DIFFERENCE BETWEEN DM AND COLLECTOR
भारत में डीएम (District Magistrate) और कलेक्टर (Collector) अक्सर एक ही व्यक्ति होते हैं, लेकिन उनके पदनाम अलग-अलग जिम्मेदारियों को दर्शाते हैं।
मुख्य अंतर इस प्रकार हैं—
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पद की भूमिका और क्षेत्र
- कलेक्टर: यह पद मुख्य रूप से राजस्व प्रशासन से जुड़ा है। कलेक्टर का मुख्य कार्य ज़िले में भूमि राजस्व वसूली, भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव, भूमि संबंधी विवादों का निपटारा और अन्य राजस्व से जुड़े कार्य करना है।
- डीएम (District Magistrate): यह पद मुख्य रूप से कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़ा है। डीएम ज़िले का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता है और पुलिस, मजिस्ट्रेटी तथा प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करता है।
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नियुक्ति और सेवा
- दोनों पद भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी द्वारा ही संभाले जाते हैं।
- ज़्यादातर राज्यों में एक ही आईएएस अधिकारी को दोनों पद दिए जाते हैं—वह एक साथ कलेक्टर भी होता है और जिला मजिस्ट्रेट (DM) भी।
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मुख्य कार्य
- कलेक्टर: भूमि राजस्व वसूली, किसानों से जुड़े प्रशासनिक कार्य, आपदा राहत में आर्थिक वितरण, चुनावों में मतदाता सूची और अन्य राजस्व कार्य।
- डीएम: कानून-व्यवस्था बनाए रखना, धारा 144 लागू करना, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश देना, शांति व्यवस्था के लिए फैसले लेना।
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संक्षेप में अंतर
- कलेक्टर = ज़िले का राजस्व प्रमुख
- डीएम = ज़िले का प्रशासनिक और कानून-व्यवस्था प्रमुख
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