MONAZITE
मोनाजाइट (Monazite)
मोनाजाइट एक महत्वपूर्ण खनिज है, जिसमें दुर्लभ मृदा तत्व (Rare Earth Elements) और थोरियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसका रासायनिक सूत्र सामान्यतः (Ce, La, Nd, Th)PO₄ होता है, जो दर्शाता है कि इसमें सेरियम, लेन्थेनम, नियोडिमियम और थोरियम जैसे तत्व फॉस्फेट के रूप में उपस्थित होते हैं। मोनाजाइट का रंग पीला, भूरा या लाल-भूरा हो सकता है और यह एक भारी, कठोर खनिज होता है।
मोनाजाइट को मुख्यतः दुर्लभ मृदा तत्वों और थोरियम के स्रोत के रूप में खनन किया जाता है। थोरियम एक रेडियोधर्मी तत्व है, जिसका उपयोग भविष्य में परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जा सकता है। वहीं दुर्लभ मृदा तत्वों का उपयोग उच्च तकनीकी उपकरणों जैसे – मोबाइल फोन, कंप्यूटर, विंड टर्बाइन, इलेक्ट्रिक वाहनों और रक्षा उपकरणों में होता है।
भारत में मोनाजाइट की प्रचुरता तटीय रेत में देखने को मिलती है, विशेषकर केरल, तमिलनाडु, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों में। भारत सरकार इस खनिज को रणनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण मानती है और इसके खनन व निर्यात पर विशेष नियंत्रण रखती है।
मोनाजाइट एक रेडियोधर्मी खनिज होता है क्योंकि इसमें थोरियम और कभी-कभी यूरेनियम भी पाया जाता है। इस कारण इसे संभालते समय विशेष सावधानी बरती जाती है और इसके भंडारण में सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता है।
निष्कर्षतः, मोनाजाइट एक अत्यंत मूल्यवान खनिज है, जो न केवल ऊर्जा के क्षेत्र में बल्कि तकनीकी और औद्योगिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भविष्य में परमाणु ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बढ़ती मांग के चलते इसकी उपयोगिता और भी बढ़ने वाली है।
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