NEEM KAROLI BABA

 

नीम करौली बाबा

नीम करौली बाबा भारत के प्रसिद्ध संतों में से एक माने जाते हैं। उन्हें लोग प्रेम, करुणा और भक्ति का प्रतीक मानते हैं। उनका वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। उनका जन्म लगभग सन् 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गाँव में हुआ था। वे बचपन से ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे और ईश्वर भक्ति में गहरी रुचि रखते थे।

नीम करौली बाबा को “महाराज जी” के नाम से भी जाना जाता है। वे हनुमान जी के परम भक्त थे और उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय सेवा, भक्ति और ध्यान में व्यतीत किया। बाबा ने उत्तराखंड के नैनीताल जिले में “कैंची धाम” आश्रम की स्थापना की, जो आज विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बन चुका है। यहाँ हर वर्ष जून महीने में भव्य मेले का आयोजन होता है, जहाँ लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन और आशीर्वाद के लिए आते हैं।

नीम करौली बाबा ने कभी किसी से भेदभाव नहीं किया। उन्होंने लोगों को सिखाया कि प्रेम और सेवा ही ईश्वर की सच्ची पूजा है। कहा जाता है कि उनके पास दिव्य शक्तियाँ थीं और वे अपने भक्तों के मन की बात जान लेते थे। अमेरिका के प्रसिद्ध लेखक और योगी “रामदास” तथा एप्पल कंपनी के संस्थापक “स्टीव जॉब्स” और “मार्क ज़ुकरबर्ग” भी बाबा के भक्तों में शामिल रहे हैं।

नीम करौली बाबा का जीवन सादगी, भक्ति और मानवता का प्रतीक है। उन्होंने कभी प्रसिद्धि की इच्छा नहीं रखी, फिर भी उनके विचारों ने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया।

इस प्रकार, नीम करौली बाबा एक ऐसे महान संत थे जिन्होंने दुनिया को प्रेम, करुणा और भक्ति का संदेश दिया। उनका जीवन आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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