MAHESH BHATT
महेश भट्ट
महेश भट्ट हिन्दी सिनेमा के एक प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक हैं, जिन्होंने अपने बोल्ड विषयों, वास्तविकता से जुड़े किरदारों और संवेदनशील प्रस्तुतिकरण के लिए एक अलग पहचान बनाई है। उनका जन्म 20 सितंबर 1948 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता नानाभाई भट्ट एक फिल्म निर्माता थे और माँ शिरीन ईरानी मुस्लिम पृष्ठभूमि से थीं।
महेश भट्ट ने 1970 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआती वर्षों में वे मुख्यधारा की फिल्मों से दूर रहे, लेकिन 1982 में बनी अर्थ फिल्म से उन्हें पहचान मिली। यह फिल्म उनकी निजी ज़िंदगी से प्रेरित थी और इसमें एक स्त्री की आत्मनिर्भरता की कहानी को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया था।
इसके बाद उन्होंने सारांश (1984), नाम (1986), जख्म (1998) और जुर्म जैसी फिल्में बनाईं जो दर्शकों और आलोचकों दोनों को प्रभावित करने में सफल रहीं। उन्होंने कई नई प्रतिभाओं को फिल्म जगत में लॉन्च किया, जैसे – अनूपम खेर, राहुल रॉय, कंगना रनौत, इमरान हाशमी और आलिया भट्ट (उनकी बेटी)।
महेश भट्ट की फिल्मों में अक्सर सामाजिक मुद्दे, मानसिक द्वंद्व और रिश्तों की जटिलता देखने को मिलती है। उन्होंने अपने भाई मुकेश भट्ट के साथ मिलकर "विशेष फिल्म्स" प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की, जिसके तहत आशिकी, राज, मर्डर, जन्नत, और वो लम्हे जैसी सफल फिल्में बनीं।
वे लेखन और विचार-विमर्श के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनके विचार तीखे और स्पष्ट होते हैं।
महेश भट्ट का सिनेमा न केवल मनोरंजन करता है, बल्कि सोचने पर भी मजबूर करता है। वे भारतीय फिल्म उद्योग के उन चुनिंदा निर्देशकों में हैं जिन्होंने सच्चाई को पर्दे पर बिना संकोच के उतारा।
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