DGP

 

डीजीपी (DGP) का पूरा नाम डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (Director General of Police) है, जो किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश की पुलिस का सर्वोच्च अधिकारी होता है। यह भारतीय पुलिस सेवा (IPS) का सबसे ऊँचा पद है। डीजीपी का चयन केंद्र सरकार द्वारा, संघ लोक सेवा आयोग की सिफारिश के आधार पर, राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।

डीजीपी पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और पुलिस प्रशासन का सर्वोच्च नेतृत्व करता है। वह पुलिस विभाग की नीतियां बनाने, उन्हें लागू करने और उनके प्रभावी संचालन की जिम्मेदारी संभालता है। डीजीपी के अधीन एडीजीपी, आईजी, डीआईजी, एसपी और अन्य अधिकारी कार्य करते हैं।

इस पद पर कार्यरत अधिकारी का मुख्य काम पुलिस बल का प्रबंधन, संसाधनों का सही उपयोग, आपराधिक मामलों की रोकथाम, बड़े अपराधों की जांच, और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेना है। डीजीपी विभिन्न शाखाओं जैसे—सीआईडी, यातायात, कानून-व्यवस्था, अपराध शाखा, और विशेष बलों का भी निरीक्षण करता है।

डीजीपी वीआईपी सुरक्षा, चुनाव सुरक्षा, साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और राज्य में शांति स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वह राज्य के गृह विभाग के साथ मिलकर नीतिगत निर्णयों पर काम करता है और जरूरत पड़ने पर केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी समन्वय करता है।

डीजीपी आमतौर पर 30–33 वर्षों की लंबी और उत्कृष्ट सेवा के बाद इस पद पर पहुंचता है। उसे न केवल प्रशासनिक कौशल, बल्कि नेतृत्व क्षमता, रणनीतिक सोच और कठिन परिस्थितियों में निर्णय लेने की योग्यता भी होनी चाहिए।

संक्षेप में, डीजीपी राज्य पुलिस का सर्वोच्च प्रहरी होता है, जो कानून के शासन को बनाए रखने, जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपराधमुक्त समाज की दिशा में पुलिस बल को प्रेरित एवं संचालित करता है।

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