BOOK OF KELLS
बुक ऑफ केल्स: एक अनमोल धार्मिक ग्रंथ
बुक ऑफ केल्स (Book of Kells) एक प्राचीन ईसाई धार्मिक ग्रंथ है, जिसे विश्व की सबसे सुंदर और महत्वपूर्ण हस्तलिखित पांडुलिपियों में गिना जाता है। यह ग्रंथ मुख्यतः चार धर्मग्रंथों (गॉस्पेल्स) – मत्ती, मरकुस, लूका और यूहन्ना – का लैटिन भाषा में वर्णन करता है। इसका निर्माण लगभग 800 ईस्वी के आसपास माना जाता है।
इस ग्रंथ की सबसे बड़ी विशेषता इसकी अद्वितीय चित्रकारी और सजावट है। इसमें प्रत्येक पृष्ठ को सुंदर रंगों, जटिल डिज़ाइनों, और धार्मिक प्रतीकों से सजाया गया है। इसके चित्रों में सेल्टिक कला की झलक मिलती है, जो आयरलैंड और स्कॉटलैंड की पारंपरिक कला शैली है।
बुक ऑफ केल्स का नाम आयरलैंड के केल्स नामक स्थान से पड़ा, जहाँ यह ग्रंथ एक समय पर सुरक्षित रखा गया था। ऐसा माना जाता है कि इसे आयोन (Iona) द्वीप के भिक्षुओं ने लिखा, जो बाद में वाइकिंग आक्रमणों से बचने के लिए केल्स चले गए थे।
आज यह ग्रंथ ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन की प्रसिद्ध लाइब्रेरी में सुरक्षित है और यह वहाँ के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। इसे हर साल लाखों लोग देखने आते हैं। पुस्तक को एक विशेष कांच के केस में प्रदर्शित किया जाता है, और हर कुछ समय बाद इसके पृष्ठों को बदला जाता है ताकि अलग-अलग पृष्ठों को प्रदर्शित किया जा सके।
निष्कर्षतः, बुक ऑफ केल्स केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह कला, भक्ति और संस्कृति का जीवंत उदाहरण है। यह आयरलैंड की ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक है और विश्वभर के विद्वानों और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण धरोहर है।
Comments
Post a Comment