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Showing posts from August, 2025

ITAIPU DAM

  इटाइपु बाँध (Itaipu Dam)  इटाइपु बाँध विश्व के सबसे बड़े और शक्तिशाली जलविद्युत बाँधों में से एक है। यह दक्षिण अमेरिका में पराग्वे और ब्राज़ील की सीमा पर पराना नदी (Paraná River) पर बनाया गया है। "इटाइपु" शब्द का अर्थ स्थानीय गुआरानी भाषा में "गाना गाने वाला पत्थर" होता है। यह बाँध दोनों देशों की संयुक्त परियोजना के रूप में 1975 से 1984 के बीच निर्मित हुआ। इस बाँध की लंबाई लगभग 7,919 मीटर और ऊँचाई 196 मीटर है। इसकी विशालता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके निर्माण में लगभग 40,000 श्रमिकों ने कार्य किया। इटाइपु बाँध की सबसे बड़ी विशेषता इसकी बिजली उत्पादन क्षमता है। इसमें 20 टर्बाइन लगे हुए हैं और प्रत्येक टर्बाइन की क्षमता 700 मेगावाट है। कुल मिलाकर यह बाँध लगभग 14,000 मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन करने में सक्षम है। बिजली उत्पादन के मामले में इटाइपु बाँध कई वर्षों तक विश्व में पहले स्थान पर रहा। आज भी यह चीन के थ्री गॉर्जेस डैम के बाद दूसरे स्थान पर आता है। ब्राज़ील और पराग्वे की अधिकांश विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति यही बाँध करता है। अनुमान है कि प...

PARAGUAY

  पैराग्वे (Paraguay)  दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के मध्य भाग में स्थित पैराग्वे एक स्थलरुद्ध (landlocked) देश है, अर्थात् यह समुद्र से घिरा नहीं है। इसके उत्तर और उत्तर-पश्चिम में बोलीविया, पूर्व और दक्षिण में ब्राज़ील तथा पश्चिम और दक्षिण में अर्जेंटीना स्थित हैं। इसका क्षेत्रफल लगभग 406,752 वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या लगभग 70 लाख के आसपास है। पैराग्वे की राजधानी असुनसियोन (Asunción) है, जो देश का सबसे बड़ा और प्रमुख नगर भी है। यह देश अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जल संसाधनों और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। पैराग्वे नदी (Paraguay River) यहाँ का जीवनरेखा मानी जाती है, जो देश को दो भागों में बाँटती है – पूर्वी और पश्चिमी। आर्थिक दृष्टि से पैराग्वे कृषि पर आधारित देश है। यहाँ मुख्य रूप से सोयाबीन, मक्का, कपास और मांस उत्पादन होता है। जलविद्युत (Hydropower) यहाँ की एक बड़ी ताकत है। इटाइपु बाँध (Itaipu Dam), जो ब्राज़ील और पैराग्वे की सीमा पर है, विश्व के सबसे बड़े जलविद्युत संयंत्रों में से एक है। पैराग्वे की आधिकारिक भाषाएँ स्पैनिश और गुआरानी हैं। गुआरानी एक प्राची...

NATIONAL INSTITUTE OF TB AND RESPIRATORY DESEASE DELHI

  नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टी.बी. एंड रेस्पिरेटरी डिज़ीज़, दिल्ली  नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टी.बी. एंड रेस्पिरेटरी डिज़ीज़ (NITRD) दिल्ली का एक प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान है। इसका पूर्व नाम "लाला रामस्वरूप इंस्टिट्यूट ऑफ टी.बी. एंड रेस्पिरेटरी डिज़ीज़" था। यह संस्थान तपेदिक (टीबी) और श्वसन संबंधी बीमारियों के निदान, उपचार, अनुसंधान और प्रशिक्षण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह संस्थान नई दिल्ली के मेहरौली क्षेत्र में स्थित है। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारत में टीबी और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों पर नियंत्रण करना तथा मरीजों को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराना है। यहाँ पर टीबी, फेफड़ों का कैंसर, अस्थमा, फेफड़ों के संक्रमण, स्लीप डिसऑर्डर, सीओपीडी (COPD) और अन्य श्वसन रोगों का उपचार किया जाता है। NITRD एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के रूप में कार्य करता है, जहाँ सैकड़ों मरीज रोजाना परामर्श और इलाज के लिए आते हैं। संस्थान में लगभग 400 से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था है और यहाँ अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक सेंटर, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, ब्रॉन्कोस्कोपी, और सर्जिकल सुविधाएँ उ...

H N RELIANCE FOUNDATION HOSPITAL MUMBAI

  एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल मुंबई एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल मुंबई का एक अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य संस्थान है। यह अस्पताल गिरगांव, दक्षिण मुंबई में स्थित है और इसे रिलायंस फाउंडेशन की अध्यक्षा श्रीमती नीता अंबानी के संरक्षण में स्थापित किया गया। इस अस्पताल का उद्देश्य भारत में स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाना है। इस अस्पताल का नाम "एच.एन." प्रसिद्ध समाजसेवी हरकिशनदास नर्सींदास के सम्मान में रखा गया है। इसे आधुनिक तकनीक, उन्नत सुविधाओं और उच्चस्तरीय चिकित्सीय सेवाओं के लिए जाना जाता है। अस्पताल में 345 से अधिक बिस्तरों की सुविधा है और यहाँ लगभग हर चिकित्सा विभाग की विशेष सेवाएँ उपलब्ध हैं। एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल को मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। यहाँ हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, बाल चिकित्सा, स्त्री एवं प्रसूति रोग, प्लास्टिक सर्जरी, और ट्रांसप्लांट सेवाएँ उपलब्ध हैं। अस्पताल में अत्याधुनिक आईसीयू, 24x7 आपातकालीन सुविधा, आधुनिक डायग्नोस्टिक सेंटर और रोबोटिक सर...

HINDUJA HOSPITAL MUMBAI

  हिंदुजा अस्पताल मुंबई  हिंदुजा अस्पताल मुंबई का एक प्रमुख और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य संस्थान है। यह अस्पताल महिम (पश्चिम) में स्थित है और इसकी स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी। इसका संचालन पी.डी. हिंदुजा नेशनल हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर के अंतर्गत किया जाता है। यह अस्पताल भारत में चिकित्सा सेवाओं और अनुसंधान के क्षेत्र में एक अत्यंत प्रतिष्ठित नाम है। हिंदुजा अस्पताल एक मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी केंद्र है, जहाँ लगभग हर प्रकार की आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, पल्मोनोलॉजी, बाल रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग तथा क्रिटिकल केयर जैसी उन्नत सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। अस्पताल में 400 से अधिक बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध है, साथ ही अत्याधुनिक आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। हिंदुजा अस्पताल की विशेषता यह है कि यह चिकित्सा उपचार के साथ-साथ अनुसंधान और शिक्षा पर भी जोर देता है। यह एक "टीचिंग हॉस्पिटल" भी है, जहाँ मेडिकल छात्रों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। अस्पताल ...

BREACH CANDY HOSPITAL MUMBAI

  ब्रीच कैंडी अस्पताल मुंबई  ब्रीच कैंडी अस्पताल मुंबई का एक अत्यंत प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक स्वास्थ्य संस्थान है। यह अस्पताल दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी क्षेत्र में स्थित है और इसकी स्थापना लगभग 1950 के दशक में हुई थी। यह अस्पताल अपनी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं, आधुनिक तकनीक और अनुभवी चिकित्सकों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। ब्रीच कैंडी अस्पताल एक मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी संस्थान है, जहाँ हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, आर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, बाल चिकित्सा तथा स्त्री एवं प्रसूति रोग जैसी उन्नत स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ पर अत्याधुनिक डायग्नोस्टिक सेंटर और आधुनिक ऑपरेशन थिएटर मौजूद हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। अस्पताल में लगभग 200 से अधिक बिस्तरों की सुविधा है तथा गहन चिकित्सा इकाई (ICU) और आपातकालीन सेवाएँ 24 घंटे उपलब्ध रहती हैं। ब्रीच कैंडी अस्पताल की एक विशेष पहचान यह भी है कि यहाँ कई प्रसिद्ध हस्तियाँ और विदेशी नागरिक भी इलाज कराने आते हैं। उच्च गुणवत्ता और व्यक्तिगत देखभाल के कारण यह अस्पताल भारत ही नहीं बल्कि ...

LEELAWATI HOSPITAL MUMBAI

  लीलावती अस्पताल मुंबई  लीलावती अस्पताल मुंबई का एक अत्यंत प्रसिद्ध और विश्वस्तरीय स्वास्थ्य संस्थान है। यह अस्पताल बांद्रा (पश्चिम) में स्थित है और इसकी स्थापना वर्ष 1978 में हुई थी। प्रारंभ में यह अस्पताल एक छोटे नर्सिंग होम के रूप में शुरू किया गया था, लेकिन आज यह भारत ही नहीं बल्कि एशिया के प्रमुख सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में गिना जाता है। इस अस्पताल का नाम इसके संस्थापक परिवार की दिवंगत सदस्य "लीलावती" के नाम पर रखा गया था। लीलावती अस्पताल अपनी उच्चस्तरीय चिकित्सीय सुविधाओं, आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर हृदय रोग, न्यूरोलॉजी, कैंसर, नेफ्रोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल चिकित्सा, और क्रिटिकल केयर जैसी अनेक विशेष सेवाएँ उपलब्ध हैं। लीलावती अस्पताल की एक खासियत यह है कि यह न केवल मुंबई बल्कि पूरे देश और विदेश से आने वाले मरीजों का इलाज करता है। अस्पताल में लगभग 300 से अधिक बिस्तरों की व्यवस्था है और यहाँ आधुनिक ऑपरेशन थिएटर, उन्नत डायग्नोस्टिक सेंटर, और आपातकालीन सेवाएँ 24 घंटे उपलब्ध रहती हैं।...

