रेरित माना जाता है, जो हिंदू धर्म में एक पवित्र झील है। यह झील विशेष रूप से पक्षी प्रेमियों और प्रकृति के चाहने वालों के लिए एक आदर्श स्थान है। गर्मियों के मौसम में यहाँ कई प्रवासी पक्षी आते हैं, जिससे यह स्थल पक्षी निरीक्षण (बर्ड वॉचिंग) के लिए प्रसिद्ध है। मानसबाल झील की सबसे खास बात यह है कि यह वर्ष भर पानी से भरी रहती है और यहाँ की पारिस्थितिकी बहुत समृद्ध है। झील में कमल के फूलों की भरमार होती है, विशेषकर गर्मियों में इसका दृश्य बहुत ही मनोहारी होता है। झील में मछली पकड़ना, बोटिंग और अन्य जल क्रीड़ाएं पर्यटकों को बहुत लुभाती हैं। इस झील के किनारे स्थित मुगल काल का गरूर किला (Garur Killa) भी एक प्रमुख आकर्षण ...

TAARBAL VILLAGE KASHMIR

WULAR LAKE KASHMIR

DAWAR TOWN KASHMIR

GUREZ VALLEY KASHMIR

HABIBA KHATOON SPRING KASHMIR

HABBA KHATOON PEAK KASHMIR

KISHANGANGA RIVER KASHMIR

KUNKESHWAR BEACH KONKAN

KUNKESHWAR TEMPLE SINDHUDURG

VIJAYDURG FORT RATNAGIRI

JUVE JAITAPUR ISLAND RATNAGIRI

DEVGHALI BEACH KASHELI RATNAGIRI

KASHELI BEACH RATNAGIRI

  काशेली बीच, रत्नागिरी  परिचय: महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में स्थित काशेली बीच एक शांत, सुंदर और अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध समुद्र तट है। यह बीच उन लोगों के लिए एक आदर्श स्थल है जो शांति, प्रकृति और समुद्र की लहरों के बीच कुछ समय बिताना चाहते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह स्थान पर्यटकों के लिए एक छुपा हुआ खज़ाना है। भौगोलिक स्थिति और सौंदर्य: काशेली बीच रत्नागिरी शहर से लगभग 10 से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह समुद्र तट साफ-सुथरा, शांत और कम भीड़-भाड़ वाला है। यहाँ का नीला समुद्र, सफेद रेत और चारों ओर फैली हरियाली इस जगह को बेहद मनोहारी बना देती है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय इस स्थान की सुंदरता देखते ही बनती है। पर्यटन और गतिविधियाँ: हालाँकि यह बीच अभी बहुत ज़्यादा व्यावसायिक नहीं हुआ है, फिर भी स्थानीय और कुछ बाहर से आए पर्यटक यहाँ पिकनिक, फोटोग्राफी और समुद्री सैर के लिए आते हैं। यहाँ का शांत वातावरण मेडिटेशन या ध्यान के लिए भी उपयुक्त माना जाता है। साहसिक गतिविधियाँ भले ही कम हों, लेकिन प्राकृतिक अनुभव भरपूर मिलते हैं। स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली: काश...

MIAO ARUNACHAL PRADESH

  मियाओ (Miao) एक सुंदर और शांतिपूर्ण कस्बा है जो भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के चांगलांग ज़िले में स्थित है। यह कस्बा प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। मियाओ चारों ओर से घने जंगलों, पहाड़ों और नदियों से घिरा हुआ है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों और यात्रियों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाता है। मियाओ का प्रमुख आकर्षण नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान है। यह भारत का सबसे बड़ा जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र (biosphere reserve) है और यहां वनस्पतियों और जीवों की अनेकों प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह क्षेत्र बाघ, हाथी, लाल पांडा, हूलॉक गिब्बन जैसे दुर्लभ जानवरों का घर है। पक्षी प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग के समान है क्योंकि यहां कई रंग-बिरंगे और दुर्लभ पक्षी देखने को मिलते हैं। यहाँ की जनजातीय संस्कृति भी बेहद समृद्ध है। तांगसा, सिंगpho और लिशु जैसी जनजातियाँ इस क्षेत्र में निवास करती हैं। इनकी भाषा, परंपराएँ, रीति-रिवाज़ और पहनावा एक अलग सांस्कृतिक पहचान बनाते हैं। मियाओ आने पर पर्यटक इन जनजातियों की जीवनशैली को नज़दीक से देखने और समझने का अवसर पाते हैं। मियाओ में ...

