GRIDHKUT MOUNTAIN RAJGIR
गृद्धकूट पर्वत
गृद्धकूट पर्वत, जिसे गृध्रकूट या वृशभगिरि भी कहा जाता है, बिहार के राजगीर नगर में स्थित एक अत्यंत पवित्र और ऐतिहासिक पर्वत है। यह पर्वत बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विश्वभर में आदर का केंद्र है, क्योंकि यहीं भगवान गौतम बुद्ध ने अपना लंबा समय बिताया और अनेक महत्वपूर्ण उपदेश प्रदान किए। गृद्धकूट नाम का अर्थ “गिद्धों का शिखर” है, क्योंकि इसकी आकृति गिद्ध के समान दिखाई देती है और प्राचीन समय में यहाँ बड़ी संख्या में गिद्ध पाए जाते थे।
बौद्ध साहित्य के अनुसार, गृद्धकूट पर्वत वह स्थान है जहाँ बुद्ध ने धम्म के गहन प्रवचन दिए और कई सूत्रों का उपदेश किया, जैसे प्रसिद्ध सद्धर्मपुण्डरीक सूत्र। यहाँ पर राजा बिंबिसार बुद्ध से मिलने आया करते थे और उन्होंने इस स्थान को अत्यधिक सम्मान दिया था। यह पर्वत उस युग की आध्यात्मिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र था, जहाँ बुद्ध के अनेक शिष्य, जैसे आनंद और महाकश्यप, अध्ययन और साधना करते थे।
गृद्धकूट पर्वत तक पहुँचने के लिए आज रोपवे की सुविधा उपलब्ध है, जिससे पर्यटक और श्रद्धालु आसानी से शिखर तक जा सकते हैं। पर्वत की चोटी पर बुद्ध के उपदेश स्थल, ध्यान स्थल और पत्थरों से बने प्राचीन अवशेष आज भी मौजूद हैं। यहाँ की शांत वातावरण, पहाड़ियों का सुंदर दृश्य और ऐतिहासिक महत्व इसे एक अद्वितीय तीर्थस्थल बनाते हैं।
राजगीर शहर के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित गृद्धकूट पर्वत आगंतुकों को आध्यात्मिक शांति और इतिहास की गहराई का अनुभव कराता है। यह स्थान न केवल बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण अध्याय है, बल्कि भारतीय सांस्कृतिक विरासत का भी अमूल्य हिस्सा है। कुल मिलाकर, गृद्धकूट पर्वत आध्यात्मिकता, इतिहास और प्रकृति का एक सुंदर संगम है, जो हर आगंतुक को प्रेरणा और शांति प्रदान करता है।
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