JASLOK HOSPITAL MUMBAI

  जसलोक अस्पताल मुंबई  जसलोक अस्पताल मुंबई का एक प्रमुख मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल है, जो देश-विदेश में अपनी उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है। इसकी स्थापना वर्ष 1973 में उद्योगपति सेठ लोकूमल चटसी और उनकी पत्नी सेठानी जसोतिबाई लोकूमल द्वारा की गई थी। उनके नामों से ही अस्पताल का नाम “जसलोक” रखा गया। इस अस्पताल की स्थापना का मुख्य उद्देश्य मुंबई और भारत के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना था। जसलोक अस्पताल दक्षिण मुंबई के पेडर रोड पर स्थित है और इसे देश के सबसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में गिना जाता है। यहाँ आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का उपयोग कर मरीजों का इलाज किया जाता है। अस्पताल में हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, आईवीएफ और ट्रांसप्लांट सर्जरी जैसी कई विशेष सेवाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ अनेक जटिल ऑपरेशन्स और दुर्लभ बीमारियों का सफल उपचार किया जाता है। जसलोक अस्पताल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह न केवल संपन्न मरीजों की देखभाल करता है, बल्कि गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भी आर्थिक सहायता और रियायती दरों...

DR MAZHAR HUSSAIN

  डॉ. मज़हर हुसैन  डॉ. मज़हर हुसैन लखनऊ के अग्रणी न्यूरोसर्जन (Neurosurgeon) हैं, जो न्यूरोसर्जरी में विशेषज्ञता और व्यापक अनुभव के कारण सम्मानित भूमिका में हैं। वे सहारा अस्पताल, लखनऊ में वरिष्ठ सलाहकार और मुख्य न्यूरोसर्जन के रूप में कार्यरत हैं, साथ ही किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) , लखनऊ में न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख रह चुके हैं । शैक्षणिक पृष्ठभूमि और कैरियर डॉ. हुसैन ने अपना MBBS, MS (सर्जरी में) तथा M.Ch. (न्यूरोसर्जरी) किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ से प्राप्त किया है। उन्होंने प्रो. V. S. Dave और प्रो. Goodwin Newton के मार्गदर्शन में न्यूरोसर्जरी का प्रशिक्षण लिया। वे 1984 में KGMU में न्यूरोसर्जरी विभाग से जुड़े और 1994 से अक्टूबर 2008 तक विभागाध्यक्ष रहे । विशेषज्ञता क्षेत्र डॉ. हुसैन की विशेषज्ञता का मुख्य क्षेत्र एंडोस्कोपिक न्यूरोसर्जरी और मिनिमली इनवेसिव स्पाइनल सर्जरी है। वे सालाना लगभग 300–700 न्यूरोसर्जरी ऑपरेशन सफलतापूर्वक करते हैं । प्रमुख उपलब्धियाँ वह भारत में हाइपोथर्मिक कार्डियक अरेस्ट के तहत की गई पहली न्यूरोसर्जरी सफलतापूर्वक करने व...

DR DEVI PRASAD SHETTY

  डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी  डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी भारत के एक प्रख्यात हृदय शल्य चिकित्सक (Cardiac Surgeon) और प्रसिद्ध नारायणा हेल्थ (Narayana Health) अस्पताल समूह के संस्थापक हैं। उनका जन्म 8 मई 1953 को कर्नाटक के मंगलुरु जिले में हुआ था। बचपन से ही उनका सपना डॉक्टर बनने और समाज की सेवा करने का था। उन्होंने अपनी चिकित्सा शिक्षा सेंट जॉन्स मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु से प्राप्त की और फिर यूनाइटेड किंगडम में उच्च प्रशिक्षण लिया। डॉ. शेट्टी को हृदय सर्जरी में विशेष महारत हासिल है। उन्होंने अब तक 15,000 से अधिक हृदय सर्जरी सफलतापूर्वक की हैं, जिनमें नवजात शिशुओं से लेकर बुजुर्ग मरीज शामिल हैं। उन्हें “हृदय के डॉक्टर” के नाम से भी जाना जाता है। उनका सबसे बड़ा योगदान गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए किफायती स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना है। इसी उद्देश्य से उन्होंने नारायणा हेल्थ की स्थापना की, जिसके अंतर्गत भारत के कई राज्यों में सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल संचालित होते हैं। इन अस्पतालों में अत्याधुनिक तकनीक के साथ कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाला उपचार दिया जाता है। डॉ. शेट्टी ने ...

DR NARESH TREHAN

  डॉ. नरेश त्रेहन  डॉ. नरेश त्रेहन भारत के सबसे प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ (Cardiovascular & Cardiothoracic Surgeon) हैं। उनका जन्म 12 अगस्त 1946 को पाकिस्तान के लाहौर (तत्कालीन ब्रिटिश भारत) में हुआ था। वे अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च अध्ययन हेतु अमेरिका गए, जहाँ उन्होंने आधुनिक कार्डियक सर्जरी की बारीकियाँ सीखीं और लंबे समय तक प्रैक्टिस की। भारत लौटकर उन्होंने हजारों मरीजों का जीवन बचाया और देश में हृदय रोग उपचार को नई दिशा दी। डॉ. त्रेहन ने दिल्ली के एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट में लंबे समय तक काम किया और उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाई। बाद में उन्होंने मेदान्ता – द मेडिसिटी अस्पताल (गुड़गांव, हरियाणा) की स्थापना की, जो आज एशिया का एक प्रमुख मल्टी-सुपर स्पेशलिटी अस्पताल है। डॉ. त्रेहन का नाम हृदय शल्य चिकित्सा (Heart Surgery) में उच्च सफलता दर के लिए लिया जाता है। उन्होंने अब तक 48,000 से अधिक ओपन-हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक की हैं। उनकी विशेषज्ञता विशेष रूप से बाईपास सर्जरी, वाल्व रिपेयर और ट्रांसप्लांट में मानी जाती है। वे न केवल तकनीक के माहिर हैं ...

TATA MEMORIAL HOSPITAL MUMBAI

  टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई  टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (Tata Memorial Hospital) भारत का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध कैंसर उपचार एवं अनुसंधान केंद्र है। इसकी स्थापना 28 फरवरी 1941 को टाटा ट्रस्ट द्वारा की गई थी। बाद में इसे भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन लाया गया। आज यह संस्थान पूरे देश और एशिया में कैंसर उपचार का प्रमुख केंद्र माना जाता है। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की खास पहचान इसकी कैंसर उपचार सेवाओं के लिए है। यहाँ कैंसर के विभिन्न प्रकारों का इलाज आधुनिक तकनीकों से किया जाता है। अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, न्यूक्लियर मेडिसिन, बोन मैरो ट्रांसप्लांट और पैलिएटिव केयर जैसी विशेष सेवाएँ उपलब्ध हैं। प्रतिवर्ष लाखों मरीज पूरे देश और विदेश से यहाँ इलाज के लिए आते हैं। इस संस्थान की एक बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए मुफ्त या कम लागत पर कैंसर उपचार उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा अस्पताल कैंसर की रोकथाम, जनजागरूकता और प्रारंभिक जांच पर भी विशेष ध्यान देता है। शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में भी टाटा मेमोर...

IGIMS PATNA

  इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS), पटना  इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS), पटना बिहार का एक प्रमुख और अत्याधुनिक चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान है। इसकी स्थापना 1983 में बिहार सरकार द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य प्रदेशवासियों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराना और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के क्षेत्र में प्रगति करना है। IGIMS को बिहार का एम्स भी कहा जाता है क्योंकि यहाँ सुपर स्पेशलिटी स्तर की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। IGIMS का परिसर पटना के शेखपुरा क्षेत्र में स्थित है और यह विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें आधुनिक अस्पताल, शैक्षणिक ब्लॉक, अनुसंधान केंद्र और छात्रावास जैसी सुविधाएँ मौजूद हैं। संस्थान में एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डीएम, एम.च. सहित विभिन्न स्नातकोत्तर और सुपर-स्पेशलिटी पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। यहाँ पढ़ने वाले छात्र-छात्राएँ न केवल बिहार बल्कि पूरे देश से आते हैं। अस्पताल के रूप में, IGIMS में आधुनिक चिकित्सा तकनीक और उच्च प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम है। यहाँ कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, ...

PMCH

  पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH), पटना  पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) बिहार का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है। इसकी स्थापना 1925 में प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज के रूप में हुई थी। बाद में इसका नाम बदलकर पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल रखा गया। यह संस्थान न केवल बिहार बल्कि पूरे पूर्वी भारत का एक प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है। PMCH का परिसर गंगा नदी के किनारे स्थित है और यह विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अस्पताल चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और स्वास्थ्य सेवाओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ प्रतिवर्ष सैकड़ों छात्र-छात्राएँ एमबीबीएस, पोस्ट-ग्रेजुएट और पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में दाखिला लेते हैं। यह संस्थान आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना से संबद्ध है। अस्पताल के रूप में, PMCH की पहचान गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनरेखा जैसी है। प्रतिदिन हजारों मरीज यहाँ इलाज के लिए आते हैं। यहाँ सामान्य चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग, हड्डी रोग, नेत्र रोग, ईएनटी, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, कैंसर उपचार और अन्य कई विशेष विभाग संचाल...