AALO ARUNACHAL PRADESH

DAPORIJO ARUNACHAL PRADESH

THEEBA PALACE RATNAGIRI

  थीबा पैलेस: एक ऐतिहासिक धरोहर थीबा पैलेस (Theeba Palace) महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में स्थित एक ऐतिहासिक महल है। यह महल बर्मा (वर्तमान म्यांमार) के अंतिम राजा राजा थीबा (King Thibaw) के निर्वासन का साक्षी है। अंग्रेजों ने 1885 में बर्मा पर कब्जा करने के बाद राजा थीबा को उनकी रानी और परिवार सहित भारत लाकर रत्नागिरी में नजरबंद कर दिया था। यह महल राजा थीबा के निर्वासन के दौरान उनके निवास स्थान के रूप में बनाया गया था। निर्माण और वास्तुकला थीबा पैलेस का निर्माण 1910 में ब्रिटिश सरकार द्वारा किया गया था। यह महल एक सुंदर और भव्य इमारत है, जिसमें बर्मा शैली और ब्रिटिश वास्तुकला का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। महल का निर्माण मुख्य रूप से लाल पत्थरों से किया गया है, जो इसे एक आकर्षक रूप देता है। महल के प्रमुख वास्तुशिल्पीय विशेषताएँ: विशाल बरामदे और खिड़कियाँ – महल में बड़ी-बड़ी खिड़कियाँ और खुली जगहें हैं, जिससे यहाँ प्राकृतिक रोशनी और हवा का प्रवाह बना रहता है। राजसी दरबार कक्ष – राजा के लिए एक भव्य दरबार कक्ष बनाया गया था, जहाँ वह अपने दैनिक कार्यों का संचालन करते थे। ...

KHONSA ARUNACHAL PRADESH

BOMDILA

NURANANG FALLS ARUNACHAL PRADESH

SANGTI VALLEY ARUNACHAL PRADESH

GORI HEN PEAK ARUNACHAL PRADESH

SESSA ORCHID SANCTUARY ARUNACHAL PRADESH

PANGIN ARUNACHAL PRADESH

ROTTUNG ARUNACHAL PRADESH

TIRAP WAR MEMORIAL ARUNACHAL PRADESH

GEKAR SINYI [GANGA LAKE]

