SHAH JEE BHOSALE

 

शाहजी भोसले – एक महान मराठा सेनानायक

शाहजी भोसले छत्रपति शिवाजी महाराज के पिता थे और 17वीं शताब्दी के एक प्रसिद्ध मराठा सेनानायक के रूप में इतिहास में जाने जाते हैं। उनका जन्म लगभग 1594 में हुआ था। वे भोसले कुल के सदस्य थे और एक बुद्धिमान, रणनीतिक और साहसी व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध थे। उन्होंने अपने जीवन में अहमदनगर, बीजापुर और मुग़ल दरबारों में उच्च पदों पर कार्य किया।

शाहजी भोसले का विवाह जीजाबाई से हुआ था, जो एक धार्मिक, वीर और नीतिवान स्त्री थीं। दोनों का पुत्र शिवाजी भारत के महानतम शासकों में से एक बना। शिवाजी के चरित्र और विचारों पर शाहजी की सैन्य शिक्षा और जीजाबाई के संस्कारों का गहरा प्रभाव पड़ा।

शाहजी ने अपने सैन्य जीवन की शुरुआत अहमदनगर सुल्तान की सेवा में की। जब मुग़लों ने अहमदनगर पर आक्रमण किया, तब शाहजी ने सुल्तान की ओर से वीरता से संघर्ष किया। बाद में राजनीतिक परिस्थिति के चलते वे बीजापुर सुल्तानate की सेवा में चले गए, जहाँ उन्होंने दक्षिण भारत में कई युद्धों का नेतृत्व किया। उन्होंने मैसूर क्षेत्र में 'बंगलौर' को जीतकर वहां शासन स्थापित किया और उसे एक मजबूत मराठा केंद्र बनाया।

शाहजी एक दूरदर्शी और व्यवहारिक नेता थे। उन्होंने शिवाजी को स्वतंत्र सोच, राजनीति, युद्धनीति और रणनीति की शिक्षा दी। उन्होंने शिवाजी को पुणे और आसपास के क्षेत्रों की जिम्मेदारी देकर उन्हें नेतृत्व के लिए तैयार किया।

शाहजी भोसले का निधन 1664 में कर्नाटक के पास हुआ। वे एक ऐसे योद्धा थे जिन्होंने मराठा शक्ति को दक्षिण भारत तक फैलाने की नींव रखी। उनका योगदान मराठा इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक माना जाता है।

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