JIJABAI
जीजाबाई – एक महान माता और राष्ट्रमाता
जीजाबाई भारतीय इतिहास की एक प्रेरणादायक और पूजनीय स्त्री थीं, जिन्हें “राजमाता जीजाऊ” या “राष्ट्रमाता” के नाम से भी जाना जाता है। वे छत्रपति शिवाजी महाराज की माता थीं और उनके व्यक्तित्व के निर्माण में उनका अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान रहा।
जीजाबाई का जन्म 12 जनवरी 1598 को महाराष्ट्र के सिंधखेड़ गांव में हुआ था। उनके पिता लक्ष्मीजी जगदेव जाधव अहमदनगर सल्तनत में एक प्रमुख सरदार थे। जीजाबाई का विवाह शाहजी भोसले से हुआ था। वे अत्यंत धार्मिक, साहसी, शिक्षित और दूरदर्शी महिला थीं।
जब जीजाबाई गर्भवती थीं, तब उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठिन व्रत किए। 19 फरवरी 1630 को उन्होंने शिवनेरी दुर्ग में शिवाजी को जन्म दिया। बालक शिवाजी को जीजाबाई ने रामायण, महाभारत और भारतीय इतिहास की महान कथाएँ सुनाईं। उन्होंने शिवाजी में धर्म, न्याय, पराक्रम, स्वराज्य और सेवा भावना के बीज बोए। जीजाबाई ने हमेशा शिवाजी को एक स्वतंत्र और धर्मनिष्ठ राज्य की कल्पना सिखाई।
जब शाहजी भोसले दक्षिण में बीजापुर सुल्तान की सेवा में चले गए, तब जीजाबाई ने अकेले ही शिवाजी का लालन-पालन पुणे में किया। उन्होंने शिवाजी को केवल वीर योद्धा ही नहीं, बल्कि एक आदर्श शासक बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारी और मातृत्व को राष्ट्रनिर्माण के स्तर तक ऊँचा उठाया।
जीजाबाई का निधन 17 जून 1674 को रायगढ़ किले में हुआ, कुछ ही समय बाद जब शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था। उनका जीवन त्याग, साहस, नीति और मातृत्व का प्रतीक है। वे आज भी हर भारतीय महिला के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
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