KARDO HILLS ARUNACHAL PRADESH

RUPA TOWN GOMPA ARUNACHAL PRADESH

KHONSA MUSEUM ARUNACHAL PRADESH

NIMATI GHAT ARUNACHAL PRADESH

LILABATI ARUNACHAL PRADESH

NAMPONG ARUNACHAL PRADESH

 नाम्पोंग अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में स्थित एक छोटा और खूबसूरत शहर है। यह शहर अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता, आदिवासी संस्कृति, और राष्ट्रीय सीमा के करीबी स्थिति के लिए प्रसिद्ध है। नाम्पोंग का वातावरण शांतिपूर्ण और प्राकृतिक है। यहां की खूबसूरत पहाड़ियाँ, घास के मैदान, और सागरिक नदियों की धरती खेलने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हैं। नाम्पोंग शहर की आदिवासी संस्कृति यहां के जनसंख्या के मुख्य हिस्से का अंग है। यहां के लोगों की रहन-सहन, वस्त्र-भूषण, और साहित्य में आदिवासी परंपराओं का संबंध है जो यहां को अपने आप में विशेष बनाता है। नाम्पोंग का गाँव और शहरी क्षेत्र दोनों ही पर्यटकों के लिए आकर्षक हैं। यहां की बाजार, खाद्य स्थल, और स्थानीय वस्त्र-भूषणों की खासियत इसे एक अद्वितीय स्थल बनाती हैं। नाम्पोंग अपने धरोहर, संस्कृति, और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। यहां पर्यटकों को वन्यजीवन दर्शन, ट्रेकिंग, और पर्यावरण संरक्षण की गतिविधियां भी आयोजित की जाती हैं। नाम्पोंग शहर का समृद्ध इतिहास, नैतिकता, और प्राकृतिक सौंदर्य यहां के निवासियों को और भी आकर्षित करता है। यह एक अद्वि...

MECHUKA VALLEY ARUNACHAL PRADESH

TALLEY VALLEY WILDLIFE SANCTUARY ARUNACHAL PRADESH

  तलेवैली वन्यजीव अभयारण्य – तले वैली वन्यजीव अभयारण्य (Talley Valley Wildlife Sanctuary) भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक समृद्ध जैव-विविधता वाला संरक्षित क्षेत्र है। यह अभयारण्य ज़ीरो (Ziro) घाटी के पास, लोअर सुबनसिरी जिले में स्थित है और प्रकृति प्रेमियों, पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है। यह अभयारण्य अपनी अद्वितीय वनस्पति, जीव-जंतु, और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। तले वैली वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1995 में की गई थी। इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 337 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्र समुद्र तल से लगभग 1,200 मीटर से 3,000 मीटर की ऊँचाई पर फैला हुआ है, जिससे यहाँ विभिन्न जलवायु और पारिस्थितिक तंत्र देखने को मिलते हैं। यह अभयारण्य अल्पाइन, उप-उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण जलवायु क्षेत्रों का संयोजन प्रस्तुत करता है। यह अभयारण्य घने वनों से आच्छादित है, जिनमें बाँस, देवदार, रोडोडेंड्रोन और अन्य दुर्लभ पौधों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ तले नदी बहती है, जो इस क्षेत्र को जीवनदायिनी जल उपलब्ध कराती है और इससे क्षेत्र की हर...

DONG VILLAGE ARUNACHAL PRADESH

  डोंग गाँव  डोंग गाँव भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में स्थित एक छोटा लेकिन अत्यंत प्रसिद्ध गाँव है। यह गाँव अंजॉ ज़िले में स्थित है और इसे भारत का सबसे पहला सूर्योदय देखने वाला स्थान माना जाता है। यह गाँव समुद्र तल से लगभग 1,240 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यह भारत के सबसे पूर्वी छोर के निकट स्थित गाँवों में से एक है। भौगोलिक स्थिति डोंग गाँव चीन और म्यांमार की सीमा के बहुत करीब स्थित है। यह लोहित नदी और साटी नदी के संगम स्थल के पास बसा हुआ है। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य बेहद आकर्षक है, जिसमें ऊँचे-ऊँचे पहाड़, घने जंगल और ठंडी जलवायु प्रमुख हैं। यहाँ सुबह लगभग 4 बजे के आसपास सूरज की पहली किरण दिखाई देती है, इसलिए यह पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक विशेष आकर्षण बन गया है। विशेषता – भारत का पहला सूर्योदय डोंग गाँव को "भारत का सूर्योदय स्थल" (Land of the Rising Sun) भी कहा जाता है। सर्दियों के महीनों में यहाँ सूरज सबसे पहले उगता है। इस विशेषता के कारण पर्यटक, खासकर ट्रेकिंग और रोमांच पसंद करने वाले लोग, यहाँ सूर्योदय देखने के लिए सुबह-सुबह पहाड़ियों पर...

