SATPURA MOUNTAIN RANGE
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला
सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला भारत के मध्य भाग में स्थित एक प्रमुख पर्वत श्रृंखला है, जो प्राकृतिक सौंदर्य, जैव विविधता और भौगोलिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है। यह पर्वत श्रृंखला मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ राज्यों में फैली हुई है। सतपुड़ा का नाम संस्कृत शब्द "सत" (सात) और "पुड़ा" (पर्वतों की पंक्ति) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है "सात पर्वतों की श्रृंखला"।
यह श्रृंखला विंध्याचल पर्वत के दक्षिण में स्थित है और इसके समानांतर फैली हुई है। सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला की औसत ऊँचाई 900 से 1200 मीटर के बीच होती है, और इसकी सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ (1350 मीटर) है, जो पचमढ़ी में स्थित है। पचमढ़ी मध्य प्रदेश का एक प्रमुख पर्वतीय पर्यटन स्थल है, जिसे "सतपुड़ा की रानी" भी कहा जाता है।
सतपुड़ा पर्वतों की भू-आकृति ज्वालामुखीय और अवसादी चट्टानों से बनी है। यहाँ गहरे जंगल, झरने, नदियाँ और घाटियाँ मौजूद हैं। इस क्षेत्र की प्रमुख नदियाँ नर्मदा, ताप्ती, और गोड़ावरी हैं, जिनका उद्गम इन्हीं पर्वतों से होता है। नर्मदा और ताप्ती नदियाँ भारत के पश्चिमी क्षेत्र की ओर बहती हैं, जो एक भूगोलिक विशेषता है।
सतपुड़ा क्षेत्र जैव विविधता में भी अत्यंत समृद्ध है। यहाँ कई वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान स्थित हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान
- मेलघाट टाइगर रिज़र्व
- कन्हा और बांधवगढ़ के निकटवर्ती वन क्षेत्र
यहाँ बाघ, तेंदुआ, भालू, बारहसिंगा, हिरण और कई पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। साथ ही, यह क्षेत्र आदिवासी संस्कृति और परंपराओं का भी एक केंद्र है, जहाँ गोंड और भील जनजातियाँ निवास करती हैं।
निष्कर्षतः, सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला न केवल भारत की भौगोलिक संरचना का एक अहम हिस्सा है, बल्कि इसका पारिस्थितिक, पर्यावरणीय और सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक है। यह पर्वतमाला भारत के प्राकृतिक खजाने में एक अनमोल रत्न के समान है।
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