DSP
डीएसपी (DSP), जिसका पूरा नाम डिप्टी सुपरिन्टेंडेंट ऑफ पुलिस (Deputy Superintendent of Police) है, भारतीय पुलिस सेवा में एक महत्वपूर्ण पद है। यह पद राज्य पुलिस सेवा (State Police Service) के अंतर्गत आता है, लेकिन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के प्रारंभिक कैडर के अधिकारी भी डीएसपी के रूप में नियुक्त हो सकते हैं।
डीएसपी का पद पुलिस विभाग में गजटेड ऑफिसर (Gazetted Officer) श्रेणी का होता है और यह थानेदार (SHO) तथा इंस्पेक्टर से उच्च, जबकि एसपी (Superintendent of Police) से निम्न रैंक पर होता है। डीएसपी जिले में किसी उप-मंडल (Sub-Division) के पुलिस प्रशासन का प्रमुख होता है, इसलिए उसे कई जगह एसडीपीओ (SDPO – Sub Divisional Police Officer) भी कहा जाता है।
डीएसपी का मुख्य कार्य अपने क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखना, अपराध नियंत्रण, अपराधियों की गिरफ्तारी और अभियोजन सुनिश्चित करना है। वह अपने अधीनस्थ थानों की गतिविधियों की निगरानी करता है, नियमित दौरे करता है और गंभीर मामलों की जांच की सीधी निगरानी करता है।
डीएसपी के पास दंगे, हंगामे या आपातकालीन परिस्थितियों में बल प्रयोग, धारा 144 लागू करने और सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस बल तैनात करने का अधिकार होता है। इसके अलावा, चुनाव, वीआईपी ड्यूटी, धार्मिक आयोजनों और बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों में सुरक्षा प्रबंधन भी उसकी जिम्मेदारी होती है।
डीएसपी की नियुक्ति राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission) की परीक्षा या पदोन्नति (Promotion) के माध्यम से की जाती है। कुछ राज्यों में, IPS प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारी भी डीएसपी के रूप में कार्यारंभ करते हैं और बाद में एसपी व उससे ऊपर पदोन्नत होते हैं।
इस प्रकार, डीएसपी पुलिस प्रशासन में एक अहम कड़ी है, जो अपने क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ जनता और पुलिस के बीच विश्वास और सहयोग की भावना को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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