HASTINAPUR
हस्तिनापुर
हस्तिनापुर भारत के प्राचीन इतिहास और महाभारत काल का अत्यंत प्रसिद्ध नगर है। यह नगर कुरु वंश की राजधानी था और इसे भारतीय सभ्यता का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। वर्तमान में हस्तिनापुर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में स्थित है। इसका नाम “हस्ती” शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है — “हाथियों का नगर”। कहा जाता है कि इसे राजा हस्तिन ने बसाया था, इसलिए इसका नाम हस्तिनापुर पड़ा।
महाभारत के अनुसार, हस्तिनापुर में राजा शांतनु, भीष्म पितामह, धृतराष्ट्र, पांडु और दुर्योधन जैसे महान पात्रों ने शासन किया। यही वह भूमि थी जहाँ से कुरु वंश की गौरवशाली परंपरा की शुरुआत हुई। पांडव और कौरव दोनों का पालन-पोषण यहीं हुआ, और यहीं से महाभारत युद्ध की पृष्ठभूमि तैयार हुई।
हस्तिनापुर केवल एक राजनीतिक राजधानी नहीं, बल्कि धर्म, संस्कृति और शिक्षा का भी प्रमुख केंद्र था। यहाँ अनेक महर्षियों के आश्रम थे जहाँ वेद, उपनिषद और धर्मशास्त्रों की शिक्षा दी जाती थी। कहा जाता है कि युधिष्ठिर के शासनकाल में हस्तिनापुर स्वर्ग के समान समृद्ध था।
आज भी हस्तिनापुर धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह हिंदू और जैन दोनों धर्मों के लिए तीर्थस्थल है। जैन धर्म के तीन तीर्थंकर — शांतिनाथ, कुन्तुनाथ और अरहनाथ — का जन्म यहीं हुआ था।
संक्षेप में, हस्तिनापुर केवल एक नगर नहीं, बल्कि भारत की महान सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक है। यह नगर हमें धर्म, न्याय और कर्तव्यपालन की प्रेरणा देता है। महाभारत की कथाएँ आज भी हस्तिनापुर की मिट्टी में जीवंत प्रतीत होती हैं, जो हमें यह सिखाती हैं कि सत्ता से बड़ा धर्म और सत्य का पालन है।
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