SGPGI LUCKNOW

  संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान  संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI), लखनऊ भारत का एक प्रमुख चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र है। इसकी स्थापना 1983 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई थी। इस संस्थान का उद्देश्य उच्च स्तरीय चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और उन्नत स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना है। यह संस्थान आज न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। SGPGI एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के रूप में जाना जाता है। यहाँ जटिल और गंभीर बीमारियों का आधुनिक तकनीकों से उपचार किया जाता है। संस्थान में कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, हृदय एवं छाती शल्य चिकित्सा, हेपेटोलॉजी, एंडोक्राइनोलॉजी, ऑन्कोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसे विशेष विभाग मौजूद हैं। यहाँ प्रतिदिन हजारों मरीज देश के विभिन्न हिस्सों से इलाज के लिए आते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी SGPGI की महत्वपूर्ण भूमिका है। यहाँ स्नातकोत्तर (Post Graduate), सुपर-स्पेशलिटी (DM/MCh) और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। यह संस्थान चिकित्सा अनुसंधान मे...

KGMU LUCKNOW

  किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ भारत के प्रमुख और ऐतिहासिक चिकित्सा संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना 1911 में किंग जॉर्ज पंचम के राज्यारोहण की स्मृति में की गई थी। प्रारंभ में इसे किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज कहा जाता था, लेकिन बाद में इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया और अब यह किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है। KGMU उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश के मरीजों और विद्यार्थियों के लिए एक प्रमुख केंद्र है। यह संस्थान विशाल परिसर में फैला हुआ है और इसमें आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ, अनुसंधान केंद्र, शिक्षण विभाग और सुपर स्पेशलिटी विंग मौजूद हैं। यहाँ एमबीबीएस, बीडीएस, नर्सिंग, पैरामेडिकल और अनेक पोस्ट-ग्रेजुएट पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में KGMU की ख्याति पूरे देश में है। देश-विदेश से छात्र यहाँ पढ़ाई करने आते हैं। इसके अलावा, यह संस्थान चिकित्सा अनुसंधान और नई तकनीकों को विकसित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अस्पताल के रूप में, KGMU में प्रतिदिन हजारों मरीज उपचार के...

HINDURAO HOSPITAL DELHI

  हिंदूराव अस्पताल, दिल्ली हिंदूराव अस्पताल, दिल्ली नगर निगम (MCD) के अधीन संचालित होने वाला सबसे बड़ा बहु-विशेषज्ञता (Multi-Speciality) सरकारी अस्पताल है। यह अस्पताल दिल्ली के मलका गंज क्षेत्र में स्थित है और इसकी पहचान राजधानी के पुराने एवं विश्वसनीय अस्पतालों में होती है। इस अस्पताल का नाम मराठा सरदार हिंदूराव के नाम पर रखा गया है, जिनका ऐतिहासिक महत्व भी है। हिंदूराव अस्पताल में विभिन्न प्रकार की चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ जनरल मेडिसिन, शल्य चिकित्सा (Surgery), हड्डी रोग (Orthopaedics), नेत्र रोग, दंत रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग, ईएनटी, त्वचा रोग, मनोचिकित्सा तथा अन्य कई विभाग संचालित हैं। अस्पताल में आधुनिक ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू, डायलिसिस यूनिट, पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी सेवाएँ उपलब्ध हैं। इस अस्पताल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ गरीब और जरूरतमंद मरीजों को नि:शुल्क या अत्यंत कम शुल्क पर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। प्रतिदिन हजारों मरीज यहाँ उपचार के लिए आते हैं, जिससे यह दिल्ली के सबसे व्यस्त अस्पतालों में से एक है। हिंदूराव अस्पताल चिकित्सा शिक्ष...

RAMKRISHNA MISSION HOSPITAL DELHI

  रामकृष्ण मिशन अस्पताल, दिल्ली  रामकृष्ण मिशन अस्पताल, दिल्ली एक प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान है, जिसे रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित किया जाता है। इस मिशन की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने 1897 में की थी, जिसका उद्देश्य समाज सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य और मानव कल्याण को बढ़ावा देना था। इन्हीं आदर्शों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में भी रामकृष्ण मिशन अस्पताल की स्थापना की गई, ताकि आम जनता को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराई जा सकें। यह अस्पताल बहु-विशेषज्ञता (Multi-Speciality) सेवाएँ प्रदान करता है। यहाँ जनरल मेडिसिन, अस्थि रोग, नेत्र रोग, ईएनटी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग, दंत चिकित्सा, त्वचा रोग, फिजियोथेरेपी, पैथोलॉजी और अन्य विभाग संचालित हैं। अस्पताल में आधुनिक ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी और अन्य आवश्यक जाँच सुविधाएँ उपलब्ध हैं। रामकृष्ण मिशन अस्पताल का उद्देश्य केवल रोगों का उपचार करना ही नहीं, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना भी है। यहाँ गरीब और जरूरतमंद मरीजों को बहुत कम लागत पर इलाज दिया जाता है, वहीं कई सेवाएँ न...

LOHIA HOSPITAL DELHI

  लोहिया अस्पताल, दिल्ली  डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, नई दिल्ली भारत का एक प्रमुख सरकारी अस्पताल है। यह अस्पताल संसद भवन और राष्ट्रपति भवन के समीप स्थित है। इसका नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया के नाम पर रखा गया है। पहले इसे विलिंगडन अस्पताल कहा जाता था, लेकिन 1970 में इसका नाम बदलकर डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल कर दिया गया। लोहिया अस्पताल बहु-विशेषज्ञता (Multi-Speciality) स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करता है। यहाँ हृदय रोग, अस्थि रोग, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गेस्ट्रोएंटरोलॉजी, कैंसर, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग, नेत्र रोग, ईएनटी और त्वचा रोग जैसे अनेक विभाग मौजूद हैं। अस्पताल में अत्याधुनिक आईसीयू, इमरजेंसी सेवाएँ, डायलिसिस यूनिट और आधुनिक ऑपरेशन थिएटर उपलब्ध हैं। इस अस्पताल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ सभी मरीजों को नि:शुल्क चिकित्सा सेवाएँ दी जाती हैं। जाँच, दवाइयाँ, भर्ती और ऑपरेशन जैसी सभी सुविधाएँ बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराई जाती हैं। यही कारण है कि यह अस्पताल न केवल दिल्ली, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले गरी...

ARVIND EYE HOSPITAL MADHURAI

  अरविंद नेत्रालय  अरविंद नेत्रालय भारत का एक विश्वप्रसिद्ध नेत्र-चिकित्सा संस्थान है। इसकी स्थापना वर्ष 1976 में तमिलनाडु के मदुरै शहर में प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ डॉ. गोविंदप्पा वेंकटस्वामी (डॉ. जी. वि.) ने की थी। इस संस्थान का उद्देश्य था – “कोई भी व्यक्ति अंधा न रहे, केवल इसीलिए क्योंकि उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं।” इसी सेवा भावना ने अरविंद नेत्रालय को आज दुनिया का सबसे बड़ा नेत्र-देखभाल नेटवर्क बना दिया है। अरविंद नेत्रालय में आँखों से जुड़ी सभी प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ मोतियाबिंद (Cataract), ग्लूकोमा, कॉर्निया ट्रांसप्लांट, रेटिना रोग, बच्चों की आँखों की बीमारियाँ, रिफ्रेक्टिव सर्जरी (LASIK), ऑक्यूलोप्लास्टी और आई बैंक जैसी आधुनिक सुविधाएँ मौजूद हैं। इस अस्पताल में अत्याधुनिक उपकरणों और नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे लाखों लोगों को दृष्टि मिली है। इस अस्पताल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ गरीब और जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त या बहुत कम लागत पर इलाज उपलब्ध कराया जाता है। वहीं जो मरीज आर्थिक रूप से सक्षम हैं, वे अपनी सुविधा के अनुसार शुल्क देकर...

MEDANTA HOSPITAL GURUGRAM

  मेदांता अस्पताल,  मेदांता अस्पताल, जिसे मेदांता – द मेडिसिटी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के प्रमुख बहु-विशेषज्ञता (Multi-Speciality) अस्पतालों में से एक है। इसकी स्थापना प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश त्रेहन ने 2009 में गुरुग्राम (दिल्ली-एनसीआर) में की थी। इस अस्पताल का उद्देश्य भारत में विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना और जटिल बीमारियों का अत्याधुनिक उपचार उपलब्ध कराना है। मेदांता अस्पताल में हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, अस्थि रोग, लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट, गेस्ट्रोएंटरोलॉजी, पल्मोनरी मेडिसिन, बाल रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग, नेत्र रोग तथा अन्य सुपर स्पेशियलिटी विभाग मौजूद हैं। यह अस्पताल विशेष रूप से हृदय शल्यचिकित्सा (Cardiac Surgery) और अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplant) के लिए जाना जाता है। अस्पताल अत्याधुनिक तकनीक और आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है। यहाँ रोबोटिक सर्जरी, एडवांस इमेजिंग तकनीक, अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू, डायलिसिस यूनिट और इमरजेंसी सेवाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ के डॉक्टर और नर्सें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार चौबीसों घंटे...

