MUSI RIVER

 

मुसी नदी 

मुसी नदी दक्षिण भारत की एक महत्त्वपूर्ण नदी है, जो तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर के बीचों-बीच बहती है। यह नदी कृष्णा नदी की एक सहायक नदी है और इसे स्थानीय भाषा में "मोओसी" भी कहा जाता है। मुसी नदी का उद्गम अनंतगिरि हिल्स, विकाराबाद जिले में होता है, जो हैदराबाद से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है।

मुसी नदी ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यह नदी हैदराबाद शहर को दो भागों में बाँटती है – उत्तर भाग में सिकंदराबाद और दक्षिण भाग में हैदराबाद का पुराना शहर। पुराने समय में इस नदी का पानी पीने और सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन समय के साथ बढ़ती जनसंख्या और औद्योगीकरण के कारण यह नदी प्रदूषित होती चली गई।

16वीं शताब्दी में कुतुब शाही वंश ने जब हैदराबाद की स्थापना की, तब मुसी नदी के तट पर ही शहर का निर्माण हुआ था। यह नदी जीवन का स्रोत मानी जाती थी और इसके किनारे बाग-बगिचे, महल, और सार्वजनिक स्थल बनाए गए थे।

1908 में मुसी नदी में भारी बाढ़ आई थी, जिससे हैदराबाद शहर को अत्यधिक नुकसान हुआ। इस बाढ़ के कारण हजारों लोग मारे गए और संपत्ति का भारी नुकसान हुआ। इस घटना के बाद निज़ाम मीर महबूब अली खान ने नदी पर बाँध और जलनिकासी की योजनाएँ शुरू करवाईं। इसके अंतर्गत ही हुसैन सागर, हिमायत सागर और गांधीपेट झील का निर्माण हुआ, जिससे शहर में जलप्रबंधन बेहतर हुआ।

आज मुसी नदी शहरी प्रदूषण की एक प्रमुख समस्या बन चुकी है। इसमें घरेलू और औद्योगिक कचरा प्रवाहित होता है, जिससे इसका पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हुआ है। हालाँकि सरकार द्वारा नदी की सफाई और पुनर्जीवन के प्रयास चल रहे हैं, लेकिन व्यापक जनसहयोग की आवश्यकता है।

मुसी नदी, जो कभी हैदराबाद की जीवनरेखा मानी जाती थी, आज संरक्षण की पुकार कर रही है। यह नदी सिर्फ एक जलधारा नहीं, बल्कि हैदराबाद के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय जीवन का एक अहम हिस्सा है।

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