DDC
डीडीसी (DDC) का पूरा नाम जिला विकास आयुक्त (District Development Commissioner) है। यह पद भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी या राज्य प्रशासनिक सेवा के उच्च अधिकारी द्वारा संभाला जाता है। डीडीसी का मुख्य कार्य किसी जिले में विकास योजनाओं, सरकारी कार्यक्रमों और कल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।
डीडीसी, जिले के जिला अधिकारी (DM) या जिला मजिस्ट्रेट के बाद प्रशासनिक दृष्टि से दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाता है। वह जिले में चल रही विभिन्न विकास परियोजनाओं—जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, सड़क निर्माण, सिंचाई, बिजली, पेयजल, कृषि, और सामाजिक कल्याण—की निगरानी करता है।
डीडीसी की जिम्मेदारी होती है कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं समय पर और सही तरीके से लागू हों। वह विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करता है ताकि योजनाओं का लाभ सीधा आम जनता तक पहुंचे। वह सरकारी बैठकों, समीक्षा कार्यक्रमों और निरीक्षण दौरों के माध्यम से काम की प्रगति पर नज़र रखता है।
इसके अलावा, डीडीसी जिले के बजट, संसाधन आवंटन और विकास संबंधी रिपोर्ट तैयार करता है, जिसे राज्य सरकार या संबंधित मंत्रालय को भेजा जाता है। वह ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के साथ मिलकर कार्य करता है, जिससे जमीनी स्तर पर विकास को बढ़ावा मिल सके।
डीडीसी, डीएम के अनुपस्थित रहने पर उनके कार्यभार का भी निर्वहन करता है और आवश्यकता पड़ने पर कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में भी सहयोग देता है।
संक्षेप में, डीडीसी एक ऐसा प्रशासनिक अधिकारी है, जो जिले में विकास का पहिया घुमाने वाला मुख्य चालक होता है। उसकी दक्षता और सक्रियता से ही यह तय होता है कि सरकारी योजनाएं कितनी तेजी और प्रभावी ढंग से आम लोगों के जीवन में बदलाव ला पाती हैं।
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