HALL OF MIRRORS

 

हॉल ऑफ मिरर्स (Hall of Mirrors) 

हॉल ऑफ मिरर्स (Galerie des Glaces) फ्रांस के प्रसिद्ध वर्साय महल (Palace of Versailles) का सबसे भव्य और ऐतिहासिक कक्ष है। यह कक्ष महल की शाही भव्यता और फ्रांसीसी कला के अद्भुत मेल का प्रतीक है। इसे 17वीं शताब्दी में राजा लुई 14वें के शासनकाल में बनाया गया था और इसका निर्माण वास्तुकार जुल्स हार्दोइन-मैन्सार्ट और सज्जाकार चार्ल्स ले ब्रून द्वारा किया गया था।

यह कक्ष लगभग 73 मीटर लंबा, 10.5 मीटर चौड़ा और 12.3 मीटर ऊँचा है। इसके एक ओर 17 विशाल खिड़कियाँ और दूसरी ओर 17 विशाल शीशे लगे हुए पैनल हैं, जो इसके नाम "हॉल ऑफ मिरर्स" को सार्थक बनाते हैं। जब सूर्य की रोशनी खिड़कियों से भीतर आती है और शीशों पर पड़ती है, तो पूरा कक्ष चमक उठता है। इस प्रभावशाली दृश्य के कारण यह कक्ष विश्वभर में प्रसिद्ध है।

हॉल ऑफ मिरर्स को न केवल उसकी सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जाना जाता है। 1919 में प्रथम विश्व युद्ध के अंत में इसी कक्ष में वर्साय की संधि (Treaty of Versailles) पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसने युद्ध का आधिकारिक अंत घोषित किया।

इस भव्य कक्ष में शाही समारोह, राजकीय स्वागत, और उत्सव आयोजित किए जाते थे। यहाँ लगे भित्तिचित्रों में फ्रांस की सैन्य विजय और राजा लुई 14वें की उपलब्धियों को दर्शाया गया है।

हॉल ऑफ मिरर्स आज भी फ्रांस की शाही विरासत, कला और इतिहास का अद्वितीय उदाहरण है। यह वर्साय महल का सबसे आकर्षक और दर्शनीय भाग माना जाता है।

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