SHANKAR NETRALAYA

  शंकर नेत्रालय  शंकर नेत्रालय भारत का एक प्रमुख और विश्व-प्रसिद्ध नेत्र अस्पताल है। इसकी स्थापना वर्ष 1978 में प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ डॉ. एस. एस. बद्रीनाथ ने चेन्नई (तमिलनाडु) में की थी। इस संस्थान का उद्देश्य लोगों को उच्च स्तरीय नेत्र-चिकित्सा सेवाएँ किफायती दरों पर उपलब्ध कराना और आँखों से जुड़ी बीमारियों के क्षेत्र में अनुसंधान एवं शिक्षा को बढ़ावा देना था। आज शंकर नेत्रालय को नेत्र उपचार का एक "टेम्पल ऑफ द आई" (Temple of the Eye) कहा जाता है। यह अस्पताल बहु-विशेषज्ञता (Super-Speciality) नेत्र सेवाएँ प्रदान करता है। यहाँ मोतियाबिंद (Cataract), ग्लूकोमा, रेटिना रोग, कॉर्निया ट्रांसप्लांट, रिफ्रेक्टिव सर्जरी (LASIK), बच्चों की आँखों की बीमारियाँ, न्यूरो-ऑफ्थाल्मोलॉजी, ऑक्यूलोप्लास्टी और आई बैंक जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। शंकर नेत्रालय में अत्याधुनिक उपकरणों और नवीनतम तकनीक का उपयोग कर मरीजों का इलाज किया जाता है। इस अस्पताल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ गरीब और जरूरतमंद मरीजों को नि:शुल्क या किफायती इलाज उपलब्ध कराया जाता है। यह संस्था समाज सेवा के उद्देश्य से कार्...

DR MAHIPAL SINGH SACHDEVA

  डॉ. महिपाल सिंह सचदेव  डॉ. महिपाल सिंह सचदेव भारत के एक प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ (Ophthalmologist) हैं, जिन्हें नेत्र-चिकित्सा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। वे सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। उनका उद्देश्य आधुनिक तकनीक और विश्वस्तरीय नेत्र-सेवाएँ भारत में उपलब्ध कराना है, ताकि लोग अपनी आँखों की समस्याओं से मुक्ति पा सकें। डॉ. सचदेव का जन्म हरियाणा के गुरुग्राम जिले में हुआ था। उन्होंने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली से एम.बी.बी.एस. और एम.एस. की पढ़ाई पूरी की। बाद में उन्होंने नेत्र-चिकित्सा के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की और अपनी पहचान एक कुशल सर्जन के रूप में बनाई। वे कॉर्निया, कैटरैक्ट और रिफ्रेक्टिव सर्जरी (LASIK एवं SMILE) के अग्रणी विशेषज्ञ माने जाते हैं। डॉ. महिपाल सिंह सचदेव ने नेत्र विज्ञान में अनेक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और वे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। उन्होंने हजारों जटिल नेत्र सर्जरियाँ की हैं और असंख्य लोगों को दृष्टि प्रदान की है। उनके...

CENTRE FOR SIGHT DELHI

  सेंटर फॉर साइट, दिल्ली  सेंटर फॉर साइट, दिल्ली देश का एक प्रतिष्ठित नेत्र (Eye Care) अस्पताल है, जिसकी स्थापना प्रसिद्ध नेत्र विशेषज्ञ डॉ. महिपाल सचदेव ने की थी। इस संस्थान का उद्देश्य लोगों को विश्वस्तरीय नेत्र-चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान करना और आँखों से जुड़ी समस्याओं का आधुनिक तकनीक से इलाज करना है। आज सेंटर फॉर साइट न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे भारत में अपनी कई शाखाओं के माध्यम से सेवाएँ दे रहा है। यह अस्पताल आँखों की बीमारियों के लिए सुपर-स्पेशियलिटी सेवाएँ प्रदान करता है। यहाँ मोतियाबिंद (Cataract), ग्लूकोमा, कॉर्निया ट्रांसप्लांट, रेटिना रोग, रिफ्रेक्टिव सर्जरी (LASIK और SMILE), बच्चों की आँखों की बीमारियाँ, कॉन्टेक्ट लेंस, ऑक्यूलोप्लास्टी और आई बैंक जैसी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। अस्पताल में नवीनतम उपकरणों और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है, जिससे मरीजों को सर्वोत्तम इलाज मिल सके। सेंटर फॉर साइट का विशेष जोर सुरक्षित और दर्द-रहित लेजर सर्जरी पर है, जिसके माध्यम से हजारों लोग चश्मे और कॉन्टेक्ट लेंस से छुटकारा पा चुके हैं। यहाँ अनुभवी नेत्र विशेषज्ञों की टीम मौ...

SAFDARJUNG HOSPITAL DELHI

  सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली  सफदरजंग अस्पताल, नई दिल्ली भारत के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक है। इसकी स्थापना वर्ष 1942 में हुई थी। प्रारंभ में यह ब्रिटिश सेना के लिए बनाया गया था, लेकिन बाद में इसे आम जनता की सेवा हेतु खोला गया। आज यह अस्पताल पूरे देश से आने वाले लाखों मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करता है। सफदरजंग अस्पताल में बहु-विशेषज्ञता (Multi-Speciality) सेवाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोलॉजी, अस्थि रोग, नेफ्रोलॉजी, गेस्ट्रोएंटरोलॉजी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग, ईएनटी, नेत्र रोग और अन्य कई विभाग हैं। इसके अलावा, यहाँ गंभीर मरीजों के लिए आधुनिक आईसीयू, इमरजेंसी सेवाएँ, डायलिसिस यूनिट और अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर मौजूद हैं। यह अस्पताल किफायती दरों पर या नि:शुल्क सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए जाना जाता है। गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए यह अस्पताल जीवनदायिनी भूमिका निभाता है। यहाँ का वातावरण मरीज-हितैषी है और डॉक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की टीम चौबीसों घंटे मरीजों की देखभाल करती है। सफदरजंग अस्पताल चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान का भी एक प्रमुख ...

FORTIS HOSPITAL DELHI

  फोर्टिस अस्पताल, दिल्ली  फोर्टिस अस्पताल, दिल्ली भारत के अग्रणी निजी स्वास्थ्य संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना फोर्टिस हेल्थकेयर ग्रुप के अंतर्गत हुई, जो पूरे देश और विदेशों में अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में फोर्टिस अस्पताल के कई केंद्र हैं, जिनमें वसंत कुंज, शालीमार बाग और गुरुग्राम स्थित शाखाएँ विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। फोर्टिस अस्पताल बहु-विशेषज्ञता (Multi-Speciality) सेवाएँ प्रदान करता है। यहाँ हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोसाइंसेस, अस्थि रोग, नेफ्रोलॉजी, गेस्ट्रोएंटरोलॉजी, लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग तथा अन्य सुपर स्पेशियलिटी विभाग मौजूद हैं। अस्पताल विशेष रूप से हृदय सर्जरी और जटिल ट्रांसप्लांट प्रक्रियाओं के लिए जाना जाता है। यह अस्पताल अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक और आधुनिक उपकरणों से लैस है। यहाँ रोबोटिक सर्जरी, एडवांस इमेजिंग तकनीक, डायलिसिस यूनिट, आईसीयू और उच्चस्तरीय ऑपरेशन थिएटर उपलब्ध हैं। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यहाँ विशेषज्ञ डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों...

MAX HOSPITAL DELHI

  मैक्स अस्पताल, दिल्ली  मैक्स अस्पताल, दिल्ली भारत के प्रमुख निजी स्वास्थ्य संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना मैक्स हेल्थकेयर के अंतर्गत की गई थी और आज यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अपनी उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है। मैक्स अस्पताल के कई केंद्र दिल्ली में स्थित हैं, जिनमें साकेत, पटपड़गंज, शालीमार बाग, द्वारका, गुरुग्राम आदि प्रमुख हैं। यह अस्पताल बहु-विशेषज्ञता (Multi-Speciality) स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करता है। यहाँ हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोसाइंसेस, अस्थि रोग, नेफ्रोलॉजी, गेस्ट्रोएंटरोलॉजी, लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग और अन्य सुपर स्पेशियलिटी सेवाएँ उपलब्ध हैं। अस्पताल विशेष रूप से जटिल सर्जरी और ट्रांसप्लांट के लिए जाना जाता है। मैक्स अस्पताल में अत्याधुनिक तकनीक और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों का उपयोग किया जाता है। यहाँ रोबोटिक सर्जरी, आधुनिक रेडियोलॉजी, कैथ लैब, डायलिसिस यूनिट, आईसीयू और उच्च स्तरीय ऑपरेशन थिएटर मौजूद हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों और प्रशिक्षित नर्सों की टीम चौबीसों घंटे मरीजों की देखभाल करती है। अस्पताल का वातावरण ...

APPOLO HOSPITAL DELHI

  अपोलो अस्पताल, दिल्ली  अपोलो अस्पताल, दिल्ली भारत के प्रमुख निजी अस्पतालों में से एक है। इसकी स्थापना अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के अंतर्गत हुई, जो पूरे एशिया में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है। दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल 1996 में प्रारंभ हुआ और आज यह आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं और उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के लिए प्रसिद्ध है। यह अस्पताल बहु-विशेषज्ञता (Multi-Speciality) सेवाएँ प्रदान करता है। यहाँ हृदय रोग, कैंसर, अस्थि रोग, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, लीवर ट्रांसप्लांट, किडनी ट्रांसप्लांट, गेस्ट्रोएंटरोलॉजी, बाल रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग जैसे अनेक विभाग मौजूद हैं। अस्पताल विशेष रूप से अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplant) और जटिल सर्जरी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुका है। इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल अत्याधुनिक उपकरणों और आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है। यहाँ रोबोटिक सर्जरी, अत्याधुनिक इमेजिंग तकनीक, कैथ लैब, डायलिसिस यूनिट, आईसीयू और अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर मौजूद हैं। अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों और प्रशिक्षित नर्सों की टीम चौबीसों घंटे मरीजों क...