YINKIONG ARUNACHAL PRADESH

PASIGHAT ARUNACHAL PRADESH

ANINI ARUNACHAL PRADESH

PARSHURAM KUND ARUNACHAL PRADESH

ROING ARUNACHAL PRADESH

TEZU ARUNACHAL PRADESH

NAMDHAPA NATIONAL PARK ARUNACHAL PRADESH

ZIRO VALLEY ARUNACHAL PRADESH

SELLA PASS ARUNACHAL PRADESH

BOMDILA MONASTERY ARUNACHAL PRADESH

TAWANG MONASTERY ARUNACHAL PRADESH

KHONSA CRAFT CENTRE ARUNACHAL PRADESH

DRI VALLEY ARUNACHAL PRADESH

ZEMITHANG ARUNACHAL PRADESH

TEZU KHAMPATI HERITAGE ARUNACHAL PRADESH

DIBANG BRIDGE ARUNACHAL PRADESH

DIBANG VALLEY ARUNACHAL PRADESH

SIPU BRIDGE ARUNACHAL PRADESH

SIANG RIVER ARUNACHAL PRADESH

TUTING BRIDGE ARUNACHAL PRADESH

LOHIT RIVER ARUNACHAL PRADESH

  लोहित नदी  लोहित नदी पूर्वोत्तर भारत की एक प्रमुख और पवित्र नदी है, जो ब्रह्मपुत्र नदी की एक प्रमुख सहायक नदी के रूप में जानी जाती है। यह नदी अरुणाचल प्रदेश और असम राज्यों से होकर बहती है और ब्रह्मपुत्र में मिल जाती है। लोहित नदी को उसके सुंदर, शांत और पवित्र स्वरूप के लिए जाना जाता है। यह नदी सांस्कृतिक, धार्मिक और पारिस्थितिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उद्गम स्थल लोहित नदी का उद्गम चीन के तिब्बत क्षेत्र में स्थित जंगबो ग्लेशियर से होता है। चीन में इसे "जोरो" या "जांगबो" नाम से जाना जाता है। यह नदी हिमालय की पूर्वी पहाड़ियों से निकलकर अरुणाचल प्रदेश के अंजाव ज़िले में प्रवेश करती है, और फिर असम होते हुए ब्रह्मपुत्र नदी में विलीन हो जाती है। लोहित का शाब्दिक अर्थ है – “लाल रंग की नदी”, जो इसके पानी में पाए जाने वाले खनिजों की वजह से होता है। नदी का मार्ग अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश के बाद यह नदी तेज़ धाराओं और घाटियों से होकर बहती है। इसका मार्ग अत्यंत खूबसूरत और हरा-भरा है, जिसमें पहाड़, घने जंगल और छोटी-छोटी जनजातियाँ बसी हुई हैं। दिबांग और नूजोंग जैसी स...

