SURENDRA PRATAP SINGH

 

सुरेंद्र प्रताप सिंह 

सुरेंद्र प्रताप सिंह, जिन्हें आमतौर पर एस.पी. सिंह के नाम से जाना जाता है, हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी व्यक्तित्व थे। वे न केवल एक तेज़-तर्रार संपादक थे, बल्कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी हिंदी को प्रतिष्ठा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उनका जन्म 1948 में उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में हुआ था। उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से शिक्षा प्राप्त की और पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखा। अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से करते हुए वे 'रविवार', 'नवभारत टाइम्स', और अन्य पत्रिकाओं से जुड़े रहे। लेकिन उन्हें सबसे अधिक प्रसिद्धि मिली 'आज तक' समाचार कार्यक्रम के ज़रिए।

'आज तक' की शुरुआत एक साप्ताहिक समाचार बुलेटिन के रूप में दूरदर्शन पर हुई थी, जिसकी एंकरिंग और निर्देशन एस.पी. सिंह ने की थी। उनकी दमदार आवाज़, धारदार विश्लेषण और सटीक भाषा ने दर्शकों को हिंदी समाचार की ओर आकर्षित किया। उन्होंने टीवी पत्रकारिता में एक नया मानक स्थापित किया, जिससे प्रेरित होकर आगे चलकर कई हिंदी न्यूज़ चैनल शुरू हुए।

उन्होंने पत्रकारिता में ईमानदारी, निर्भीकता और निष्पक्षता को सबसे ऊपर रखा। वे मानते थे कि मीडिया को सत्ता का नहीं, जनता का पक्ष लेना चाहिए। उनकी भाषा शैली संयमित, सटीक और व्यंग्यात्मक होती थी, जिससे वे कठिन विषयों को भी सरलता से प्रस्तुत कर देते थे।

27 जून 1997 को हृदयगति रुकने से एस.पी. सिंह का असमय निधन हो गया, लेकिन उनका योगदान आज भी हिंदी पत्रकारिता की रीढ़ की तरह कायम है। वे आज भी याद किए जाते हैं एक ऐसे पत्रकार के रूप में, जिसने पत्रकारिता को मिशन माना, न कि सिर्फ पेशा।

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