AIIMS NEW DELHI

  एम्स नई दिल्ली  अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली भारत का सबसे प्रमुख और प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है। इसकी स्थापना 1956 में संसद के एक अधिनियम के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य देश को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ, चिकित्सा शिक्षा और शोध सुविधाएँ उपलब्ध कराना था। आज यह संस्थान न केवल भारत बल्कि पूरे एशिया के श्रेष्ठ अस्पतालों और अनुसंधान केंद्रों में गिना जाता है। एम्स नई दिल्ली में विभिन्न सुपर स्पेशियलिटी विभाग हैं, जैसे – हृदय रोग, कैंसर, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, गेस्ट्रोएंटरोलॉजी, अस्थि रोग, नेत्र रोग, ईएनटी, बाल रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग आदि। यहाँ मरीजों को अत्याधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में इलाज उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही यहाँ की आपातकालीन सेवाएँ (Emergency Services) चौबीसों घंटे चालू रहती हैं। एम्स की विशेषता यह है कि यहाँ गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को भी किफायती दरों पर उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाती है। यही कारण है कि पूरे देश से लाखों मरीज यहाँ इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल में अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएट...

SIR GANGA RAM HOSPITAL DELHI

  सर गंगा राम अस्पताल  सर गंगा राम अस्पताल भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित एक प्रतिष्ठित और सुप्रसिद्ध बहु-विशेषज्ञता (multi-speciality) अस्पताल है। इस अस्पताल की स्थापना 1921 में लाहौर (अब पाकिस्तान में) हुई थी, लेकिन विभाजन के बाद इसे 1954 में दिल्ली में पुनः स्थापित किया गया। इसका नाम प्रसिद्ध इंजीनियर और समाजसेवी सर गंगा राम के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने अपने जीवनकाल में जनता की भलाई और समाज के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। यह अस्पताल आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और उच्च प्रशिक्षित चिकित्सकों के लिए जाना जाता है। यहाँ हृदय रोग, कैंसर, गुर्दे के रोग, अस्थि रोग, न्यूरोलॉजी, गेस्ट्रोएंटरोलॉजी, स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग तथा अन्य अनेक विभाग अत्याधुनिक सेवाएँ प्रदान करते हैं। अस्पताल में अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों का उपयोग कर मरीजों का उपचार किया जाता है। सर गंगा राम अस्पताल का एक विशेष पहलू यह है कि यह न केवल भारत बल्कि विदेशों से भी मरीजों को आकर्षित करता है। यहाँ गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ और मरीजों की देखभाल सर्वोच्च प्राथमिकता मानी जाती है। अस्पताल में आई...

RAJEEV GANDHI SUPER SPECIALITY HOSPITAL DELHI

  राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल  राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल दिल्ली के ताहिरपुर क्षेत्र में स्थित एक प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थान है। इस अस्पताल की स्थापना आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ आम जनता को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी। इसका नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह अस्पताल विशेष रूप से जटिल बीमारियों के इलाज के लिए जाना जाता है। यहाँ हृदय रोग, न्यूरो साइंसेस, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, गेस्ट्रोएंटरोलॉजी, पल्मोनरी मेडिसिन तथा अन्य सुपर स्पेशियलिटी विभागों की अत्याधुनिक सेवाएँ उपलब्ध हैं। अस्पताल में आधुनिक उपकरणों और उच्च प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम मरीजों की देखभाल करती है। यहाँ परामर्श, जाँच और उपचार की सुविधाएँ विश्वस्तरीय मानकों के अनुरूप दी जाती हैं। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ गरीब और जरूरतमंद मरीजों को भी अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ किफायती दरों पर उपलब्ध कराई ज...

RAJEEV PRATAP RUDY

  राजीव प्रताप रूड़ी एक प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं। उनका जन्म 30 मार्च 1962 को बिहार के छपरा जिले में हुआ। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा छपरा में प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के लिए पटना विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने बी.ए. एलएल.बी. की पढ़ाई की और राजनीति में सक्रिय रूप से जुड़ गए। राजीव प्रताप रूड़ी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1990 के दशक में की। वे पहली बार 1996 में लोकसभा सदस्य बने। इसके बाद उन्होंने 1999 में पुनः लोकसभा चुनाव जीता और केंद्र सरकार में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी कार्यशैली, साफ-सुथरी छवि और विकास के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में पहचान दिलाई। 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद वे कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री बने। इस पद पर रहते हुए उन्होंने “स्किल इंडिया” जैसी योजनाओं को आगे बढ़ाया, जिसका उद्देश्य युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान करना था। उनके नेतृत्व में कई कौशल विकास केंद्र खोले गए और लाखों युवाओं को प्रशिक्षण दिया गय...

CONSTITUTION CLUB OF INDIA

  कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया देश की राजधानी नई दिल्ली में स्थित एक प्रतिष्ठित संस्था है, जो मुख्यतः सांसदों, राजनीतिक नेताओं, नौकरशाहों और विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों के लिए विचार-विमर्श एवं संवाद का केंद्र है। इसका मुख्य उद्देश्य लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रोत्साहित करना, संसदीय परंपराओं को सुदृढ़ करना और जनहित से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा को बढ़ावा देना है। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया की स्थापना 1947 में हुई थी। प्रारंभ में यह क्लब केवल सांसदों के लिए एक मंच था, जहां वे औपचारिक कार्य से इतर आपसी विचार-विनिमय कर सकते थे। समय के साथ इसका दायरा बढ़ा और यह एक आधुनिक सम्मेलन केंद्र के रूप में विकसित हुआ। यहां विभिन्न सेमिनार, कार्यशालाएं, पुस्तक विमोचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पत्रकार सम्मेलनों का आयोजन होता है। इस क्लब का भवन आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें अत्याधुनिक कॉन्फ्रेंस हॉल, मीटिंग रूम, पुस्तकालय, भोजनालय और अतिथि कक्ष शामिल हैं। यहां का वातावरण शांत और पेशेवर है, जो गंभीर चर्चाओं के लिए उपयुक्त माहौल प्रदान करता है। साथ ही, क्लब में सदस्यता के विशेष मानदं...

BAHARAGODA JHARKHAND

  बहरागोड़ा झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले का एक प्रमुख प्रखंड और कस्बा है, जो अपनी भौगोलिक स्थिति, सांस्कृतिक विविधता और कृषि प्रधान जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र राज्य के दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थित है और झारखंड, ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल — इन तीन राज्यों के सीमावर्ती इलाके के पास आता है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और यातायात केंद्र बनाती है। बहरागोड़ा मुख्य रूप से एक ग्रामीण और कृषि आधारित क्षेत्र है। यहाँ की अधिकांश जनसंख्या खेती पर निर्भर करती है। धान, मक्का, दालें और सब्जियाँ यहाँ की प्रमुख फसलें हैं। हाल के वर्षों में बागवानी और डेयरी व्यवसाय ने भी यहाँ गति पकड़ी है। सिंचाई के लिए बरसात का पानी तथा कुछ स्थानीय तालाब और नदियाँ उपयोग में लाई जाती हैं। यहाँ की आबादी में विभिन्न जनजातीय और गैर-जनजातीय समुदाय शामिल हैं, जिनमें संथाल, भूमिज, महतो, ओड़िया और बंगाली प्रमुख हैं। इस कारण यहाँ की संस्कृति विविधतापूर्ण है। संथाली, ओड़िया, हिंदी और बंगला भाषाएँ यहाँ आमतौर पर बोली जाती हैं। त्योहारों में सरहुल, करम, मकर संक्रांति, दुर्गा पूजा और रथ यात्रा...

PCCF

  पीसीसीएफ (मुख्य प्रधान मुख्य वन संरक्षक) पीसीसीएफ का पूरा नाम Principal Chief Conservator of Forests है, जिसे हिंदी में मुख्य प्रधान मुख्य वन संरक्षक कहा जाता है। यह भारतीय वन सेवा (IFS) का सबसे उच्च पद होता है, जो किसी राज्य के वन विभाग का प्रशासनिक और तकनीकी मुखिया होता है। पीसीसीएफ का कार्य राज्य के सभी वनों, वन्यजीव संरक्षण क्षेत्रों, राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों और जैव विविधता के प्रबंधन की देखरेख करना होता है। पीसीसीएफ का चयन भारतीय वन सेवा के वरिष्ठतम अधिकारियों में से किया जाता है। यह पद आमतौर पर 30 से अधिक वर्षों के अनुभव और उत्कृष्ट सेवा रिकॉर्ड वाले अधिकारी को दिया जाता है। इनका मुख्यालय राज्य के वन विभाग के निदेशालय में होता है और इनके अधीन अनेक अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक, उप वन संरक्षक तथा वन रेंजर कार्यरत रहते हैं। पीसीसीएफ की जिम्मेदारियों में वन संरक्षण कानूनों का पालन कराना, वनों की कटाई को रोकना, वृक्षारोपण अभियान चलाना, वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित नीतियों को लागू करना शामिल है। साथ ही, ये अधि...

DFO

  डीएफओ (डीविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) डीएफओ का पूरा नाम है "डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर"। यह भारतीय वन सेवा (IFS) का एक महत्वपूर्ण पद होता है। डीएफओ वन विभाग में काम करता है और किसी जिले या क्षेत्र के वन और पर्यावरण से संबंधित कार्यों का प्रबंधन करता है। वह क्षेत्र के जंगलों, वन्यजीवों, वन संपदा और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण का जिम्मेदार होता है। डीएफओ का कार्य क्षेत्र बहुत व्यापक होता है। वह वन क्षेत्रों में अवैध कटाई, शिकार, जंगल की आग और अन्य समस्याओं पर नियंत्रण करता है। इसके अलावा, वह वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और वन समाज कल्याण कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। डीएफओ स्थानीय जनता के साथ भी तालमेल बनाकर वन संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाता है। डीएफओ वन विभाग की योजनाओं को लागू करता है, जैसे कि वृक्षारोपण, वन पुनर्वास, पर्यावरण शिक्षा और सतत विकास। वह सरकारी नीतियों के अनुसार वन्य जीवों और पेड़ों की रक्षा करता है। डीएफओ विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य करता है ताकि जंगलों का संरक्षण बेहतर तरीके से हो सके। डीएफओ बनने के लि...