RATANDURG FORT RATNAGIRI

KAMALARESERVE FOREST ARUNACHAL PRADESH

MINGYUR RINPOCHE MEDITATION CENTRE ARUNACHAL PRADESH

NEHRU MARKET ITANAGAR

ITANAGAR WILDLIFE SANCTUARY ARUNACHAL PRADESH

CHIMPU CAVES RATNAGIRI

PAKHII PIPU WILDLIFE SANCTUARY ARUNACHAL PRADESH

DIBRU SAIKHOWA NATIONAL PARK ARUNACHAL PRADESH

BHALUKPONG NAMERI NATIONAL PARK ARUNACHAL PRADESH

AARE VAARE BEACH RATNAGIRI

GANPATI PULE RATNAGIRI

POMA FOREST RESERVE ARUNACHAL PRADESH

KAMENG RIVER ARUNACHAL PRADESH

GURU DONGMAR LAKE SIKKIM

RAVANGLA SIKKIM

NAMCHI SIKKIM

KHECHIOPALRI LAKE SIKKIM

ZULUK SIKKIM

RALONG HOT SPRINGS SIKKIM

PHODONG MONASTERY SIKKIM

TAMI TEA GARDEN SIKKIM

PHENSANG MONASTERY SIKKIM

SARAMSA GARDEN SIKKIM

KABI LUNGCHOK SIKKIM

TINKITAM SIKKIM

ZONGRI SIKKIM

SINGHIK SIKKIM

GOECHA LA PASS SIKKIM

BANJHAKRI LAKE GANGTOK

DO DRUL CHORTEN STUPA GANGTOK

TASHIGANG VIEWPOINT GANGTOK

HANUMAN TOK GANGTOK

  हनुमान टोक हनुमान टोक भारत के सिक्किम राज्य की राजधानी गंगटोक में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह स्थान गंगटोक शहर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर समुद्र तल से करीब 7200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहाँ से हिमालय की पर्वतमालाओं का विहंगम दृश्य भी देखा जा सकता है। हनुमान टोक एक हनुमान जी को समर्पित मंदिर है। इस मंदिर का रखरखाव भारतीय सेना द्वारा किया जाता है, और इसकी सफाई तथा अनुशासन देखकर हर कोई प्रभावित होता है। मंदिर के चारों ओर का वातावरण अत्यंत शांत और आध्यात्मिक होता है, जो भक्तों को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार, जब भगवान राम के भाई लक्ष्मण को संजीवनी बूटी की आवश्यकता पड़ी थी, तब हनुमान जी संजीवनी बूटी लाने हिमालय की ओर उड़ते समय इस स्थान पर कुछ देर के लिए रुके थे। उसी स्थान को बाद में "हनुमान टोक" कहा जाने लगा। यह स्थान भक्तों के लिए बहुत ही पवित्र माना जाता है। मंदिर परिसर में भगवान शिव, श्री राम, और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं। यहाँ एक छोटा-सा पार्...

GANESH TOK GANGTOK

NATHU LA PASS GANGTOK

  नाथू ला दर्रा (Nathu La Pass)  नाथू ला दर्रा भारत के सिक्किम राज्य में स्थित एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पर्वतीय दर्रा है। यह दर्रा भारत और चीन की सीमा पर, समुद्र तल से लगभग 14,140 फीट (4,310 मीटर) की ऊँचाई पर स्थित है। यह सिक्किम की राजधानी गंगटोक से लगभग 56 किलोमीटर की दूरी पर है। 'नाथू' का अर्थ होता है ‘सुनने के कान’ और 'ला' का अर्थ तिब्बती भाषा में ‘दर्रा’ होता है। नाथू ला दर्रा ऐतिहासिक रूप से प्राचीन सिल्क रूट (रेशम मार्ग) का एक हिस्सा रहा है, जहाँ से भारत और तिब्बत के बीच व्यापार होता था। यह दर्रा भारत-चीन युद्ध (1962) के बाद बंद कर दिया गया था, लेकिन वर्ष 2006 में इसे व्यापार और पर्यटन के उद्देश्य से फिर से खोला गया। आज यह दर्रा न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है। यहाँ से पर्यटक चीन की सीमा को काफी पास से देख सकते हैं और भारतीय सेना की उपस्थिति भी देखी जा सकती है। तिब्बती शैली में बना हुआ भारत का सीमा द्वार और उसके पास तैनात सैनिक देशभक्ति की भावना को और प्रबल करते हैं। यहाँ बर्फ से ढके पहाड़, ठंडी हवाएँ...

