BAHARAGODA JHARKHAND
बहरागोड़ा झारखंड राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले का एक प्रमुख प्रखंड और कस्बा है, जो अपनी भौगोलिक स्थिति, सांस्कृतिक विविधता और कृषि प्रधान जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र राज्य के दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थित है और झारखंड, ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल — इन तीन राज्यों के सीमावर्ती इलाके के पास आता है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और यातायात केंद्र बनाती है।
बहरागोड़ा मुख्य रूप से एक ग्रामीण और कृषि आधारित क्षेत्र है। यहाँ की अधिकांश जनसंख्या खेती पर निर्भर करती है। धान, मक्का, दालें और सब्जियाँ यहाँ की प्रमुख फसलें हैं। हाल के वर्षों में बागवानी और डेयरी व्यवसाय ने भी यहाँ गति पकड़ी है। सिंचाई के लिए बरसात का पानी तथा कुछ स्थानीय तालाब और नदियाँ उपयोग में लाई जाती हैं।
यहाँ की आबादी में विभिन्न जनजातीय और गैर-जनजातीय समुदाय शामिल हैं, जिनमें संथाल, भूमिज, महतो, ओड़िया और बंगाली प्रमुख हैं। इस कारण यहाँ की संस्कृति विविधतापूर्ण है। संथाली, ओड़िया, हिंदी और बंगला भाषाएँ यहाँ आमतौर पर बोली जाती हैं। त्योहारों में सरहुल, करम, मकर संक्रांति, दुर्गा पूजा और रथ यात्रा विशेष महत्व रखते हैं।
बहरागोड़ा में शिक्षा की व्यवस्था धीरे-धीरे विकसित हो रही है। यहाँ प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के साथ-साथ कुछ कॉलेज भी हैं। स्वास्थ्य सेवाएँ अभी सीमित हैं, लेकिन सरकारी अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
यहाँ का सड़क नेटवर्क इसे जादूगोड़ा, घाटशिला, चाकुलिया और ओडिशा के बारिपदा से जोड़ता है। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 18 (NH-18) यहाँ से होकर गुजरता है, जिससे परिवहन और व्यापार को बल मिलता है।
कुल मिलाकर, बहरागोड़ा एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ परंपरा और आधुनिकता का संगम देखने को मिलता है। प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक समृद्धि और मेहनतकश लोग इसे एक विशिष्ट पहचान देते हैं।
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