BULLION
बुलियन (Bullion)
बुलियन उस धातु को कहा जाता है जो शुद्ध सोना या चांदी के रूप में होती है और जिसे आमतौर पर बार (टुकड़ों), इनगट या सिक्कों के रूप में संग्रहित किया जाता है। यह धातुएँ उच्च शुद्धता वाली होती हैं—आमतौर पर सोना 99.5% और चांदी 99.9% शुद्ध मानी जाती है। बुलियन वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुरक्षित निवेश (Safe Haven Asset) के रूप में जानी जाती है, क्योंकि आर्थिक मंदी, महंगाई, युद्ध या बाजार में अस्थिरता की स्थिति में इसका मूल्य आमतौर पर बढ़ जाता है।
सोना और चांदी मानव सभ्यता का हिस्सा हजारों वर्षों से रहे हैं। आज भी बुलियन निवेशकों, सरकारों और केंद्रीय बैंकों का पसंदीदा विकल्प है। कई देशों के केंद्रीय बैंक सोने के बुलियन को विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा रखते हैं, ताकि उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रहे। बुलियन का इस्तेमाल आभूषण, उद्योगों, इलेक्ट्रॉनिक्स और नैनोटेक्नोलॉजी में भी होता है, जिससे इसकी मांग हमेशा स्थिर रहती है।
बुलियन बाजार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संचालित होता है और इसकी कीमतें लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) जैसे संस्थानों द्वारा निर्धारित की जाती हैं। भारत में बुलियन की कीमतें विदेशी बाजार, डॉलर की कीमत, टैक्स और मांग–आपूर्ति पर निर्भर करती हैं। भारत दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है, जहां सोना सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी रखता है।
निवेशक बुलियन में निवेश कई तरीकों से कर सकते हैं—फिजिकल गोल्ड/सिल्वर, गोल्ड बार, सिल्वर बार, गोल्ड ETF, डिजिटल गोल्ड और सोवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) इसके प्रमुख रूप हैं। बुलियन में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह दीर्घकाल में मूल्य को सुरक्षित रखता है और महंगाई से बचाव प्रदान करता है।
समग्र रूप से, बुलियन आर्थिक सुरक्षा, मूल्य स्थिरता और वैश्विक विश्वास का प्रतीक है। सोना और चांदी दोनों ही लंबे समय तक निवेशकों का भरोसा जीतते आए हैं और आगे भी यह सुरक्षित निवेश का महत्वपूर्ण विकल्प बने रहेंगे।
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