JOINT SECRETARY

 

संयुक्त सचिव (Joint Secretary) केंद्र या राज्य सरकार के किसी मंत्रालय या विभाग में एक वरिष्ठ प्रशासनिक पद होता है। यह पद आमतौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) या अन्य अखिल भारतीय सेवाओं एवं केंद्रीय सेवाओं के अनुभवी अधिकारियों को दिया जाता है। संयुक्त सचिव मंत्रालय में नीतिगत कार्यों के संचालन, समन्वय और निगरानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

संयुक्त सचिव का मुख्य कार्य मंत्रालय के किसी विशेष प्रभाग या विषय से जुड़े प्रशासनिक और नीतिगत मामलों का प्रबंधन करना है। वह विभागीय सचिव या अतिरिक्त सचिव को सीधे रिपोर्ट करता है और उसके मार्गदर्शन में काम करता है। संयुक्त सचिव योजनाओं और कार्यक्रमों के मसौदे तैयार करने, बजट प्रस्ताव बनाने, नीतिगत सुधार सुझाने और उनके क्रियान्वयन की समीक्षा करने में शामिल होता है।

यह पद मंत्रालय और विभिन्न राज्य सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, गैर-सरकारी संस्थाओं तथा अन्य मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करने का भी कार्य करता है। संयुक्त सचिव संसद में पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर तैयार करने और संसदीय समितियों के समक्ष विभाग का पक्ष रखने में भी सहायता करता है।

संयुक्त सचिव की नियुक्ति आमतौर पर केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की सिफारिश और मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (Appointments Committee of the Cabinet) की मंजूरी से होती है। इसका कार्यकाल प्रायः पाँच वर्ष का होता है, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है।

यह पद न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि नीति निर्माण और उसके प्रभावी कार्यान्वयन में भी अहम भूमिका निभाता है। संयुक्त सचिव अपने प्रभार वाले क्षेत्र में विशेषज्ञता विकसित करता है, जिससे वह निर्णय प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और परिणामोन्मुख बना सके। इस प्रकार, संयुक्त सचिव सरकार के मध्यम स्तर के वरिष्ठ प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण स्तंभ होता है, जो नीतियों और योजनाओं को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाता है।

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