20 YEARS RULE OF NITISH KUMAR IN BIHAR
नीतीश कुमार के 20 वर्षों का शासन : बिहार में विकास और चुनौतियाँ
नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में एक लम्बा और महत्वपूर्ण दौर तय किया है। वर्ष 2005 में जब उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तब बिहार को देश का सबसे पिछड़ा और अपराधग्रस्त राज्य माना जाता था। बीते 20 वर्षों (2005–2025) में उन्होंने राज्य की तस्वीर बदलने का प्रयास किया।
नीतीश कुमार के शासन की सबसे बड़ी उपलब्धि “कानून व्यवस्था” में सुधार मानी जाती है। उनके कार्यकाल की शुरुआत में ही अपराध नियंत्रण पर कड़ा प्रहार किया गया, जिससे आम जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ी। उन्होंने शिक्षा और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया। बालिकाओं के लिए साइकिल योजना, छात्रवृत्ति और मध्याह्न भोजन जैसी योजनाओं ने ग्रामीण समाज में जागरूकता फैलाई।
बिहार के बुनियादी ढाँचे में भी सुधार हुआ। सड़कों, पुलों और बिजली की स्थिति पहले से कहीं बेहतर हुई। ग्रामीण इलाकों में सड़क संपर्क और बिजली की उपलब्धता बढ़ने से आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ हुईं। स्वास्थ्य सेवाओं में प्राथमिक सुधार हुए, हालाँकि यह क्षेत्र अभी भी चुनौतियों से घिरा हुआ है।
राजनीतिक दृष्टि से, नीतीश कुमार का कार्यकाल गठबंधन की राजनीति का उदाहरण रहा। उन्होंने कभी भाजपा के साथ, तो कभी राजद और कांग्रेस के साथ सरकार बनाई। इससे उनकी छवि एक व्यवहारिक और लचीले नेता की बनी।
हालाँकि आलोचक यह भी कहते हैं कि दो दशकों बाद भी बिहार औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा है, और युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर नहीं बन सके।
कुल मिलाकर, नीतीश कुमार के 20 साल का शासन बिहार के लिए परिवर्तन, स्थिरता और सुधार का प्रतीक रहा है — जहाँ विकास की यात्रा तो शुरू हुई, पर अभी मंज़िल बाकी है।
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