INDIAN FOREST SERVICE
भारतीय वन सेवा (Indian Forest Service - IFS) भारत की प्रतिष्ठित सिविल सेवा है, जो पर्यावरण संरक्षण, वन प्रबंधन और जैव विविधता के संरक्षण के लिए जिम्मेदार होती है। इसे 1966 में स्थापित किया गया था और यह संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से भरी जाती है।
IFS अधिकारी भारत के विभिन्न राज्यों में वनों, वन्य जीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन के लिए नियुक्त किए जाते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य वन संसाधनों का संरक्षण, पुनः वनारोपण, वन्य जीव संरक्षण, पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और प्राकृतिक आपदाओं जैसे वनाग्नि या बाढ़ से निपटना होता है।
भारतीय वन सेवा के अधिकारी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के वन विभागों में कार्यरत होते हैं। वे वनों की निगरानी करते हैं, अवैध कटाई और शिकार पर रोक लगाते हैं, और जंगलों के सतत उपयोग के लिए नीतियां बनाते हैं। इसके अलावा, वे स्थानीय समुदायों को वन संरक्षण में भागीदारी के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें वनों से जुड़े आय के विकल्प प्रदान करते हैं।
IFS अधिकारी वन्य जीव संरक्षण के तहत संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा, जैव विविधता के अध्ययन और पर्यावरणीय जागरूकता अभियान भी चलाते हैं। उन्हें वन विभाग की विभिन्न शाखाओं में प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें वनस्पति विज्ञान, जीव विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान और कानून शामिल हैं।
इस सेवा में चयनित अधिकारी को वन प्रभाग अधिकारी, जिला वन अधिकारी, वन संरक्षण अधिकारी जैसे पदों पर कार्य करने का मौका मिलता है। वे बाद में अतिरिक्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (APCCF), प्रमुख वन संरक्षक (PCCF) जैसे उच्च पदों पर भी पहुंच सकते हैं।
संक्षेप में, भारतीय वन सेवा देश के प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण सेवा है, जो सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाती है।
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