SAND WALL SAHARA



सैंड वॉल – पश्चिमी सहारा में बना विवादित रेत का दीवार

सैंड वॉल (Sand Wall), जिसे कभी-कभी "मोरेक्कन वॉल" या "डिफेंस वॉल" भी कहा जाता है, पश्चिमी सहारा में बना एक लंबा और सैन्य रूप से संरक्षित रेत का अवरोधक है। यह दीवार मोरक्को ने 1980 के दशक में पोलिसारियो फ्रंट से सुरक्षा के उद्देश्य से बनाई थी। इसका निर्माण पश्चिमी सहारा को दो भागों में बाँटता है — एक भाग मोरक्को के नियंत्रण में है और दूसरा पोलिसारियो फ्रंट के अधीन।

निर्माण और संरचना

सैंड वॉल लगभग 2,700 किलोमीटर लंबी है, और यह दुनिया की सबसे लंबी सैन्य रक्षात्मक दीवारों में से एक मानी जाती है। यह दीवार मुख्य रूप से रेत, पत्थरों और खाइयों से बनी है, लेकिन इसके साथ-साथ भूमिगत माइंस, निगरानी चौकियाँ, और रडार सिस्टम भी लगाए गए हैं। मोरक्को की सेना इस दीवार की पूरी निगरानी करती है।

उद्देश्य

इस दीवार का मुख्य उद्देश्य पोलिसारियो फ्रंट के लड़ाकों को मोरक्को के कब्जे वाले क्षेत्रों में घुसपैठ करने से रोकना है। यह दीवार मोरक्कन नियंत्रण वाले इलाकों को "मुक्त क्षेत्र" (Free Zone) से अलग करती है, जहाँ पोलिसारियो फ्रंट सक्रिय है।

विवाद और आलोचना

सैंड वॉल को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई आलोचनाएँ होती रही हैं। यह दीवार न केवल भूमि को विभाजित करती है, बल्कि सहारावी लोगों के जीवन को भी प्रभावित करती है। कई परिवार इस दीवार की वजह से वर्षों से बँटे हुए हैं। इसके अलावा, दीवार के आसपास बिछे लैंड माइंस स्थानीय निवासियों और पशुओं के लिए खतरनाक हैं।

निष्कर्ष

सैंड वॉल केवल एक भौगोलिक रेखा नहीं, बल्कि यह पश्चिमी सहारा की जटिल राजनीति, संघर्ष और मानवाधिकार की गहराई को दर्शाती है। यह दीवार शांति की राह में एक स्थायी चुनौती बनी हुई है।


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