POST MASTER GENERAL

  पोस्ट मास्टर जनरल (Post Master General) भारतीय डाक सेवा का एक उच्च पद होता है, जो डाक विभाग के एक विशिष्ट क्षेत्र या मंडल का प्रमुख होता है। यह पद डाक सेवा के प्रबंधन और संचालन की जिम्मेदारी संभालता है, ताकि डाक सेवाएं समय पर और कुशलता से लोगों तक पहुंच सकें। पोस्ट मास्टर जनरल का मुख्य कार्य क्षेत्र के सभी डाकालयों (Post Offices) के संचालन की देखरेख करना होता है। वे डाक कर्मचारियों के कामकाज, डाक ट्रांसपोर्ट, डाक वितरण, और ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू करते हैं। साथ ही, वे डाक विभाग की नीतियों को क्रियान्वित करने और डाक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सुझाव देते हैं। इस पद पर नियुक्ति आमतौर पर भारतीय डाक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों में से की जाती है, जो UPSC द्वारा आयोजित डाक सेवा परीक्षा के माध्यम से चुने जाते हैं और बाद में विभिन्न पदों पर अनुभव प्राप्त करते हैं। पोस्ट मास्टर जनरल के पास प्रशासनिक, वित्तीय और मानव संसाधन से जुड़े कई अधिकार होते हैं। डाक विभाग के आधुनिककरण, डिजिटल डाक सेवाओं, पासबुक खाते, बचत योजनाओं और मनी ऑर्डर जैसी सुविधाओ...

INDIAN FOREST SERVICE

  भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service - IFS) भारत की प्रतिष्ठित सिविल सेवा है, जो पर्यावरण संरक्षण, वन प्रबंधन और जैव विविधता के संरक्षण के लिए जिम्मेदार होती है। इसे 1966 में स्थापित किया गया था और यह संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से भरी जाती है। IFS अधिकारी भारत के विभिन्न राज्यों में वनों, वन्य जीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन के लिए नियुक्त किए जाते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य वन संसाधनों का संरक्षण, पुनः वनारोपण, वन्य जीव संरक्षण, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और प्राकृतिक आपदाओं जैसे वनाग्नि या बाढ़ से निपटना होता है। भारतीय वन सेवा के अधिकारी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के वन विभागों में कार्यरत होते हैं। वे वनों की निगरानी करते हैं, अवैध कटाई और शिकार पर रोक लगाते हैं, और जंगलों के सतत उपयोग के लिए नीतियां बनाते हैं। इसके अलावा, वे स्थानीय समुदायों को वन संरक्षण में भागीदारी के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें वनों से जुड़े आय के विकल्प प्रदान करते हैं। IFS अधिकारी वन्य जीव संरक्षण के तहत संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा...

SECOND LIEUTENANT

  सेकंड लेफ्टिनेंट (Second Lieutenant) सेना में एक प्रारंभिक अधिकारी पद होता है, जो भारतीय थलसेना सहित कई देशों की सेनाओं में मान्यता प्राप्त है। यह रैंक नवनियुक्त अधिकारियों को दी जाती है जब वे सैन्य प्रशिक्षण संस्थान, जैसे कि भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) या नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) से प्रशिक्षण पूरा करते हैं। भारत में सेकंड लेफ्टिनेंट का पद एक समय तक सक्रिय था, लेकिन अब इसे लेफ्टिनेंट पद से बदल दिया गया है। फिर भी, ऐतिहासिक और अन्य देशों की सैन्य परंपराओं में यह रैंक महत्वपूर्ण है। इस पद पर अधिकारी को एक पलटन (लगभग 30-40 सैनिक) का नेतृत्व सौंपा जाता है और वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्य करता है। मुख्य जिम्मेदारियां – सैनिकों को प्रशिक्षण देना और उनका मनोबल बढ़ाना। संचालन, गश्त और युद्ध अभ्यास में नेतृत्व करना। अनुशासन और नियमों का पालन सुनिश्चित करना। प्रशासनिक और लॉजिस्टिक कार्यों का प्रबंधन। चिन्ह और वर्दी – सेकंड लेफ्टिनेंट की वर्दी पर कंधे के पास एक छोटा सितारा (स्टार) का बैज होता है। यह उसके पद की पहचान कराता है। ...

ATAL PENSION YOJANA

  अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana – APY) भारत सरकार की एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसे 1 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र (जैसे किसान, मजदूर, ड्राइवर, घरेलू कामगार आदि) में काम करने वाले लोगों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत 18 से 40 वर्ष की आयु के भारतीय नागरिक अपना खाता खोल सकते हैं। इसमें लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु के बाद 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक मासिक पेंशन (चुने गए योगदान के अनुसार) दी जाती है। पेंशन राशि इस बात पर निर्भर करती है कि व्यक्ति ने योजना में कितनी उम्र से और कितनी राशि का योगदान किया है। मुख्य विशेषताएं – मासिक पेंशन 1,000, 2,000, 3,000, 4,000 या 5,000 रुपये। योगदान राशि लाभार्थी और सरकार दोनों द्वारा जमा की जा सकती है (सरकार कुछ मामलों में आंशिक योगदान देती थी, जो शुरुआती वर्षों के लिए था)। 60 वर्ष के बाद पेंशन मिलना शुरू होती है और लाभार्थी की मृत्यु के बाद पति/पत्नी को पेंशन मिलती है। अगर पति/पत्नी दोनों का निधन हो जाए, तो नामांकित व्यक्ति को प...

JAN DHAN YOJANA

  प्रधानमंत्री जन-धन योजना (Pradhan Mantri Jan-Dhan Yojana - PMJDY) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण वित्तीय समावेशन योजना है, जिसे 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के हर परिवार को बैंकिंग सुविधा से जोड़ना और गरीबों को वित्तीय मुख्यधारा में लाना है। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति शून्य बैलेंस पर बैंक खाता खोल सकता है। लाभार्थी को रुपे डेबिट कार्ड , 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा (बाद में 2 लाख किया गया) और 30,000 रुपये का जीवन बीमा (कुछ शर्तों के साथ) मिलता है। इसके अलावा खाता धारक को ओवरड्राफ्ट सुविधा भी दी जाती है, जो समय पर खाता संचालन और लेन-देन करने पर उपलब्ध होती है। जन-धन खाते का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह गरीब और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बचत करने, सब्सिडी और सरकारी लाभ सीधे बैंक खाते में पाने की सुविधा देता है। इससे भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका काफी हद तक कम हुई है। पात्रता में— भारतीय नागरिक होना चाहिए। आयु 10 वर्ष से अधिक होनी चाहिए (10 से 18 वर्ष के नाबालिग का खाता संरक्षक की देखरेख म...

UJJAWALA YOJANA

  प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी सामाजिक कल्याण योजना है, जिसे 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले परिवारों की महिलाओं को मुफ़्त एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराना है, ताकि उन्हें स्वच्छ ईंधन से खाना पकाने की सुविधा मिल सके और धुएँ से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव हो। गाँवों और गरीब बस्तियों में अधिकांश महिलाएँ लकड़ी, गोबर या कोयले का इस्तेमाल करती हैं, जिससे घर के अंदर अत्यधिक धुआँ फैलता है। यह न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुँचाता है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत सरकार इन परिवारों को एलपीजी कनेक्शन के साथ-साथ पहली सिलेंडर रिफिल और चूल्हा भी उपलब्ध कराती है। इस योजना के लिए पात्रता में— लाभार्थी महिला होनी चाहिए और उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो। उसका नाम BPL सूची में होना चाहिए। उसके पास राशन कार्ड और पहचान पत्र होना आवश्यक है। सरकार ने इस योजना के माध्यम से करोड़ों...

PM VISHWAKARMA YOJANA

  प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सशक्त बनाना है। यह योजना 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गई थी। इसका लक्ष्य उन लोगों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करना है, जो पीढ़ियों से पारंपरिक हस्तशिल्प, निर्माण और मरम्मत के कार्य करते आ रहे हैं। इस योजना के अंतर्गत बढ़ई, सुनार, लोहार, राजमिस्त्री, कुम्हार, नाई, दर्जी, हथकरघा बुनकर, मोची, ताला बनाने वाले, नाव बनाने वाले, कांसा-पीतल के बर्तन बनाने वाले इत्यादि जैसे 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोगों को लाभ दिया जाता है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को कई सुविधाएं दी जाती हैं— पहचान और प्रमाण पत्र – लाभार्थी को विश्वकर्मा पहचान पत्र और डिजिटल आईडी प्रदान की जाती है। कौशल प्रशिक्षण – आधुनिक तकनीकों के साथ प्रशिक्षण देकर उनकी उत्पादकता और गुणवत्ता बढ़ाई जाती है। वित्तीय सहायता – बिना गारंटी के ऋण सुविधा, पहले चरण में ₹1 लाख और दूसरे चरण में ₹2 लाख तक। उपकरण सहायता – आवश्यक ट...