ENCHEY MONASTERY GANGTOK

RAMTEK MONASTERY GANGTOK

  रामटेक, गंगटोक गंगटोक, सिक्किम की राजधानी, अपनी खूबसूरत पहाड़ियों, समृद्ध संस्कृति और आध्यात्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इसी शहर में स्थित रामटेक मठ , जिसे रूमटेक मठ भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह मठ केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी शानदार वास्तुकला और अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। रामटेक मठ का इतिहास रामटेक मठ का निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया था, लेकिन वर्तमान संरचना 20वीं शताब्दी में 9वें कर्मापा वांगचुक दोरजे के मार्गदर्शन में दोबारा बनाई गई। यह मठ काग्यु संप्रदाय (Kagyu Sect) से जुड़ा हुआ है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म की एक प्रमुख शाखा है। इसे तिब्बत के रालुंग मठ की प्रतिकृति माना जाता है। वास्तुकला और विशेषताएँ रामटेक मठ की वास्तुकला तिब्बती शैली में बनाई गई है। इसकी रंग-बिरंगी दीवारों पर खूबसूरत बौद्ध चित्रकला उकेरी गई है, जो बौद्ध धर्म की शिक्षाओं और दार्शनिक विचारों को दर्शाती है। मठ के अंदर एक विशाल प्रार्थना कक्ष है, जिसमें एक सुंदर सोने की मूर्ति स्थापित है। इसके अलावा, यहाँ पारं...

CHANGU LAKE GANGTOK

VICTORIA MEMORIAL KOLKATA

EDEN GARDEN KOLKATA

MARBLE PALACE KOLKATA

KUMARTULI KOLKATA

RABINDRA SAROBAR KOLKATA

  रबिन्द्र सरोवर, कोलकाता  रबिन्द्र सरोवर कोलकाता का एक प्रसिद्ध और सुंदर कृत्रिम झील क्षेत्र है, जो दक्षिण कोलकाता के लेक गार्डेन्स और धोखिनेश्वर इलाकों में स्थित है। इसे पहले "लेक" के नाम से जाना जाता था, लेकिन बाद में इसे कवि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के सम्मान में "रबिन्द्र सरोवर" नाम दिया गया। यह झील ब्रिटिश काल में 1920 के दशक में बनाई गई थी। उस समय इसे एक रिक्रिएशनल स्पेस के रूप में विकसित किया गया था, जहाँ लोग शांति, ताजगी और प्रकृति के सौंदर्य का आनंद ले सकें। झील का क्षेत्र लगभग 75 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें चारों ओर हरियाली, वृक्ष, फूलों की क्यारियाँ और चलने के लिए पथ बनाए गए हैं। रबिन्द्र सरोवर केवल एक झील नहीं है, बल्कि यह कोलकाता के लोगों के लिए एक सांस्कृतिक और सामाजिक स्थल भी है। यहाँ पर नियमित रूप से मॉर्निंग वॉकर्स, योगा करने वाले, फोटोग्राफर, पक्षी प्रेमी और पर्यटक आते हैं। यहाँ के शांत वातावरण में कई प्रकार के पक्षियों को देखा जा सकता है, विशेषकर सर्दियों में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है। झील के पास कई सांस्कृतिक संस्थान और खेल परिसर भी ...

