SECOND LIEUTENANT
सेकंड लेफ्टिनेंट (Second Lieutenant) सेना में एक प्रारंभिक अधिकारी पद होता है, जो भारतीय थलसेना सहित कई देशों की सेनाओं में मान्यता प्राप्त है। यह रैंक नवनियुक्त अधिकारियों को दी जाती है जब वे सैन्य प्रशिक्षण संस्थान, जैसे कि भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) या नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) से प्रशिक्षण पूरा करते हैं।
भारत में सेकंड लेफ्टिनेंट का पद एक समय तक सक्रिय था, लेकिन अब इसे लेफ्टिनेंट पद से बदल दिया गया है। फिर भी, ऐतिहासिक और अन्य देशों की सैन्य परंपराओं में यह रैंक महत्वपूर्ण है। इस पद पर अधिकारी को एक पलटन (लगभग 30-40 सैनिक) का नेतृत्व सौंपा जाता है और वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में कार्य करता है।
मुख्य जिम्मेदारियां –
- सैनिकों को प्रशिक्षण देना और उनका मनोबल बढ़ाना।
- संचालन, गश्त और युद्ध अभ्यास में नेतृत्व करना।
- अनुशासन और नियमों का पालन सुनिश्चित करना।
- प्रशासनिक और लॉजिस्टिक कार्यों का प्रबंधन।
चिन्ह और वर्दी –
सेकंड लेफ्टिनेंट की वर्दी पर कंधे के पास एक छोटा सितारा (स्टार) का बैज होता है। यह उसके पद की पहचान कराता है।
पदोन्नति –
सेकंड लेफ्टिनेंट से लेफ्टिनेंट पद पर पदोन्नति आमतौर पर 2 वर्षों में हो जाती है, बशर्ते अधिकारी का प्रदर्शन और सेवा रिकॉर्ड अच्छा हो।
यह पद सेना में प्रवेश का पहला अधिकारी स्तर होने के कारण सम्मान और गर्व का प्रतीक है। यहां से शुरू होकर एक अधिकारी ब्रिगेडियर, मेजर जनरल और लेफ्टिनेंट जनरल जैसे उच्च पदों तक पहुँच सकता है।
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