ACP
एसीपी (ACP) का पूरा नाम असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (Assistant Commissioner of Police) है। यह भारतीय पुलिस सेवा (IPS) या राज्य पुलिस सेवा का एक वरिष्ठ पद है, जो विशेष रूप से महानगरों और आयुक्त प्रणाली (Commissionerate System) वाले शहरों में कार्य करता है। एसीपी का पद लगभग डीएसपी (Deputy Superintendent of Police) के समकक्ष माना जाता है।
एसीपी का मुख्य कार्य अपने विभागीय क्षेत्र (Subdivision) में कानून-व्यवस्था बनाए रखना, अपराधों की रोकथाम करना और पुलिस बल का प्रभावी संचालन करना है। यह अधिकारी एक या एक से अधिक पुलिस थानों की देखरेख करता है और वहां कार्यरत एसएचओ (Station House Officer) एवं अन्य पुलिसकर्मियों को आवश्यक निर्देश देता है।
एसीपी अपने क्षेत्र में होने वाले गंभीर अपराधों, विशेष अभियानों और संवेदनशील मामलों की जांच की निगरानी करता है। किसी बड़े अपराध या आपात स्थिति में यह स्वयं मौके पर पहुँचकर कार्रवाई का नेतृत्व करता है। इसके अलावा, ट्रैफिक प्रबंधन, वीआईपी ड्यूटी, दंगा नियंत्रण, और विशेष सुरक्षा अभियानों में भी एसीपी की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
प्रशासनिक दृष्टि से, एसीपी नियमित रूप से अपने वरिष्ठ अधिकारियों जैसे डीसीपी (Deputy Commissioner of Police) या एडिशनल सीपी को रिपोर्ट करता है। यह अपराध विश्लेषण, गुप्तचर सूचनाओं का आदान-प्रदान, और कानून-व्यवस्था संबंधी योजनाओं के निर्माण में भी सक्रिय रूप से शामिल होता है।
एसीपी की जिम्मेदारी केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे जनता के साथ भरोसेमंद संबंध बनाए रखने और सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने का भी कार्य करना होता है। एक ईमानदार, कुशल और संवेदनशील एसीपी अपने क्षेत्र में न केवल अपराध कम कर सकता है, बल्कि जनता में सुरक्षा और विश्वास की भावना भी स्थापित कर सकता है।
संक्षेप में, एसीपी पुलिस तंत्र का वह अधिकारी है, जो महानगरों में अपराध नियंत्रण और शांति बनाए रखने का अहम स्तंभ होता है।
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