MID DAY MEAL

  मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी सामाजिक कल्याण योजना है, जिसकी शुरुआत 15 अगस्त 1995 को हुई थी। इस योजना का उद्देश्य स्कूल जाने वाले बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना और शिक्षा के प्रति उनकी रुचि बढ़ाना है। यह योजना प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए लागू है। मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत, सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, स्थानीय निकायों द्वारा संचालित तथा शिक्षा गारंटी योजना के तहत चलने वाले विद्यालयों में बच्चों को दोपहर के समय निःशुल्क पका हुआ भोजन दिया जाता है। इसका मकसद है कुपोषण दूर करना, बच्चों की शारीरिक और मानसिक क्षमता का विकास करना और विद्यालय में उनकी उपस्थिति बढ़ाना। इस योजना से कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं— विद्यालय में नामांकन और उपस्थिति में वृद्धि – गरीब परिवारों के बच्चे शिक्षा के लिए स्कूल आने लगे हैं। कुपोषण में कमी – बच्चों को संतुलित और पौष्टिक आहार मिलने से उनकी सेहत में सुधार हुआ है। समानता की भावना – सभी बच्चे एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, जिससे सामाजिक भेद...

ICDS

  समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी और व्यापक योजना है, जिसकी शुरुआत 1975 में हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा संबंधी सेवाएं एक ही मंच पर उपलब्ध कराना है। ICDS योजना के तहत देशभर में आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां प्रशिक्षित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं सेवाएं प्रदान करती हैं। इन केंद्रों में बच्चों को पूरक पोषण आहार, प्रारंभिक बाल शिक्षा, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, और स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी परामर्श दिया जाता है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को विशेष देखभाल, पोषण सलाह और आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ICDS का एक प्रमुख लक्ष्य कुपोषण की समस्या को दूर करना, शिशु और मातृ मृत्यु दर को कम करना, बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रोत्साहित करना है। यहां बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है, जिससे उनके सीखने की क्षमता, सामाजिक व्यवहार और रचनात्मकता का विकास होता है। योजना के अंतर्गत दी जाने वाली सेवाओं में शामिल हैं...

AANGANWADI

  आंगनवाड़ी भारत सरकार की समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) योजना के अंतर्गत संचालित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा से जुड़ी सुविधाएं प्रदान करना है। इसकी शुरुआत वर्ष 1975 में की गई थी, और आज देशभर में लाखों आंगनवाड़ी केंद्र कार्यरत हैं। आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका करती हैं, जो स्थानीय समुदाय से चुनी जाती हैं। यहां 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों को पोषणयुक्त आहार, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, खेल-कूद और प्रारंभिक शिक्षा की सुविधा दी जाती है। इसके अलावा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषण संबंधी परामर्श और पूरक आहार उपलब्ध कराया जाता है। आंगनवाड़ी का मुख्य उद्देश्य कुपोषण को कम करना, शिशु मृत्यु दर घटाना, बच्चों के सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करना और माताओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना है। यहां बच्चों को खेल-खेल में सीखने की गतिविधियां कराई जाती हैं, जिससे उनकी मानसिक और शारीरिक क्षमता का विकास होता है। इन केंद्...

BRLP

  बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना (BRLP) , जिसे आमतौर पर "जीविका" के नाम से जाना जाता है, बिहार सरकार द्वारा चलाया जाने वाला एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों, विशेषकर महिलाओं, को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से सशक्त बनाना है। यह परियोजना 2007 में विश्व बैंक के सहयोग से शुरू की गई थी और इसका संचालन बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्द्धन सोसाइटी (BRLPS) द्वारा किया जाता है। BRLP का मुख्य आधार स्वयं सहायता समूह (SHG) का गठन है, जिसमें 10 से 15 महिलाएं आपस में मिलकर नियमित बचत और ऋण की व्यवस्था करती हैं। इन समूहों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और सरकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाता है। इस परियोजना का उद्देश्य केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक समानता और सामुदायिक भागीदारी को भी बढ़ावा देना है। BRLP के तहत महिलाओं को दूध उत्पादन, बकरी पालन, सब्जी खेती, मशरूम उत्पादन, सिलाई-कढ़ाई, पापड़-बड़ी निर्माण जैसे आय-वर्धनकारी कार्यों के लिए प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। BRLP ...

SELF HELP GROUP

  स्वयं सहायता समूह (Self Help Group – SHG) ग्रामीण और शहरी गरीबों, विशेषकर महिलाओं, के आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण का एक सशक्त माध्यम है। यह 10 से 20 सदस्यों का एक छोटा समूह होता है, जिसमें सदस्य आपसी विश्वास, सहयोग और सामूहिक जिम्मेदारी के आधार पर जुड़ते हैं। स्वयं सहायता समूह का मुख्य उद्देश्य है गरीब लोगों को बचत और ऋण की आदत विकसित करना, ताकि वे अपनी छोटी-बड़ी आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकें और साहूकारों पर निर्भर न रहें। प्रत्येक सदस्य नियमित रूप से थोड़ी-थोड़ी राशि बचत करता है, जिसे समूह के कोष में जमा किया जाता है। इस कोष से सदस्य आपातकालीन जरूरत, व्यवसाय शुरू करने या शिक्षा-स्वास्थ्य के लिए कम ब्याज पर ऋण ले सकते हैं। SHG सिर्फ आर्थिक सहयोग का माध्यम ही नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव का भी आधार है। समूह की बैठकों में सदस्य सरकारी योजनाओं, स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, महिला अधिकार और स्वावलंबन से जुड़ी जानकारियां साझा करते हैं। इससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे अपने घर-परिवार के साथ-साथ गांव-समाज के विकास में भी योगदान देती हैं। भारत सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका म...

JEEVIKA DIDI

  जीविका दीदी बिहार के ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण की एक प्रेरणादायक पहचान है। यह पद या संबोधन बिहार सरकार और विश्व बैंक द्वारा समर्थित बिहार ग्रामीण आजीविका परियोजना (BRLP) , जिसे सामान्यतः “जीविका” कहा जाता है, के अंतर्गत आता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण महिलाओं को स्व-सहायता समूहों (Self Help Groups – SHG) से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाना। जीविका दीदी एक ऐसी महिला होती हैं जो अपने गांव में स्व-सहायता समूह का नेतृत्व करती हैं या उसमें सक्रिय सदस्य होती हैं। वह अन्य महिलाओं को संगठित कर बचत, ऋण और आय-वर्धन गतिविधियों के लिए प्रेरित करती हैं। जीविका दीदी महिलाओं को दूध उत्पादन, सब्जी खेती, सिलाई-कढ़ाई, बकरी पालन, पापड़-बड़ी बनाना, या छोटे व्यापार जैसे कार्यों में प्रशिक्षित करती हैं। उनकी जिम्मेदारियों में शामिल है – समूह की मासिक बैठक आयोजित करना, बचत और ऋण का हिसाब रखना, बैंक से संपर्क करना, और सरकारी योजनाओं की जानकारी गांव की महिलाओं तक पहुंचाना। जीविका दीदी अक्सर गांव में बदलाव की मिसाल बनती हैं, क्योंकि वह न केवल आर्थिक विकास में योगदान देती हैं, बल...

VLW

  VLW (Village Level Worker) ग्रामीण विकास और प्रशासन में एक महत्वपूर्ण पद है, जिसे हिंदी में प्रायः ग्राम स्तर कार्यकर्ता कहा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य गांव के विकास कार्यक्रमों को लागू करना और सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुँचाना होता है। VLW का पद भारत में पंचायती राज व्यवस्था और ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आता है। यह कर्मचारी गांव के विकास कार्यों की निगरानी करता है, जैसे – कृषि सुधार, सिंचाई योजनाएं, पशुपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और रोजगार से जुड़ी योजनाओं का संचालन। VLW को अक्सर ग्राम पंचायत सचिव, पंचायत सहायक या विकास सहायक जैसे पदों के साथ जोड़ा जाता है। वह ग्राम सभा की बैठकों में शामिल होकर लोगों की समस्याएं सुनता है और उन्हें उच्च अधिकारियों तक पहुंचाता है। इसके अलावा, वह महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) , प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं के क्रियान्वयन की भी निगरानी करता है। VLW का एक महत्वपूर्ण कार्य है गांव का विकास अभिलेख तैयार करना और सभी योजनाओं का अद्यतन रिकॉर्ड रखना। वह कृषि विभाग, स्वास्थ...

INSPECTOR

  इंस्पेक्टर (Inspector) पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पद है, जो सब-इंस्पेक्टर से ऊपर और डीएसपी (Deputy Superintendent of Police) या एसीपी (Assistant Commissioner of Police) से नीचे के रैंक पर होता है। इसे कई राज्यों में स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) भी कहा जाता है, खासकर तब जब वह किसी थाने का प्रभारी होता है। इंस्पेक्टर के पास व्यापक कानूनी अधिकार होते हैं। वह किसी भी संज्ञेय अपराध (Cognizable Offence) में स्वतः प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर सकता है, आरोपियों को गिरफ्तार कर सकता है, अपराध की जांच कर सकता है और केस को अदालत में प्रस्तुत कर सकता है। इसके साथ ही वह अपने थाने के सभी कर्मचारियों – सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल – की कार्यप्रणाली की निगरानी करता है। इंस्पेक्टर का कार्य केवल अपराध जांच तक सीमित नहीं है, बल्कि उसे कानून-व्यवस्था बनाए रखना , जनता के साथ संवाद और विशेष अभियानों की देखरेख भी करनी होती है। किसी भी दंगे, हड़ताल, बड़ी दुर्घटना या वीआईपी ड्यूटी के समय इंस्पेक्टर को मौके पर जाकर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ता है। इस पद पर भर्ती प्रायः राज्य लो...

