JEETAN RAM MANJHI
जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) बिहार के एक वरिष्ठ और प्रभावशाली राजनीतिज्ञ हैं, जिन्होंने दलित समुदाय के लिए आवाज़ उठाने का महत्वपूर्ण काम किया है। उनका जन्म 6 अक्टूबर 1944 को बिहार के गया जिले के महकर गांव में हुआ था। वे मुसहर (Dalit) जाति से आते हैं, जो पहले काफी सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी रही है।
मांझी की शिक्षा मगध विश्वविद्यालय, गया से हुई, जहाँ से उन्होंने स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनका राजनीतिक करियर करीब 44 साल पुराना है। उन्होंने शुरुआत कांग्रेस से की थी और बाद में जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जेडीयू जैसी पार्टियों में काम किया।
2015 में उन्हें अपनी अलग पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर (HAM-S) बनाने की प्रेरणा मिली। यह पार्टी बाद में NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में शामिल हो गई।
जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने सामाजिक पिछड़ेपन और दलितों की समस्याओं पर जोर देते हुए विकास की राजनीति की है। हाल में, लगभग 80 साल की उम्र में, उन्होंने केंद्रीय मंत्री का पद संभाला, जिससे उनकी राजनीतिक यात्रा की लंबी अवधि और गहराई का पता चलता है।
अपने बोलने के अंदाज़ के कारण मांझी विवादों में भी बने रहते हैं। उन्होंने एक बार भगवान राम को “काल्पनिक पात्र” कहा था, जबकि महर्षि वाल्मीकि की तुलना उन्हें कहीं अधिक महान माना था। इसके बाद उन्होंने विष्णुपद मंदिर में पूजा भी की, जो उनके विचारों की जटिलता को दर्शाता है।
वित्तीय रूप से, उनके हलफनामे के अनुसार उनकी संपत्ति लगभग ₹30.2 लाख है।
कुल मिलाकर, जितन राम मांझी एक ऐसा नेता हैं जिन्होंने कठोर संघर्ष और सामाजिक असहायता के बावजूद राजनीतिक सफर में अपनी पहचान बनाई है। उनकी जीवन-कथा प्रेरणादायक है और उन्होंने दलित और पिछड़े वर्गों के लिए राजनीति में एक मजबूत आवाज़ कायम की है।
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