CELLULAR JAIL ANDAMAN
सेल्युलर जेल
सेल्युलर जेल, जिसे "काला पानी" के नाम से भी जाना जाता है, भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में स्थित एक ऐतिहासिक जेल है। यह जेल ब्रिटिश शासनकाल में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को कठोर दंड देने के लिए बनाई गई थी। इसका निर्माण 1896 में शुरू हुआ और 1906 में पूरा हुआ।
इस जेल का नाम "सेल्युलर" इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें बनी प्रत्येक कोठरी (सेल) एकांतवास के लिए बनाई गई थी। यहाँ कुल 693 कोठरियाँ थीं और हर कैदी को अलग-अलग रखा जाता था ताकि वे आपस में संवाद न कर सकें। इस जेल में कई महान स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया, जिनमें वीर सावरकर, बटुकेश्वर दत्त, योगेंद्र शुक्ल और अनेक क्रांतिकारी शामिल थे।
सेल्युलर जेल में कैदियों को कठोर शारीरिक श्रम करवाया जाता था, जैसे नारियल से तेल निकालना, पत्थर तोड़ना और जलाऊ लकड़ी ढोना। उन्हें अमानवीय यातनाएँ दी जाती थीं। इस जेल का उद्देश्य था स्वतंत्रता आंदोलन को दबाना और भारतीयों में भय उत्पन्न करना।
आज सेल्युलर जेल एक राष्ट्रीय स्मारक बन चुका है। यहाँ एक संग्रहालय और एक लाइट एंड साउंड शो भी होता है, जो दर्शकों को भारत की आजादी की लड़ाई की झलक देता है।
सेल्युलर जेल न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का सजीव प्रतीक है, बल्कि यह उस साहस, बलिदान और आत्मबलिदान की याद दिलाती है जिसने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अहम भूमिका निभाई। यह स्थल हर भारतीय के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है।
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