SHAKUNI

 

महाभारत के शकुनि 

शकुनि महाभारत का एक प्रमुख और विवादास्पद पात्र था। वह गांधार देश का राजकुमार और हस्तिनापुर की रानी गांधारी का भाई था। शकुनि को उसकी चालाकी, राजनीति और षड्यंत्रों के लिए जाना जाता है। उसने महाभारत के युद्ध को भड़काने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।

कहा जाता है कि शकुनि अपने परिवार के साथ हस्तिनापुर आया था, जब उसकी बहन गांधारी का विवाह अंधे राजा धृतराष्ट्र से हुआ। इस विवाह से वह अत्यंत अपमानित महसूस करता था और उसने कौरवों के माध्यम से कुरु वंश से बदला लेने का निश्चय किया। शकुनि ने अपनी बुद्धि और चालबाजी से धीरे-धीरे दुर्योधन को प्रभावित किया और उसे पांडवों के प्रति ईर्ष्या और द्वेष से भर दिया।

शकुनि जुए का माहिर खिलाड़ी था। उसने ही दुर्योधन को पांडवों को जुए के खेल में फँसाने की सलाह दी थी। उस खेल में शकुनि ने अपने धूर्त चालों से पांडवों को सब कुछ—राज्य, धन, और यहाँ तक कि द्रौपदी—हारने पर मजबूर कर दिया। यह घटना महाभारत युद्ध का मुख्य कारण बनी।

शकुनि को अत्यंत बुद्धिमान लेकिन स्वार्थी और प्रतिशोधी व्यक्ति माना गया है। उसने अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए धर्म और नीति की सीमाएँ लांघ दीं। अंततः युद्ध में उसे सहदेव ने मार दिया, और उसका अंत अन्याय के परिणाम के रूप में हुआ।

संक्षेप में, शकुनि महाभारत का वह पात्र था जिसने अपनी चतुराई से घटनाओं की दिशा बदल दी। वह बुराई और षड्यंत्र का प्रतीक बन गया। उसका जीवन हमें यह सिखाता है कि बुद्धि यदि नीति और धर्म के बिना प्रयोग की जाए, तो वह विनाश का कारण बनती है।

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