MOTHER HOUSE KOLKATA

NICCO PARK KOLKATA

JORASANKO THAKURWADI KOLKATA

CITY CENTRE SALT LAKE KOLKATA

GARIAHAT MARKET KOLKATA

TOLLYGUNJ CLUB KOLKATA

DESHPRIYA PARK KOLKATA

PARK STREET KOLKATA

PRINCEP GHAT BOAT RIDE KOLKATA

LAKE TOWN CLOAK TOWER KOLKATA

CHITPUR ROAD KOLKATA

ESPLANADE KOLKATA

SABARMATI ASHRAM AHMEDABAD

SARKHEJ LAKE AHMEDABAD

DASTAN FARM AHMEDABAD

SHREYAS FOLK MUSEUM AHMEDABAD

VASTRAPUR LAKE AHMEDABAD

KANKARIA LAKE AHMEDABAD

कांकरिया झील - अहमदाबाद का एक ऐतिहासिक और मनोरंजक स्थल कांकरिया झील गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह झील न केवल अहमदाबाद की सबसे बड़ी झील है, बल्कि यह ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और मनोरंजक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसका निर्माण सुल्तान कुतुबुद्दीन ने 15वीं शताब्दी में करवाया था। पहले इसे “हौज़-ए-कुतुब” के नाम से जाना जाता था। समय के साथ यह स्थान “कांकरिया” नाम से प्रसिद्ध हो गया। कांकरिया झील का आकार अर्धवृत्ताकार है और इसका व्यास लगभग एक किलोमीटर है। इस झील के बीचोंबीच एक खूबसूरत द्वीप है, जिसे “नगीनावाड़ी” कहा जाता है। यहां तक पहुँचने के लिए एक सुंदर पैदल पुल बना हुआ है। नगीनावाड़ी में रंग-बिरंगे फव्वारे, रात्रि में होने वाला लाइट एंड साउंड शो, तथा शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है। झील के चारों ओर एक सुंदर बगीचा, बच्चों के खेलने के लिए पार्क, टॉय ट्रेन, बाल चिड़ियाघर, पानी की सवारी, जॉय राइड्स और कई प्रकार की खान-पान की दुकानों का निर्माण किया गया है। विशेष रूप से “कांकरिया झील फ्रंट” को इस तरह विकसित किया गया है कि यह सभी आयु वर...

CALICO MUSEUM OF TEXTILE AHMEDABAD

ADALAJ STEPWELL AHMEDABAD

DADA HARIR STEPWELL AHMEDABAD

PARIMAL GARDEN AHMEDABAD

TEEN DARWAZA AHMEDABAD

  तीन दरवाजा, अहमदाबाद: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर तीन दरवाजा अहमदाबाद की सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक संरचनाओं में से एक है। यह अहमदाबाद के पुराने शहर में स्थित है और इसका निर्माण 1415 ई. में सुल्तान अहमद शाह द्वारा किया गया था। यह गेट शहर के प्रवेश द्वार के रूप में बनाया गया था और आज यह अहमदाबाद की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का एक अभिन्न हिस्सा है। वास्तुकला तीन दरवाजा की वास्तुकला इंडो-इस्लामिक शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमें तीन मेहराबदार दरवाजे हैं, जो इसकी नामकरण का कारण हैं। ये दरवाजे बलुआ पत्थर से बनाए गए हैं और इन पर की गई नक्काशी और डिज़ाइन देखने लायक है। गेट पर जाली का काम, फूलों की नक्काशी और इस्लामिक कला के तत्व इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं। ऐतिहासिक महत्त्व तीन दरवाजा को सुल्तानों द्वारा शहर के मुख्य प्रवेश द्वार के रूप में उपयोग किया गया था। यह दरवाजा उस समय सार्वजनिक समारोहों, रैलियों और राजा के फरमान सुनाने के लिए एक प्रमुख स्थान था। यह अहमदाबाद के समृद्ध इतिहास और संस्कृति का प्रतीक है। आधुनिक उपयोग और पर्यटक आकर्षण आज, तीन दरवाजा एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है...

