DIRECTOR CBI
सीबीआई के निदेशक (Director of CBI) भारत में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Bureau of Investigation) के सर्वोच्च अधिकारी होते हैं। यह पद देश की सबसे बड़ी केंद्रीय जांच एजेंसी के मुखिया का होता है, जो भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध, गंभीर आपराधिक मामलों और विशेष रूप से सरकार द्वारा सौंपे गए मामलों की जांच करती है।
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा एक उच्च स्तरीय चयन समिति की सिफारिश पर की जाती है। इस समिति में प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश (या उनके द्वारा नामित न्यायाधीश) और लोकसभा में विपक्ष के नेता शामिल होते हैं। नियुक्ति आमतौर पर भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के वरिष्ठतम अधिकारियों में से की जाती है। निदेशक का कार्यकाल सामान्यतः दो वर्ष का होता है, जिसे कुछ परिस्थितियों में बढ़ाया भी जा सकता है।
सीबीआई निदेशक की मुख्य जिम्मेदारी एजेंसी के सभी विभागों और शाखाओं के कार्यों की निगरानी करना, महत्वपूर्ण मामलों की प्रगति पर नज़र रखना और एजेंसी की तटस्थता, पारदर्शिता और पेशेवर क्षमता बनाए रखना है। उन्हें यह सुनिश्चित करना होता है कि किसी भी जांच में राजनीतिक या बाहरी दबाव न पड़े और तथ्यों के आधार पर ही निष्कर्ष निकाला जाए।
निदेशक न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जांच सहयोग सुनिश्चित करते हैं। इंटरपोल जैसे संगठनों के साथ संपर्क बनाए रखना और सीमा-पार अपराधों की जांच में समन्वय करना उनकी भूमिका का हिस्सा है।
इसके अलावा, सीबीआई निदेशक संसद, गृह मंत्रालय और न्यायपालिका को समय-समय पर एजेंसी की गतिविधियों और मामलों की स्थिति की जानकारी देते हैं। उनका पद ईमानदारी, निर्णय क्षमता और प्रशासनिक दक्षता की मांग करता है।
संक्षेप में, सीबीआई का निदेशक देश की सबसे महत्वपूर्ण जांच एजेंसी का सर्वोच्च प्रहरी होता है, जो कानून के राज और न्याय की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाता है।
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