DIRECTOR IB
गुप्तचर ब्यूरो (Intelligence Bureau – IB) के निदेशक भारत की आंतरिक खुफिया एजेंसी के सर्वोच्च अधिकारी होते हैं। यह पद अत्यंत महत्वपूर्ण, गोपनीय और जिम्मेदारीपूर्ण माना जाता है। गुप्तचर ब्यूरो भारत की सबसे पुरानी खुफिया एजेंसी है, जिसकी स्थापना ब्रिटिश शासनकाल में वर्ष 1887 में हुई थी। आज यह आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद-रोधी गतिविधियों और संवेदनशील सूचनाओं के संग्रह में केंद्रीय भूमिका निभाती है।
निदेशक, IB आमतौर पर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठतम अधिकारी होते हैं, जिनका खुफिया और कानून-व्यवस्था से जुड़ा लंबा अनुभव होता है। उनकी नियुक्ति भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा की जाती है। निदेशक का कार्यकाल सामान्यतः दो वर्ष का होता है, हालांकि परिस्थितियों के अनुसार इसे बढ़ाया भी जा सकता है।
निदेशक IB का मुख्य कार्य देश के भीतर खुफिया जानकारी एकत्रित करना, उनका विश्लेषण करना और संबंधित सरकारी एजेंसियों को समय पर सूचित करना होता है, ताकि संभावित खतरे या आपराधिक गतिविधियों को रोका जा सके। इसमें आतंकवाद, जासूसी, साइबर अपराध, सांप्रदायिक तनाव, उग्रवाद, संगठित अपराध और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषय शामिल होते हैं।
वे देश के विभिन्न हिस्सों में फैले IB नेटवर्क की निगरानी करते हैं, राज्यों की पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय बनाए रखते हैं, तथा संवेदनशील सूचनाओं की गोपनीयता सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा, निदेशक विदेशों से आने वाली खुफिया सूचनाओं का भी विश्लेषण करते हैं और आवश्यक कदम उठाते हैं।
निदेशक IB प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और गृह मंत्री को प्रत्यक्ष रूप से रिपोर्ट करते हैं। उनका काम अक्सर परदे के पीछे होता है, लेकिन उनके निर्णय और सूचनाएं राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर गहरा प्रभाव डालती हैं।
संक्षेप में, निदेशक IB भारत की आंतरिक सुरक्षा के अदृश्य प्रहरी होते हैं, जो खामोशी से देश को अंदरूनी खतरों से सुरक्षित रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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