SUB INSPECTOR

  सब-इंस्पेक्टर (Sub-Inspector – SI) पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण पद होता है, जो इंस्पेक्टर से नीचे और हेड कांस्टेबल से ऊपर का रैंक है। यह एक गजटेड ऑफिसर नहीं होता, लेकिन थाने के संचालन और अपराध की जांच में इसकी भूमिका अत्यंत अहम होती है। एक सब-इंस्पेक्टर के पास कानूनन यह अधिकार होता है कि वह किसी अपराध के मामले में जांच शुरू कर सके, प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर सके और अपराधियों को गिरफ्तार कर सके। सब-इंस्पेक्टर आमतौर पर एक थाने के प्रभारी के रूप में कार्य कर सकता है, विशेषकर छोटे पुलिस थानों या चौकियों में। वह अपनी टीम में हेड कांस्टेबल और कांस्टेबलों को कार्य आवंटित करता है और जांच के सभी चरणों की निगरानी करता है। उसे अपराध स्थल का निरीक्षण, साक्ष्यों का संग्रह, गवाहों के बयान दर्ज करना, आरोप पत्र तैयार करना और मामले को अदालत तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है। इस पद पर भर्ती राज्य पुलिस सेवा आयोग, एसएससी (Staff Selection Commission) या अन्य भर्ती एजेंसियों के माध्यम से होती है। भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक (Graduation) होती है और शारीरिक योग्यता परीक्षण, ल...

HEAD CONSTABLE

  हेड कांस्टेबल (Head Constable) पुलिस विभाग में एक महत्वपूर्ण पद है, जो कांस्टेबल और एएसआई (Assistant Sub-Inspector) के बीच का रैंक होता है। यह पद कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराध नियंत्रण और प्रशासनिक कार्यों में अहम भूमिका निभाता है। हेड कांस्टेबल आमतौर पर कांस्टेबल के पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करता है और उन्हें निर्देश देता है। हेड कांस्टेबल का मुख्य कार्य थाने में रोजनामचा (Daily Diary) लिखना, केस डायरी संभालना, जांच के दौरान साक्ष्य एकत्र करना, गवाहों के बयान दर्ज करना और मामलों से संबंधित फाइलों का प्रबंधन करना होता है। इसके अलावा, वह गश्त, भीड़ नियंत्रण, अपराधियों को गिरफ्तार करने और कोर्ट में मामलों से संबंधित पेशी करवाने में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। इस पद के लिए उम्मीदवार आमतौर पर पहले कांस्टेबल के रूप में कार्य करते हैं और फिर विभागीय परीक्षा या अनुभव के आधार पर पदोन्नति पाते हैं। भर्ती के समय न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता सामान्यतः 12वीं पास होती है, लेकिन पदोन्नति के लिए सेवा के वर्षों, अच्छे आचरण और परीक्षा में प्रदर्शन का महत्व होता है। हेड कांस्टेबल को कानून, आपर...

CONSTABLE

  कांस्टेबल (Constable) पुलिस विभाग का सबसे निचला, लेकिन बेहद महत्वपूर्ण पद होता है। यह पद कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराध रोकने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है। किसी भी पुलिस थाने या चौकी में कांस्टेबल की उपस्थिति कानून प्रवर्तन की पहली कड़ी मानी जाती है। कांस्टेबल का मुख्य कार्य गश्त करना, भीड़ नियंत्रण, अपराधियों को पकड़ना, थाने में शिकायत दर्ज कराना, जांच में वरिष्ठ अधिकारियों की सहायता करना और आपात स्थितियों में तुरंत कार्रवाई करना होता है। इसके अलावा, वे वीआईपी ड्यूटी, ट्रैफिक प्रबंधन, सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा और दंगा नियंत्रण जैसे कार्यों में भी शामिल रहते हैं। कांस्टेबल बनने के लिए शारीरिक रूप से फिट होना, आवश्यक शैक्षणिक योग्यता (आमतौर पर 10वीं या 12वीं पास) और राज्य या केंद्र सरकार द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा पास करना जरूरी होता है। चयन प्रक्रिया में शारीरिक दक्षता परीक्षण (PET), शारीरिक मानक परीक्षण (PST), लिखित परीक्षा और कभी-कभी साक्षात्कार शामिल होते हैं। प्रशिक्षण के दौरान कांस्टेबल को कानून की बुनियादी जानकारी, हथियारों का उपय...

ADDITIONAL SECRETARY

  अतिरिक्त सचिव (Additional Secretary) भारत सरकार या राज्य सरकार के मंत्रालयों और विभागों में एक वरिष्ठ प्रशासनिक पद होता है। यह पद भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) या समकक्ष के उच्च अधिकारियों द्वारा संभाला जाता है। अतिरिक्त सचिव, सचिव या विशेष सचिव के अधीन कार्य करते हैं और मंत्रालय या विभाग की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों के संचालन में अहम भूमिका निभाते हैं। अतिरिक्त सचिव का मुख्य कार्य मंत्रालय के विभिन्न अनुभागों का नेतृत्व करना, नीतिगत मामलों पर सुझाव देना, योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और उच्च स्तर पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहयोग करना है। वे मंत्रालय के सचिव को रिपोर्ट करते हैं और कभी-कभी किसी विशेष प्रोजेक्ट, योजना या नीति के प्रभारी भी बनाए जाते हैं। इस पद पर कार्यरत अधिकारी आमतौर पर 25 से 30 वर्षों का प्रशासनिक अनुभव रखते हैं। उन्हें विभिन्न मंत्रालयों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सेवा देने का अनुभव होता है। उनका कार्य क्षेत्र वित्त, कानून, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा, विदेश नीति या किसी अन्य विशिष्ट क्षेत्र से संबंधित हो सकता है। अतिरिक्त सचिव को प्रशास...

OSD

  ओएसडी (Officer on Special Duty) एक ऐसा पद है, जो किसी विशेष कार्य, परियोजना या जिम्मेदारी के लिए नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिकारी को संदर्भित करता है। ओएसडी आमतौर पर प्रशासन, मंत्रालय, सरकारी विभाग, सार्वजनिक उपक्रम या न्यायपालिका में कार्यरत होते हैं। उनका चयन किसी विशेष विषय में विशेषज्ञता, अनुभव और क्षमता के आधार पर किया जाता है। ओएसडी की नियुक्ति स्थायी नहीं होती, बल्कि यह एक अस्थायी या प्रोजेक्ट-आधारित जिम्मेदारी होती है। उन्हें किसी महत्वपूर्ण नीति, योजना, कार्यक्रम, अनुसंधान, जांच या प्रशासनिक सुधार से जुड़े कार्य सौंपे जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि सरकार किसी बड़े आयोजन, अधिनियम के मसौदे, विशेष जांच या अंतर्राष्ट्रीय सहयोग कार्यक्रम को संचालित करना चाहती है, तो उस काम की देखरेख और संचालन के लिए ओएसडी नियुक्त किया जा सकता है। ओएसडी का कार्य केवल प्रशासनिक नहीं होता, बल्कि इसमें समन्वय, नीति निर्माण, दस्तावेज़ तैयार करना, विभिन्न विभागों के साथ तालमेल बैठाना और वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक जानकारी व सुझाव देना शामिल है। वे प्रत्यक्ष रूप से उच्च पदस्थ अधिकारियों जैसे—मंत्री...

PRINCIPAL SECRETARY

  प्रधान सचिव (Principal Secretary) राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश में एक वरिष्ठतम नौकरशाह होता है, जो आमतौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी होते हैं। यह पद किसी विभाग के प्रशासनिक और नीतिगत कार्यों का सर्वोच्च जिम्मेदार होता है। प्रधान सचिव का कार्य मुख्यमंत्री, राज्यपाल या संबंधित मंत्री को नीतिगत सलाह देना और सरकारी योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है। प्रधान सचिव आमतौर पर गृह, वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि आदि जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभालते हैं। वे विभाग की नीतियों का निर्माण, बजट का प्रबंधन, योजनाओं की निगरानी और कर्मचारियों के कार्यों का पर्यवेक्षण करते हैं। सरकारी आदेशों और निर्णयों को क्रियान्वित करने के लिए अधीनस्थ सचिव, अतिरिक्त सचिव, निदेशक और अन्य अधिकारी उनके निर्देशन में काम करते हैं। प्रधान सचिव का चयन वरिष्ठता, अनुभव और प्रशासनिक क्षमता के आधार पर होता है। यह अधिकारी मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के मुख्य सलाहकार के रूप में भी कार्य करता है। कई बार वे राज्य सचिवालय के प्रमुख या मुख्य सचिव को रिपोर्ट करते ह...

CAG

  भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) एक संवैधानिक पद है, जो केंद्र और राज्य सरकारों के सभी आय-व्यय का लेखा-परीक्षण करता है। CAG का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 से 151 में किया गया है। इसे "संविधान का प्रहरी" भी कहा जाता है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि जनता का पैसा सही तरीके से और नियमों के अनुसार खर्च हो। CAG की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और उनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो पहले हो, तक होता है। एक बार पद से हटने के बाद वे किसी अन्य सरकारी पद के लिए पात्र नहीं होते, जिससे उनकी स्वतंत्रता और निष्पक्षता बनी रहती है। CAG का मुख्य कार्य केंद्र और राज्य सरकारों , सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सरकारी कंपनियों, और स्वायत्त निकायों के वित्तीय खातों की जांच करना है। वे यह भी देखते हैं कि सरकारी धन का उपयोग प्रभावी और दक्ष तरीके से हो रहा है या नहीं। उनकी रिपोर्टें संसद और राज्य विधानसभाओं में प्रस्तुत की जाती हैं, जहां पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) इन पर चर्चा करती है। CAG के पास सरकारी दस्तावेज़ों, खातों, और रसीदों की जांच करने का ...