CENTRAL VISTA PROJECT DELHI

 

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, दिल्ली 

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट दिल्ली का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुनर्विकास परियोजना है, जिसका उद्देश्य भारत की राजधानी के प्रशासनिक और सांस्कृतिक ढाँचे को आधुनिक रूप देना है। यह परियोजना नई दिल्ली के कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) क्षेत्र में चल रही है, जहाँ देश की प्रमुख सरकारी इमारतें जैसे संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक और इंडिया गेट स्थित हैं।

सेंट्रल विस्टा परियोजना की शुरुआत 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई थी। इसका लक्ष्य ब्रिटिश कालीन इमारतों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाना और नई इमारतों का निर्माण करना है, जो बढ़ती प्रशासनिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। इस परियोजना का प्रमुख हिस्सा है — नया संसद भवन, जिसे 2023 में राष्ट्र को समर्पित किया गया। नई संसद त्रिकोणाकार आकार में बनी है और यह अत्याधुनिक तकनीकों और भारतीय संस्कृति की झलक के साथ निर्मित की गई है।

परियोजना के तहत सेंट्रल सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), उप राष्ट्रपति भवन, और अन्य मंत्रालयों के लिए नई इमारतें बनाई जा रही हैं। इसके साथ ही, कर्तव्य पथ को भी सुंदर और सुव्यवस्थित रूप में विकसित किया गया है, जिसमें चौड़ी सड़कों, फव्वारों, हरियाली और पैदल यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा प्रदान की गई है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत की राजधानी को 21वीं सदी के अनुरूप बनाना है, जहाँ आधुनिकता और परंपरा का सुंदर संतुलन हो। हालांकि इस परियोजना पर कुछ पर्यावरणीय और ऐतिहासिक संरक्षण से जुड़ी बहसें भी हुई हैं, लेकिन इसे भारत के राष्ट्रीय गौरव और विकास का प्रतीक माना जा रहा है।

कुल मिलाकर, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट भारत की नई प्रशासनिक पहचान और आधुनिक राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

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