SAHRAWI



सहारावी – रेगिस्तान के स्वतंत्रता प्रेमी लोग

सहारावी (Sahrawi) लोग पश्चिमी सहारा क्षेत्र के मूल निवासी हैं, जो एक विशिष्ट संस्कृति, इतिहास और पहचान रखते हैं। इनका नाम "सहारा" शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है "रेगिस्तान"। सहारावी मुख्य रूप से अरब-बर्बर जातीय समूह से संबंधित हैं और इनकी जीवनशैली पारंपरिक रूप से घुमंतू (nomadic) रही है।

सहारावी लोग पश्चिमी सहारा, दक्षिणी मोरक्को, उत्तरी मॉरिटानिया और पश्चिमी अल्जीरिया में फैले हुए हैं। 20वीं शताब्दी में स्पेन द्वारा पश्चिमी सहारा को उपनिवेश बनाने और फिर 1975 में अपना नियंत्रण हटाने के बाद, यह समुदाय संघर्ष और विस्थापन का शिकार हुआ।

राजनीतिक संघर्ष

1970 के दशक में सहारावी लोगों ने "पोलिसारियो फ्रंट" (Polisario Front) नामक संगठन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य पश्चिमी सहारा की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करना था। उन्होंने "सहारावी अरब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (SADR)" की घोषणा की, जिसे कुछ देशों ने मान्यता दी है, परन्तु यह अब तक पूर्ण रूप से स्वतंत्र राष्ट्र नहीं बन सका है।

जीवन और संस्कृति

सहारावी लोगों की संस्कृति रेगिस्तानी जीवन से जुड़ी हुई है। वे पारंपरिक तंबुओं में रहते हैं, ऊँट पालन करते हैं और सहारवी संगीत, कविता और पहनावे में अरबी और बर्बर दोनों परंपराओं की झलक मिलती है। महिलाएँ सामाजिक रूप से सक्रिय होती हैं और अक्सर राजनीतिक आंदोलनों में भी भाग लेती हैं।

वर्तमान स्थिति

आज भी हजारों सहारावी लोग अल्जीरिया के टिंडूफ़ (Tindouf) क्षेत्र में शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं। वे अपनी भूमि, पहचान और स्वतंत्रता के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं।



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