NAGINA WADI AHMEDABAD

RANI NO HAJIRO AHMEDABAD

BHADRA FORT AHMEDABAD

SARKHEJ ROZA AHMEDABAD

MANEK CHOWK AHMEDABAD

SAHASRALINGA YELLAPUR

KAVADIKERE SIRSI YELLAPUR

SIDDI DHAMAL YELLAPUR

SHRI VAJRA KAVACH AJANEY TEMPLE YELLAPUR

MARIKAMBA TEMPLE YELLAPUR

ATTIVERI BIRD SANCTUARY YELLAPUR

SODIEMANE FALLS YELLAPUR

ANASHI NATURAL PARK YELLAPUR

VIBHUTI KALI TEMPLE YELLAPUR

UNCHALLI FALLS YELLAPUR

RAMADEVARA BETTA YELLAPUR

YELLAPUR FORT

YANA ROCKS YELLAPUR

SATHODI FALLS YELLAPUR

JENUKALLU GUDDA YELLAPUR

RAJAGOPURA MURUDESHWAR KARNATAKA

APSARA KONDA BEACH YELLAPUR

APSARA KUNDA WATERFALL YELLAPUR

MIRJAN FORT YELLAPUR

 मीरजान किला कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। इसका महत्व, मूल, स्थान और महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं: **महत्व:** 1. **तारीख़ी महत्व:** मीरजान किला का निर्माण इस भूमि के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है। इसे 16वीं सदी में बनवाया गया था और यह मुग़ल सम्राट अदिलशाह के काल में निर्मित है। 2. **संरक्षण और पर्यटन:** यह किला भारतीय संरक्षण संघटना के द्वारा संरक्षित है और पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल है। यहाँ के ऐतिहासिक और वास्तुकला संरक्षित हैं। 3. **स्थानीय महत्व:** मीरजान किला के आसपास कई प्राचीन मंदिर और स्थल हैं, जिन्हें दर्शनीय माना जाता है। इसे स्थानीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परंपराओं का हिस्सा माना जाता है। **मूल:** मीरजान किला का नाम अरबी शब्द "मीर" और फारसी शब्द "जान" से लिया गया है, जिसका अर्थ है "सम्मानित जीवन"। **स्थान:** मीरजान किला कर्नाटक के करवार तट पर स्थित है। यह समुद्र तट के ऊपरी हिस्से पर स्थित है और एक प्राचीन संरक्षित स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। मीरजान किला का महत्व इसे एक ऐतिहासिक, संस्कृ...

VIBHUTI FALLS YELLAPUR

YANA CAVES YELLAPUR

MAGOD FALLS YELLAPUR

KAVADIKERE LAKE YELLAPUR

BEDTI RIVER YELLAPUR

MANCHIKERE KARNATAKA

KUNTA GOKARNA

SHIRLEY FALLS KARNATAKA

KOTI TEERTH GOKARNA

KUDLE BEACH GOKARNA

YELLAPUR KARNATAKA

MURUDESHWAR KARNATAKA

SANIKATTA GOKARNA

AGHANASHINI RIVER GOKARNA

RAM TIRTH GOKARNA

GOKARNA BEACH KARNATAKA

GOKARNA KARNATAKA

OM BEACH KARNATAKA

PARADISE BEACH KARNATAKA

 पैराडाइस बीच, कर्नाटक के गोकर्ण शहर के पास स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यहाँ के महत्व, स्थान और आकर्षण के बारे में बात करेंगे: **महत्व:** 1. **प्राकृतिक सौंदर्य:** पैराडाइस बीच की सुंदरता का महत्व अत्यधिक है। यहाँ की सफेद पानी और स्वच्छ बालू की रेत ने इसे पर्यटकों के लिए एक स्वर्गीय स्थल बना दिया है। 2. **आत्मिक महत्व:** पैराडाइस बीच को आत्मा की शांति और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यहाँ की शांतिपूर्ण वातावरण ध्यान और मेधावीता को बढ़ावा देता है। 3. **आध्यात्मिकता:** गोकर्ण के पास होने के कारण, पैराडाइस बीच को आध्यात्मिकता के महत्व के लिए भी प्रस्तुत किया जाता है। यहाँ पर धार्मिक गतिविधियों का आयोजन भी होता है। **स्थान:** पैराडाइस बीच गोकर्ण से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह शांतिपूर्णता, प्राकृतिक सौंदर्य, और विश्राम के लिए एक उत्कृष्ट स्थल है। पैराडाइस बीच के प्राकृतिक सौंदर्य, आत्मिक महत्व, और आध्यात्मिक सांस्कृतिकता के कारण यह प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में महत्वपूर्ण है।